Jharkhand Wasted Vaccine: झारखंड में वैक्सीन की बर्बादी पर भड़की सियासी आग, झामुमो-भाजपा में दो-दो हाथ...
Jharkhand News कफन प्रकरण के बाद अब वैक्सीन की खपत और बर्बादी को लेकर झारखंड में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने एक न्यूज एजेंसी के ट्वीट को आधार बना सत्ता पक्ष पर वैक्सीन की बर्बादी का आरोप लगाया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News कोरोना संक्रमण काल में भी राजनीतिक दल सियासत का एक भी मौका हाथ से गंवाना नहीं चाहते। कफन प्रकरण के बाद अब वैक्सीन की खपत और बर्बादी को लेकर झारखंड में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने एक न्यूज एजेंसी के ट्वीट को आधार बना सत्ता पक्ष पर वैक्सीन की बर्बादी का आरोप लगाया और पूछा कि 37.3 फीसद वैक्सीन की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है।
भाजपा द्वारा सवाल उठाने और इंटरनेट मीडिया में इस प्रकरण के उछलने के बाद शाम में राज्य सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया गया कि वैक्सीन के अपव्यय का अनुपात कहीं कम है। झामुमो ने डिजिटल मीडिया पर गेट वेल सून बीजेपी हैशटैग के साथ मोर्चा खोला और बताया कि आंकड़े फर्जी हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों को भी झामुमो ने अपने ट्वीट के साथ रखा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने वैक्सीनेशन की जिलावार रिपोर्ट जारी करते हुए सवाल उठाया कि फर्जी आंकड़े जारी करने का मकसद क्या है।
दूसरी ओर, इससे पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी समेत अन्य नेताओं ने राज्य सरकार पर वैक्सीन की बर्बादी का आरोप लगाते हुए कहा कि जीवन रक्षक कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के मामले में झारखंड पूरे देश में पहले स्थान पर है। आखिर 37.3 फीसद वैक्सीन की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है। भाजपा ने अन्य सांसद, विधायक और नेता भी इस मामले में सरकार पर निशाना साधते दिखे। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सभी 24 जिलों में वैक्सीन की खपत का डाटा साझा करते हुए विपक्षी दलाें के साथ-साथ केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
मंत्री चंपाई सोरेन और कांग्रेस के अन्य नेता भी इस प्रकरण पर पलटवार करते दिखे। कांग्रेस नेता कृषि मंत्री बादल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान को निराधार करार देते हुए आपदा के वक्त सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में आने काे कहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के बयान से स्पष्ट हो गया है कि झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता है। हालांकि राज्य सरकार के स्तर से स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद जिरह शांत हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और देर शाम तक इंटरनेट मीडिया पर दोनों पक्ष भिड़े रहे।
राज्य सरकार ने किया स्पष्ट, 4.65 प्रतिशत वैक्सीन का ही हुआ अपव्यय
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में कोविड वैक्सीन के अपव्यय का अनुपात केवल 4.65 प्रतिशत है। को-विन सर्वर पर डाटा अपडेट नहीं होने से अधिक अपव्यय दिख रहा है, जिसे ठीक करने का अनुरोध केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने पूरे प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य के पास अबतक टीके की कुल डोज की उपलब्धता के अनुसार वैक्सीन का अपव्यय अनुपात केवल 4.65 प्रतिशत है, जो राष्टीय औसत 6.3 फीसद से कम है। तकनीकी कठिनाइयों के कारण टीकाकरण डेटा को केंद्रीय को-विन सर्वर पर पूरी तरह से अपडेट नहीं किया जा सका। इसका अपडेशन प्रक्रिया में है।
उनके अनुसार, केंद्र से 45 से अधिक आयु के नागरिकों के टीकाकरण के लिए मिली वैक्सीन में तो अपव्यय महज 0.4 प्रतिशत है। वहीं, 18 से 44 वर्ष के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदी गई वैक्सीन में सात प्रतिशत अपव्यय है। केंद्र द्वारा ऑन साइट रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं मिलने से इतना अपव्यय हुआ। उनके अनुसार, राज्य सरकार लगातार इसे कम करने का प्रयास कर रही है। डाटा अपडेट नहीं होने के सवाल पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह संबंधित कर्मी की मानवीय भूल है।
साहिबगंज व चतरा में एएनएम द्वारा लगत डाटा एंट्री पोर्टल पर की गई। इसमें सुधार करने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है और इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ही ठीक कर सकता है। इधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के संबंधित पदाधिकारी डाटा को ठीक करने के लिए देर रात तक जिलों से सही आंकड़ा मंगाने में जुटा था। इससे पहले, राज्य सरकार द्वारा कहा गया है कि जिलों को 48.63 लाख टीके की आपूर्ति की गई है, जिनमें जिलों द्वारा अबतक 42.07 लाख टीकों का उपयोग किया गया है।
जिलों में कुल टीके की कवरेज को देखें तो वह 40.12 लाख है, जबकि अपव्यय का प्रतिशत 4.65 प्रतिशत है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य के सभी जिलाें में टीका के उपयोग तथा अपव्यय का सही डेटा जारी किया। हालांकि बाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि जिलों से रिपोर्ट मंगाकर उसमें भी सुधार किया जा रहा है।