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Jharkhand: बिजली चोरों की आई शामत, 2474 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी...

Jharkhand News Samachar एंटी पावर थेफ्ट टीम ने सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक 602 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी और एफआईआर दर्ज कराई। बिजली चोरी करने वालों पर 106.31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। चोरी के सबसे अधिक मामले डालटेनगंज में पकड़े गए हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:47 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:58 PM (IST)
Jharkhand: बिजली चोरों की आई शामत, 2474 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी...
Jharkhand News Samachar:एंटी पावर थेफ्ट टीम ने सुबह छह से शाम पांच बजे तक 602 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News Samachar राज्य में बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ मंगलवार को एक साथ 2474 स्थानों पर छापेमारी की गई। ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक (निगरानी एवं सुरक्षा) के निर्देश पर एंटी पावर थेफ्ट टीम ने सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक 602 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी और एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की। बिजली चोरी करने वालों पर 106.31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

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चोरी के सबसे अधिक मामले डालटेनगंज में पकड़े गए हैं। डालटेनगंज में 361 स्थानों पर छापेमारी में 140 मामलों में बिजली चोरी पकड़ी गई। देवघर में 69, हजारीबाग में 65, गढ़वा में 48, रांची में 47 और गिरिडीह में 42 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी गई। जबकि धनबाद में 32, जमशेदपुर में 30, रामगढ़ में 31, गुमला में 14, कोडरमा में 12 स्थानों पर बिजली चोरी के मामले मिले।

कोरोना की बंदिशों का असर, घटी बिजली की डिमांड

कोरोना की बंदिशों का असर राज्य में बिजली की रोजाना मांग पर दिखने लगा है। पीक आवर में बिजली की मांग में सामान्य दिनों की अपेक्षा 100 मेगावाट से अधिक की कमी देखी जा रही है। इसका कारण शाम आठ बजे के बाद राज्य में दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद होना बताया जा रहा है। इसके अलावा गर्मी में आई थोड़ी कमी भी वजह बताई जा रही है। हालांकि सामान्य दिनों में राज्य में पीक आवर (शाम में) में बिजली की मांग अधिकतम 1400 मेगावाट रहती है। पिछले दो दिनों के आंकड़े में इस मांग में कमी आई है।

100 मेगावाट से अधिक की डिमांड घटी

11 अप्रैल को राज्य में बिजली की उपलब्धता 1236 मेगावाट थी, लेकिन डिमांड 1103 मेगावाट का रहा। इसी प्रकार 12 अप्रैल को बिजली की उपलब्धता 1291 मेगावाट थी, लेकिन मांग 1196 मेगावाट पर सिमट गया। हालांकि 10 अप्रैल को इसमें कोई खास अंतर देखने को नहीं मिला था। फिलहाल राज्य के सबसे बड़े विद्युत उत्पादक संयंत्र टीवीएनएल की दोनों यूनिटों से उत्पादन हो रहा है। जबकि सिकिदरी हाइडेल से उत्पादन ठप है। सोमवार को टीवीएनएल की दो यूनिटों से 280 मेगावाट बिजली का उत्पादन दर्ज किया गया। इसके अलावा बिजली की मांग निजी उत्पादक कंपनियों और सेंट्रल पूल से पूरी की गई।  


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