यहां रघुवर दास से मात खा गए नरेंद्र मोदी, जानिए कैसे
Narendra Modi and Raghubar Das. किसानों को साधने में भारत सरकार की प्रधानमंत्री कृषक सम्मान येाजना पर झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना भारी पड़ रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राजनीति में ऐसे अवसर कम ही देखने को मिलते हैं कि चेला अपने ही गुरु को मात दे दे। लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऐसा कुछ कर दिखाया है। प्रतिस्पर्धा स्वस्थ है और मामला किसानों के हितों से जुड़ा है। रघुवर इन हितों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपेक्षा बेहतर तरीके से साधते हुए दिखते हैं। भारत सरकार की 'प्रधानमंत्री कृषक सम्मान येाजना' पर झारखंड सरकार की 'मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना' भारी पड़ रही है।
केंद्रीय बजट में एक फरवरी को प्रधानमंत्री कृषक सम्मान योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत किसानों के खाते में तीन किश्तों में प्रतिवर्ष 6000 रुपये भेजे जाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन झारखंड में इससे मिलती जुलती मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी सरकार के चार वर्ष (28 दिसंबर) पूरे होने के मौके पर ही कर दी थी। इतना ही नहीं 22 जनवरी को पेश बजट में बकायदा इस योजना के लिए 2000 करोड़ का बजटीय प्रावधान कर दिया। खरीफ फसल से पूर्व किसानों के बीच इस राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। राज्य के 22 लाख से अधिक किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा।
केंद्रीय योजना से बड़ा है राज्य सरकार की योजना का फलक
झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का फलक भी प्रधानमंत्री कृषक सम्मान योजना से बड़ा है। केंद्रीय योजना में किसानों को तीन किश्तों में 6000 रुपये देने का प्रावधान किया गया है जबकि झारखंड में एक ही किश्त में राशि दी जाएगी। राज्य सरकार ने राशि का प्रावधान प्रति एकड़ 5000 रुपये किया है और अधिकतम पांच एकड़ तक के लिए इस राशि को देने की घोषणा की है। जाहिर है पांच एकड़ भूमि रखने वाले किसान को राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि के रूप में 25000 रुपये तक देगी।
झारखंड के किसानों को मिलेंगे 11000 से 31000
झारखंड के किसानों को केंद्र व राज्य सरकार दोनों योजना का लाभ मिलेगा। केंद्रीय योजना के तहत किसानों को 6000 रुपये दिए जाएंगे, वहीं राज्य योजना के तहत कम से कम 5000 रुपये। इस लिहाज से किसानों को कम से कम 11000 रुपये वार्षिक मिलेंगे। यदि किसी किसान के पास पांच एकड़ तक भूमि है तो उसे केंद्र की ओर से 6000 रुपये और राज्य सरकार की ओर से 25000 रुपये यानि कुल 31000 रुपये सालाना मिलेंगे।