हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे से मोदी सरकार के साथ रिश्तों में आई गर्मजोशी...
Hemant Soren Delhi Visit सीएम के दौरे में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के क्रम में दोनों ही ओर से गर्मजोशी दिखाई दी जो कि हमारे मजबूत संघीय ढांचे की पहचान है। केंद्र व राज्य के बीच सकारात्मक संवाद झारखंड जैसे छोटे राज्यों के लिए काफी अहम है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren Delhi Visit कोरोना संक्रमण के लंबे कालखंड के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों दिल्ली प्रवास पर हैं। हेमंत सोरेन का यह दौरा सकारात्मक परिणाम देने वाला माना जा रहा है। इस दौरे से केंद्र व राज्य के रिश्तों में गर्मजोशी आई है। राजनीतिक और कूटनीतिक दोनों लिहाज से इस दौरे की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस आइने से देखें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक सकारात्मक पहल की है, जिसका बेहतर परिणाम सामने आएगा।
पिछले तीन दिनों के दौरान मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर राज्य के हितों से जुड़े मसलों को उठाया। केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के क्रम में दोनों ही ओर से गर्मजोशी दिखाई दी, जो कि हमारे मजबूत संघीय ढांचे की पहचान है। केंद्र व राज्य के बीच सकारात्मक संवाद, झारखंड जैसे छोटे राज्यों के लिए काफी अहम है।
संवादहीनता की स्थिति पैदा होने से रिश्तों में न चाहते हुए भी खटास पैदा हो जाती है। डीवीसी का मसला इसकी बानगी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के क्रम में राज्य हित की बातें दमदार तरीके से रखी हैं। उन्हें सभी मंत्रियों से भरोसा भी मिला है। खनिज संपदा से जुड़े मसलों का भी हल निकलने की संभावना दिखाई दे रही है। लंबे समय से लटकी राशि का यदि कुछ हिस्सा भी मिला तो यह झारखंड के लिए हितकारी होगा।
वहीं, निजी कोल ब्लॉक के मसले पर पैदा हुई जिच की स्थिति का भी समाधान निकलने की बात कही जा रही है। केंद्रीय कोयला मंत्री से मुलाकात के क्रम में इस बाबत भी चर्चा हुई है। निजी कोल ब्लॉक पर झारखंड का रुख यदि लचीला होता है तो इसका फायदा राज्य को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तौर पर मिलेगा। राजस्व के साथ-साथ रोजगार के लिहाज से भी यह काफी अहम माना जा रहा है।
जीएसटी के मसले पर पहले ही केंद्र के सुझाए फार्मूले पर झारखंड पहले ही अमल कर चुका है। डीवीसी और निजी कोल ब्लॉक पर सहमति का मसला भी अब सुलझने के आसार दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी उम्मीद है कि झारखंड की अपेक्षाओं को केंद्र पूरा करेगा।