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झारखंड के CM हेमंत सोरेन के लिए ली जाएगी 60 लाख की BMW कार, मंत्रियों के लिए भी कार खरीदने का प्रस्‍ताव

Jharkhand Government News. 520 डी मॉडल कार के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग पहुंचा है। वर्तमान में हेमंत सोरेन पांच साल पुरानी कैमरी कार से आना-जाना करते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 03:40 PM (IST)
झारखंड के CM हेमंत सोरेन के लिए ली जाएगी 60 लाख की BMW कार, मंत्रियों के लिए भी कार खरीदने का प्रस्‍ताव
झारखंड के CM हेमंत सोरेन के लिए ली जाएगी 60 लाख की BMW कार, मंत्रियों के लिए भी कार खरीदने का प्रस्‍ताव

रांची, [आशीष झा]। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब ज्यादा दिनों तक पुरानी कार पर नहीं चलेंगे। उनके लिए बीएमडब्ल्यू कार खरीदने की पूरी तैयारी कर ली गई है। विश्व प्रसिद्ध बीएमडब्ल्यू कार के मॉडल 520 डी को मुख्यमंत्री की अधिकृत सवारी के तौर पर पसंद किया गया है। इस कार की कीमत लगभग 60 लाख रुपये है। वर्तमान में सीएम पांच साल पुरानी कैमरी कार से आना-जाना कर रहे हैं।

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यह कार पूर्ववर्ती झारखंड सरकार के कार्यकाल में खरीदी गई थी। बीएमडब्ल्यू 520 डी के अलावा मुख्यमंत्री के काफिले के लिए एक और कार का प्रस्ताव है। यह कार होगी टोयटा इनोवा क्रिस्टा। सीएमओ से दोनों कार के लिए पहुंचे प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाने के बाद अब इसकी खरीदारी शीघ्र ही होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

अब मंत्रियों के लिए होगी खरीदारी

मुख्यमंत्री के लिए कार खरीदारी पर निर्णय हो जाने के बाद बाकी मंत्रियों के लिए भी नई कार की खरीदारी की जाएगी। राज्य में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन के मंत्रियों में से किसी को भी नई कार नहीं मिली है। कई मंत्री खुद की कार से ही आना-जाना कर रहे हैं। अब सभी मंत्रियों के लिए विभाग के स्तर से कार खरीदने का प्रस्ताव पारित होने की संभावना बढ़ गई है।

कर्मियों के लिए लागू हैं वित्तीय पाबंदियां

राज्य में सीएम के लिए गाड़ी खरीदने में कोई नई बात नहीं है, लेकिन जो हालात हैं उससे कई लोग सवाल भी उठा रहे हैं। सरकार का खजाना खाली होने की बात कही जा रही थी और इसके बाद वित्तीय प्रबंधन के नाम पर कई प्रकार की निकासी पर रोक लगा दी गई है। यहां तक कि कर्मियों को महंगाई भत्ता तक नहीं मिल रहा है और पीएफ खाते से राशि निकासी तक पर रोक लगी है। कार्यालयों के खर्च पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। नई योजनाएं तो ली ही नहीं जा रही हैं और पुरानी योजनाओं का भी काम धीमा चल रहा है।

इधर, इस संबंध में भाजपा नेता कुणाल षाडंगी ने कहा है कि संभव है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विशेषाधिकार हो। लेकिन जब संसाधनों की कमी का वास्ता देकर कल्याणकारी योजनाएं बंद की जा रही हो, इस बीएमडब्‍ल्‍यू कार की सवारी करना उनकी प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए। इस प्रस्ताव को टाल कर वे उदाहरण पेश करें।


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