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झारखंड चैंबर की मांग, संताल परगना औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर ध्‍यान दे सरकार

Jharkhand Chamber of Commerce Jharkhand Hindi News चैंबर ने गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहिबगंज इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का स्वागत किया है। कहा कि यह रोड कोयलांचल और संताल क्षेत्र का लाइफलाइन बनेगा। कहा कि इससे यहां उद्योगों का जाल बिछाया जा सकता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 04:21 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 04:23 PM (IST)
झारखंड चैंबर की मांग, संताल परगना औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर ध्‍यान दे सरकार
Jharkhand Chamber of Commerce, Jharkhand Hindi News चैंबर ने गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहिबगंज इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का स्वागत किया है।

रांची, जासं। झारखंड सरकार द्वारा संताल परगना क्षेत्र में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की घोषणा का फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने स्वागत किया है। चैंबर की तरफ से कहा गया है कि सरकार की इस योजना से क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति होगी और व्यापक रोजगार की संभावनाओं का दरवाजा खुलेगा। इसके सफलीभूत होने से संताल क्षेत्र का आर्थिक पिछड़ापन दूर होगा। चैंबर के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि गोविंदपुर-जामताड़ा- दुमका-साहिबगंज एनएच के आसपास के क्षेत्रों काे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में विकसित कर यहां लॉजिस्टिक, वेयरहाउस तथा उद्योगों का जाल बिछाया जा सकता है।

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इससे संताल परगना का क्षेत्र समुचित विकसित क्षेत्र बन जाएगा। यह रोड कोयलांचल और संताल क्षेत्र का लाइफलाइन बनेगा क्योंकि इसकी कनेक्टिविटी साहिबगंज के नवनिर्मित बंदरगाह, देवघर एयरपोर्ट, रेलवे नेटवर्किंग के कारण शानदार और उद्यम प्रगति के सर्वाधिक अनुकूल है। फेडरेशन चैंबर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने मुख्यमंत्री से मांग की कि एसपियाडा (संताल परगना औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के विकास और क्रियान्वयन को भी संज्ञान में लेकर प्राथमिकता के साथ यहां औद्योगिक-व्यावसायिक गतिविधियां सुचारू बनाने की सरकारी पहल की जाए।

एसपियाडा के अंतर्गत संथाल में लगभग 12 औद्योगिक क्षेत्र चिन्हित हैं। जसीडीह एवं दुमका में आंशिक गतिविधियों के अलावा शेष सारे औद्योगिक क्षेत्र में सारी गतिविधियां ठप हैं। वर्तमान स्थिति में एसपियाडा में जसीडीह के बाद देवीपुर सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है और यहां लगभग 81 प्लॉटों के आवंटन की प्रक्रिया 2 वर्षों से ज्यादा समय से पूरी की जा चुकी है, लेकिन उनमें से एक भी प्लॉट पर उद्यमियों को दखल नहीं दिलाया जा सका है।


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