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Jharkhand By Election 2020: कांग्रेस का दावा, बेरमो-दुमका से भाजपा में कोई लड़ने को नहीं था तैयार

Jharkhand By Election 2020 दो सीटों पर उपचुनाव को लेकर तेज हुई राजनीति के बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि बेरमो में भाजपा का कोई नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के मुताबिक भाजपा ने लगातार पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास...

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 06:43 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 06:43 PM (IST)
Jharkhand By Election 2020: कांग्रेस का दावा, बेरमो-दुमका से भाजपा में कोई लड़ने को नहीं था तैयार
बेरमो-दुमका से भाजपा में कोई लड़ने को नहीं था तैयार। जागरण

रांची (राज्य ब्यूरो) । दो सीटों पर उपचुनाव को लेकर तेज हुई राजनीति के बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि बेरमो में भाजपा का कोई नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के मुताबिक भाजपा ने लगातार पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को बेरमो से चुनाव मैदान में उतारने की कोशिश की। उधर दल-बदल करने वाले बाबूलाल मरांडी समेत अन्य बड़े नेताओं को आग्रह किया कि दुमका से चुनाव लड़े, किंतु हार के डर से कोई लड़ने को तैयार नहीं हुआ। अंत मे भाजपा ने इतनी मशक्कत के बाद दोनों सीटों पर उन्हीं पुराने चेहरों पर दांव आजमाया, जिसे जनता ने पांच वर्षों के लिए नकार दिया था। यह झारखंड में भाजपा की दयनीय स्थिति को दर्शाता है ।

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झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दोनों सीटों पर जीत का दावा किया। कहा कि बेरमो परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीट रही है। बेरमो की जनता ने कद्दावर नेता राजेंद्र बाबू को सिर-माथे पर बिठाया और हमेशा अपने दिल के करीब रखा। उन्होंने पूरे क्षेत्र को विकास के पैमाने पर आगे बढ़ाया। उनकी विरासत को उनके पुत्र कुमार जयमंगल आगे बढ़ाएंगे। दुमका में भी गठबंधन के प्रत्याशी बसंत सोरेन के मुकाबले कोई नहीं है। भाजपा के चंद नेता लोगों के बीच भ्रम फैलाने में जुटे हुए हैं।

जनता इनकी असलियत जानती है। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में बार-बार आदिवासी समुदाय के खिलाफ अनर्गल बातें बोलने वाले रघुवर दास आज विकास की बातें कर रहे हैं। भाजपा ने राज्य के लोगों का हक छीना है। ये आदिवासियों का जल, जंगल, जमीन कारपोरेट घरानों को सौंपना चाहते हैं। जनता इनकी चाल को बखूबी समझती है। यही कारण है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने इन्हें गद्दी से उखाड़ फेंका। भाजपा नेताओं को लोगों के बीच जाकर वोट मांगने का नैतिक अधिकार नहीं है। इन्हें अपनी गलतियों का प्रायश्चित करना चाहिए।


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