Jharkhand Budget Session: सदन में भाजपा विधायकों का प्रदर्शन, बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर अड़े
Jharkhand Budget Session विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन बुधवार को एक बार फिर हंगामे हुआ। भाजपा विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Budget Session झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग को लेकर गतिरोध की स्थिति लगातार बनी हुई है। बुधवार को बजट सत्र के चौथे कार्यदिवस पर भी ऐसा ही नजारा नजर आया। भाजपा विधायकों ने बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग को लेकर वेल में आकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। जिससे सदन की कार्यवाही पहली पाली में दो बार बाधित हुई।
वहीं, दूसरी पाली में भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बाद मूल बजट पर चर्चा हो सकी। हंगामे के दौरान भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की, कई बार विधानसभा सचिव की टेबल को पीटा, तालियां बजाते हुए प्रदर्शन किया, जिससे स्पीकर रवींद्रनाथ महतो खासा खफा दिखे। उन्होंने कई बार भाजपा विधायकों को मर्यादा में रहने की नसीहत भी दी। स्पष्ट कहा कि विरोध असंसदीय व अमर्यादित नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी रही।
सदन की कार्यवाही 11.05 बजे शुरू होते ही भाजपा विधायक अनंत ओझा ने व्यवस्था के तहत बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का मामला उठाया। कहा, नेता प्रतिपक्ष के बिना सदन अधूरा है। विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा? इसी के साथ ही भाजपा विधायक वेल में आ गए और प्ले कार्ड लेकर प्रदर्शन करने लगे। विधायक रणधीर सिंह प्ले कार्ड लेकर रिपोर्टिंग टेबल के इर्दगिर्द घूमने लगे। वहीं कुछ अन्य विधायक विधानसभा सचिव की टेबल को जोर-जोर से पीटने लगे। संघर्ष करने जैसे नारे भी लगाए।
स्पीकर ने अव्यवस्थित सदन के बीच किसी तरह सदन को चलाने की कोशिश की। अल्पसूचित प्रश्न काल के तहत आजसू विधायक लंबोदर महतो और प्रदीप यादव के सवाल भी लिए गए। लेकिन पूरक प्रश्न के दौरान भाजपा विधायकों का शोरगुल काफी बढ़ गया। स्पीकर ने भाजपा विधायकों को समझाते हुए कहा कि आपका विषय आ गया है। अपनी सीट पर जाएं और प्रश्नकाल चलने दें। ये जनता से जुड़े सवाल हैं, आपके महत्वपूर्ण सवाल हैं। सदन को चलने दें। लेकिन स्थिति जस की तस रही।
शोरगुल बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सदन की कार्यवाही 12.04 बजे शुरू होते ही विधायक बंधु तिर्की ने स्पीकर से पूछा कि आपने गतिरोध दूर करने के लिए बैठक बुलाई थी, उस बैठक में क्या हुआ। इसकी जानकारी सदस्यों को दी जानी चाहिए। कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने सवाल उठाया कि यह सदन में क्या हो रहा है। टेबल बजाया जा रहा है। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि वे भाजपा विधायकों को बाहर करें। इस बीच एक बार फिर भाजपा विधायक वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। स्पीकर ने व्यवधान के बीच ही शून्य काल शुरू किया।
शून्य काल के दौरान विधायक अंबा प्रसाद, उमाशंकर अकेला, अमित कुमार यादव, विनोद कुमार सिंह, प्रदीप यादव, इरफान अंसारी, भूषण बाड़ा, भूषण तिर्की व समीर मोहंती ने शोर-गुल के बीच अपनी बात भी रखी। इस बीच भाजपा विधायकों के विरोध का स्वर तेज हो गया। इससे स्पीकर खासा नाराज दिखे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विरोध असंसदीय व अमर्यादित नहीं होना चाहिए। आसन न्याय से भाग नहीं रहा है। थोड़ा समय दें। यह भी कहा कि हमेशा सत्य की जीत होती है।
अपनी बात समाप्त करने के बाद स्पीकर ने ध्यानाकर्षण लेेने की कोशिश की लेकिन भाजपा विधायक हो-हो कर जोरजोर से शोर करने लगे। विधायकों के इस रवैये से स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब तो कठोर होना पड़ेगा। आप लोग दबाव बनाना चाह रहे हैं। आसन नियम से चलता है। विरोध मर्यादित हो। असंसदीय होगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध में गंभीरता झलकनी चाहिए। यहां गंभीरता नहीं दिख रही है। हम दूसरे शब्दों में बोलेंगे तो खराब लगेगा।
स्पीकर के इतना कहते ही भाजपा विधायक न्याय दो, न्याय दो के नारे, जोर-जोर से लगाने लगे। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दूसरी पाली में भी जस की तस स्थिति बनी रही। हालांकि इस बीच भाजपा विधायक अमर बाउरी ने मूल बजट पर चर्चा के दौरान अपनी पार्टी का पक्ष रखा और इसके तत्काल बाद भाजपा विधायक पूर्व की तरह वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। अव्यवस्था के बीच स्पीकर ने सदन चलाने की कोशिश की, जिसका भाजपा विधायकों ने विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। भाजपा विधायकों के जाने के बाद बजट पर चर्चा हुई।