Move to Jagran APP

Jharkhand Budget Session: गतिरोध की वजह से समय से पहले स्थगित हो सकता है बजट सत्र

Jharkhand Budget 2020. हंगामा जारी रहने की स्थिति में गिलोटिन लाकर पास कराया जा सकता है बजट। वर्ष 2018 के बजट सत्र में ऐसे ही पारित हुआ था बजट।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 07:45 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 08:46 PM (IST)
Jharkhand Budget Session: गतिरोध की वजह से समय से पहले स्थगित हो सकता है बजट सत्र
Jharkhand Budget Session: गतिरोध की वजह से समय से पहले स्थगित हो सकता है बजट सत्र

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र समय से पहले स्थगित हो सकता है। विधानसभा में लगातार बनी गतिरोध की स्थिति को देखते हुए इस बाबत बाबत निर्णय लिया जा सकता है। सत्ताधारी दल बहुमत के आधार पर गिलोटिन लाकर मूल बजट को पास करा सकता है। वर्ष 2018 के बजट सत्र में समय से पहले ही गिलोटिन लाकर बजट पास कराया गया था। झारखंड विधानसभा का बजट नियत समय के अनुसार 28 मार्च तक चलना है।

loksabha election banner

एक माह के इस अहम सत्र के दौरान 18 कार्यदिवस होंगे, जिनमें पहले छह कार्यदिवस हंगामे की भेंट चढ़ गए। आगे भी आसार ऐसे ही नजर आ रहे हैं। सरकार सदन में तीन मार्च को बजट पेश कर चुकी है, और अब बजट की अनुदान मांगों पर विभागवार चर्चा हो रही है। विभिन्न विभागों की अनुदान मांगों पर वाद-विवाद के बाद इसे पास किया जाता है और अंत में मूल बजट पास कराया जाता है। चूंकि विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा होती है, इसलिए बजट सत्र की अवधि अधिक होती है। जो माहौल बना हुआ है, उससे देखते हुए गिलोटिन लाने जैसे उपायों पर विचार किया जा सकता है।

क्यों मचा है हंगामा

भाजपा विधायक अपने विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग को लेकर विधानसभा में लगातार हंगामा कर रहे हैं, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। स्पीकर के अनुरोध के बाद भी भाजपा विधायकों का हंगामा जारी है। इधर, शुक्रवार को बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो के भाजपा में विलय को चुनाव आयोग ने भी अपनी मंजूरी दी है। जाहिर है इस निर्णय को लेकर भाजपा विधायक स्पीकर पर दबाव बनाएंगे, जिससे टकराव बढऩे के आसार हैं।

क्या होता है गिलोटिन

गिलोटिन संसद या विधानसभा में बिना बहस के अनुदान मांगों को बहुमत के आधार पर पारित करने की ताकत देता है। भले ही उस पर चर्चा हुई हो या न हुई हो। सीधे शब्दों में समझें तो बगैर किसी चर्चा के ध्वनिमत से बजट पारित कराया जा सकता है। इसे गिलोटिन कहा जाता है।

होली के बाद स्थिति होगी स्पष्ट

विधानसभा की कार्यवाही होली अवकाश के बाद 12 मार्च से आरंभ होगी। चुनाव आयोग द्वारा झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय को मंजूरी देने के बाद संभावना है कि विधानसभा में बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता पर जल्द फैसला हो जाए। इस फैसले से भाजपा उत्साहित भी है, क्योंकि विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की मान्यता को लेकर पार्टी के विधायक लगातार जूझ रहे हैं। इसके कारण सत्र की कार्यवाही सुचारू तौर से नहीं चल पा रही है।

भाजपा विधायक लगातार वेल में आकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों संग उनकी नोकझोंक भी होती है। 12 मार्च से विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होने के बाद भी लगातार गतिरोध बरकरार रहा तो सरकार कड़ा फैसला ले सकती है। इसमें किसी प्रकार की अड़चन भी नहीं है। विपक्ष इसे ज्यादा उछाल भी नहीं सकता, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारें ऐसा करती रही है।

विधानसभा में गतिरोध की स्थिति में बगैर बहस बजट पास किए जाने को लेकर प्रावधान है। ऐसे में इसका प्रयोग किया जा सकता है। भाजपा विधायकों को भी इसका आभास है। वे लगातार बहस का बहिष्कार कर रहे हैं और प्रश्नकाल के दौरान वेल में आकर विरोध कर रहे हैं। इससे गिलोटिन की संभावना प्रबल हो गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.