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Jharkhand Budget 2021: झारखंड बजट आज, सरकार खोलेगी खजाना; CM हेमंत पर नजरें टिकीं

Jharkhand Budget 2021 झारखंड में आज वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश हो रहा है। यह बजट गांव गरीब किसान महिलाओं युवाओं कमजोर और वंचित तबके के इर्द-गिर्द सिमटा दिखाई देगा। चालू वित्तीय वर्ष का बजट 86370 करोड़ था इस बार 90 हजार करोड़ का बजट रह सकता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:14 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 09:50 AM (IST)
Jharkhand Budget 2021: झारखंड बजट आज, सरकार खोलेगी खजाना; CM हेमंत पर नजरें टिकीं
Jharkhand Budget 2021, Jharkhand News: झारखंड सरकार आज अपना बजट पेश कर रही है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Budget 2021, Jharkhand News झारखंड विधानसभा में बुधवार को मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार बजट पेश करेगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में कोरोना काल की विषम परिस्थिति से उबरने के प्रयास की स्पष्ट झलक देखने को मिलेगी। बजट गांव, गरीब, किसान, महिलाओं, युवाओं, कमजोर और वंचित तबके के इर्द-गिर्द सिमटा दिखाई दे सकता है। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार बजट आकार में करीब चार हजार करोड़ की वृद्धि कर सकती है। इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वार्षिक बजट पेश होने के दौरान विधायकों को सदन में मौजूद रहने को कहा है।

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वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव पहुंचे विधानसभा। आज पेश करेंगे वित्तीय वर्ष 2021-2022 का बजट।

झारखंड विधानसभा में बुधवार को पेश होने वाले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में बजट में रोजगार और आदिवासी वर्ग के लिए सरकार अपना खजाना खोल सकती है। गांव, गरीब, किसान, महिलाओं, युवाओं पर खास फोकस होगा। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार नए साल में अपना बजट चार हजार करोड़ बढ़ाने जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष का बजट आकार 86,370 करोड़ था, इस बार यह 90 हजार करोड़ के आसपास रह सकता है।

वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव बुधवार को सदन में जब वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगे तो उसमें गठबंधन सरकार के संयुक्त एजेंडे की झलक स्पष्ट देखने को मिलेगी। जीवन और जीविका की चुनौतियों से उबरने के बाबत बजटीय उपबंध किया जाएगा। सरकार कमजोर व वंचित तबके को सीधी मदद मुहैया कराते हुए उनके लिए पेंशन का प्रविधान करेगी तो निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए 75 फीसद आरक्षण का नीतिगत निर्णय ले सकती है।

राज्य सरकार ने इस वर्ष को नियुक्तियों का वर्ष घोषित किया है, बजट में इससे जुड़ी घोषणाएं होने की पूरी संभावना है। किसानों के हितों को लेकर छिड़ी बहस को देखते हुए किसानों के लिए ऋण माफी योजना को अगले वित्तीय वर्ष भी जारी रखे जाने की बात कही जा रही है। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष के सापेक्ष इस योजना में कुछ कटौती हो सकती है। इस बाबत 1500 करोड़ का बजटीय प्रविधान किया जा सकता है। आधारभूत संरचना के विकास पर जोर होगा लेकिन इसे सीमाओं में बांधा जाएगा।

अनावश्यक ढांचागत निर्माण की जगह जरूरत पर जोर होगा। आउटकम बजट का आधार भी यही है। इसके तहत बकायदा विभागों के लिए किए गए बजटीय प्रविधान और उन योजनाओं का कितना लाभ लोगों को पहुंचा यह बताने की कोशिश की जाएगी। राजकोषीय घाटे को सीमा में बांधने की कोशिशों को तनिक लचीला किया जाएगा। सीधे शब्दों में समझें तो एफआरबीएम के तहत तय की गए तीन फीसद के मानक को सरकार लांघ सकती है। बजट आकार बढ़ाने के लिए इसे जरूरी माना जा रहा है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार नया टैक्स लगाने से परहेज करेगी।

झारखंड में निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र बनने की क्षमता

झारखंड में उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और औद्योगिकी करण की रफ्तार भी बेहतर है। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में इतना होने के बावजूद निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र बनने की क्षमता है। झारखंड के पास देश के खनिज संपदा का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है और इसके व्यापक खनिज संसाधन निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र है। रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन का उपयोग पूरी तरह से रोजगार सृजन और लाेगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए नहीं किया गया है।

ईज ऑफ डूइंग बि‍जनेस में झारखंड देश में पांचवें स्‍थान पर

व्यवसाय करने की सरलता (ईज ऑफ डूइंग बि‍जनेस) में झारखंड देश में पांचवें स्‍थान पर है और पूर्व में इस मामले में झारखंड तीसरे स्‍थान पर भी रह चुका है। झारखंड में मध्यम एवं लघु औद्योगिक इकाइयों के विकास की असीम संभावनाएं हैं। झारखंड देश में तसर रेशम के उत्पादन में सबसे बड़ा उत्पादक है। देश के कुल उत्पादन में झारखंड का हिस्सा 76.4 फीसद है। उत्पादकता और तकनीकी कौशल बढ़ाने तथा ग्रामीण कारीगरों की कुशलता क्षमता बढ़ाने के लिए कई प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


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