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Jharkhand Budget 2020: किसानों का कर्ज माफ, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता; BJP का बहिष्‍कार

Jharkhand Budget 2020 News 86 हजार 370 करोड़ रुपये के बजट का आकार तय किया गया है। 100 यूनिट मुफ्त बिजली100 मोहल्‍ला क्लिनिक और किसानों के लिए ऋण माफी योजना लाई गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 06:56 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 09:43 AM (IST)
Jharkhand Budget 2020: किसानों का कर्ज माफ, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता; BJP का बहिष्‍कार
Jharkhand Budget 2020: किसानों का कर्ज माफ, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता; BJP का बहिष्‍कार

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Budget 2020 News  भाजपा विधायकों की नारेबाजी, वेल में धरना और हो-हंगामे के बीच हेमंत सोरेन की सरकार ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए 86370 करोड़ रुपये का बजट झारखंड विधानसभा में पेश किया है। बजट में किसानों, आदिवासियों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा के दायरे में शामिल राज्य के 57 लाख परिवारों पर फोकस किया गया है। सरकार ने पूर्व में किए गए वादे के अनुरूप किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की है। इस बाबत बजट में 2000 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं। बजट में जहां 57 लाख परिवारों को मुफ्त धोती, साड़ी और लुंगी देने की बात कही गई है, वहीं 300 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली के साथ-साथ 100 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने का प्रावधान किया गया है। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई।

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झारखंड विधानसभा में मंगलवार को वित्‍त मंत्री रामेश्‍वर उरांव ने बजट पेश किया।

बजट में इसी तरह मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना, धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता, मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना, छात्राओं को मुफ्त तकनीकी शिक्षा देने के लिए 10 करोड़ रुपये, झारखंड एजुकेशन ग्रिड योजना के तहत झारखंड सेंटर फॉर लर्निंग की स्थापना करने, माध्यमिक स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल प्रोत्साहन योजना आदि नाम से नई योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। पर्यटन के क्षेत्र में  जहां  50 हजार युवाओं को रोजगार से जोडऩे की बात बजट में कही गई है, वहीं  राज्य में अलग से ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने का भी प्रावधान किया गया है।  बजट में किए गए प्रावधान के अनुसार मिड डे मील बनाने वाले रसोइये के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की गई है।

आठ फीसद विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य

बजट में आठ फीसद विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राजस्व व्यय के लिए 73315.94 करोड़, जबकि पूंजीगत व्यय के लिए 13054.04 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। बजट के अनुसार राज्य के कर राजस्व से 21669.50 करोड़, गैर कर राजस्व से 11820.34 करोड़, केंद्रीय सहायता से 15839 करोड़, केंद्रीय करों में राज्य को हिस्सेदारी के रूप में 25979.91 करोड़, लोक ऋण से 11000 करोड़ एवं उधार एवं अग्रिम की वसूली से 61.25 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

 किस क्षेत्र में कितना खर्च

  1. सामान्य क्षेत्र : 25047.43 करोड़
  2. सामाजिक क्षेत्र : 32167.58 करोड़
  3. आर्थिक प्रक्षेत्र : 25254.99 करोड़

भाजपा विधायकों के हंगामे, बहिष्‍कार और वेल में धरना के बीच झारखंड की हेमंत सरकार ने नए वित्‍तीय वर्ष का बजट पेश कर दिया है। इसमें 86 हजार 370 करोड़ रुपये की योजनाएं ली गई हैं। गरीबों के लिए खजाना खोलते हुए सरकार के वित्‍त मंत्री रामेश्‍वर उरांव ने किसानों के लिए ऋण माफी योजना की घोषणा करते हुए 2000 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्‍ताव दिया है। 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली के साथ ही 100 मोहल्‍ला क्लिनिक खोले जाने और मुख्‍यमंत्री कैंटीन योजना की शुरुआत की गई है। खजाने का मुंह खोलते हुए ग्रामीण इलाकों में मुफ्त परिवहन योजना के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण इलाकों में घर बनाने वाले गरीबों को 50 हजार रुपये अधिक दिए जाने की घोषणा की गई है।

झारखंड विधानसभा में वित्‍त मंत्री रामेश्‍वर उरांव के बजट पेश करने के बीच ही भाजपा विधायकों का हंगामा जारी है। सदन में बजट पेश किया जा रहा है। भाजपा विधायक नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बाबूलाल मरांडी को मान्‍यता देने की मांग को लेकर वेल में धरने पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं। न्‍याय दो...न्‍याय दो और बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाओ के नारे से सदन गूंज रहा है। भाजपा विधायकों ने बजट का बायकाट किया है। भारतीय जनता पार्टी के बहिष्‍कार के बाद रामेश्‍वर उरांव ने बजट भाषण प्रस्‍तुत किया।

इस बीच वित्‍त मंत्री ने वित्‍तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्‍य का 86 हजार 370 करोड़ का बजट पेश किया है। 13 हजार 54.06 करोड़ पूंजीगत व्‍यय और राजस्‍व व्‍यय 73,315.94 करोड़ का बजट पेश किया गया है। वित्‍त मंत्री ने बजट की शुरुआत करते हुए एक शेर पढ़ा...अपना गम कहीं और लेकर क्‍यों जाया जाए...बिखरी चीजों को समेट कर घर को बसाया जाए...। नए वित्‍तीय वर्ष में 8 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना के लिए 2000 करोड़ के प्रबंध किए गए हैं। किसानों के लिए खजाना खोलते हुए धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता नाम की नई योजना शुरू की गई है।ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को 50 हज़ार रुपये अधिक दिए जाएंगे।

राज्य के कर राजस्व से 21669.50 करोड़, गैर कर राजस्व से 11820.34 करोड़, केंद्रीय सहायता से 15839 करोड़, केंद्रीय करो में राज्य को हिस्सेदारी के रूप में 25979.91 करोड़, लोक ऋण से 11000 करोड़ एवं उधार और अग्रिम कर की वसूली से 61.25 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृति योजना शुरू होगी। 30 करोड़ रुपये के प्रावधान किया गया है। मिड डे मील बनाने वाले रसोइये के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की गई है। अब प्रतिमाह उन्‍हें 2000 रुपये मानदेय मिलेगा। माध्यमिक स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल प्रोत्साहन योजना शुरू होगी। राज्‍य में जनजातीय विवि की स्थापना होगी। झारखंड एजुकेशन ग्रिड योजना के तहत झारखंड सेंटर फॉर डिजिटल लर्निंग की स्थापना होगी।

आदिवासी बहुल इलाकों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को 40 हज़ार रुपए अतिरिक्त प्रति माह दिए जाएंगे। अन्य डॉक्टरों को 25 हज़ार रुपये दिए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों के स्लम में 100 मोहल्ला क्लीनिक खुलेंगे। एपीएल परिवारों को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा। राज्‍य के गरीबों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। 11000 सोलर स्ट्रीट लाइट लगेंगे।

किस क्षेत्र में कितना होगा खर्च

  1. सामान्य क्षेत्र के लिए : 25047.43
  2. सामाजिक क्षेत्र के लिए : 32167.58
  3. और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए : 25154.99 करोड़

इधर हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने अपने कक्ष में सीएम हेमंत सोरेन समेत तमाम दलों के वरीय नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। गतिरोध और भाजपा विधायकों के हंगामे बार-बार वेल में आने से बाधित हाे रही कार्यवाही को चलाने के लिए और नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बाबूलाल को लेकर चल रहे गतिरोध का समाधान निकलने की कोशिश की जा रही है।

झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच बजट पेश किया जा रहा है। बजट सत्र के तीसरे दिन वित्‍त मंत्री रामेश्‍वर उरांव मंगलवार को झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का वित्‍तीय वर्ष 2020-21 (Jharkhand Budget 2020 LIVE) का पहला बजट पेश कर रहे हैं। वे बजट की कॉपी के साथ राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्मू से मिले और उन्‍हें बजट का प्रारूप सौंपा। वित्‍त मंत्री विधानसभा में पहुंच गए हैं। थोड़ी देर में सदन की कार्यवाही शुरू होगी, इसके बाद बजट पेश किया जाएगा। विधानसभा के बजट सत्र में आज अगले वित्तीय वर्ष का बजट में आदिवासियों, युवाओं और किसानों पर फोकस रहेगा। बजट आकार करीब 80 हजार करोड़ रुपये का होगा। सरकार कई लोकलुभावन घोषणाएं करेगी।

इधर झारखंड विधानसभा में मुख्‍य द्वार पर भाजपा विधायकों ने फिर से अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वे बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। हाथों में सदन नहीं चलने देने की तख्तियां लेकर सभी विधायक बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष की मान्‍यता देने की मांग कर रहे हैं। संभव है कि बजट के दिन भी भाजपा विधायकों का हंगामा सदन में जारी रहे।

अब से कुछ देर बाद बजट सदन के पटल पर रखा जाएगा। इस बार राज्‍य के लिए 85 हजार करोड़ रुपये के बजट का खाका तय किया गया है। इस बजट में किसानों की ऋण माफी और गांव-देहात के लोगों के लिए चलंत अस्‍पताल का तोहफा दिया जा सकता है। 100 यूनि‍ट तक मुफ्त बिजली के साथ ही महिलाओं-छात्रों और बुजुर्गों के लिए फ्री बस सेवाएं भी शुरू की जा सकती हैं। इससे पहले बीते दिन सदन में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और वित्‍तीय हालात पर श्‍वेत पत्र पेश किया गया। भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच दो दिनों तक के बजट सत्र में अब तक कार्यवाही ठीक से नहीं चल पा रही है। मंगलवार को बजट के दौरान भी हंगामा, शोर-शराबा और नारेबाजी के पूरे आसार हैं।

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राज्य के विभिन्न जिलों के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लगनेवाले हाट-बाजारों में भी इलाज हो सकेगा। इसके लिए चलंत अस्पताल (मोबाइल क्लिनिक) की योजना शुरू होगी। स्वास्थ्य विभाग के  वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रस्तावित बजट में इसके लिए राशि का प्रावधान हो सकता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मंगलवार को प्रस्तुत होनेवाले बजट में स्वास्थ्य सेक्टर में लगभग 3043 करोड़ रुपये के प्रावधान किए जाने की संभावना है। इसमें केंद्रीय योजनाओं के केंद्रांश व राज्यांश भी शामिल है। राज्य बजट की योजनाओं के लिए लगभग 1215 करोड़ रुपये के प्रावधान हैं। बजट में राज्य में बनकर तैयार नर्सिंग स्कूलों को संचालित करने के लिए भी राशि का प्रस्ताव किया जा सकता है। इन्हें पीपीपी मोड पर चलाया जा सकता है।

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ठीक करेंगे वित्तीय प्रबंधन, नई दिशा देने वाला होगा बजट : हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन को पटरी पर लाने का दावा किया है। उन्होंने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष के हंगामे को असंवैधानिक करार दिया। कहा कि विपक्षी विधायकों का विरोध सरकार के खिलाफ नहीं है। यह स्पीकर के विशेषाधिकार के खिलाफ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार वित्तीय प्रबंधन बेहतर करेगी। बेपटरी हो चुकी राज्य की वित्तीय व्यवस्था को पटरी पर लाएगी। मंगलवार को पेश होने वाले बजट से संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्सुकता बनी रहने दीजिए। बजट राज्य को नई दिशा देने वाला बजट होगा।

इस दौरान हेमंत सोरेन ने विपक्ष के रवैये की कटु आलोचना की। कहा कि यह रवैया चुनाव हारने के बाद से है। भाजपा विधानसभा चुनाव परिणाम से अभी तक उबर नहीं पाया है। विपक्ष अपने पांच साल की करतूतों को सुनने को तैयार नहीं है। राज्य को जिस तरीके से दलदल में धकेला गया है, वैसा नहीं होने दिया जाएगा। झारखंड तेजी से विकास में ऊपर आएगा।  स्पीकर के निर्णय पर सवाल खड़ा करना उचित नहीं है। सभी चीजें प्रक्रिया के तहत है। इसे पूरा होने तक सदन को बाधित करना न्यायोचित नहीं है। पूर्व सरकार की योजनाओं को बंद किये जाने के सवाल पर कहा कि कई योजनाएं हैं, जिसका जनता को लाभ नहीं मिला। उत्पाद की गलत नीति के कारण राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। राज्य में कार्यरत केंद्रीय उपक्रमों से पूर्व की सरकार ने राशि लेने की कोशिश नहीं की। 

हर झारखंडी पर 24486 रुपये का कर्ज

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि झारखंड में प्रति व्यक्ति कर्ज 24486 रुपये है। कुल बजट के हिसाब से यह 27.1 फीसद है और धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। झारखंड में बजट आकार की तुलना में अब कर्ज का ग्राफ बढ़ गया है। चालू वित्तीय वर्ष में 85 हजार करोड़ रुपये का बजट बनाया गया था। वहीं कर्ज पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 92864 करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार कर्ज का आंकड़ा अभी भी सीमा रेखा के अंदर ही है।

झारखंड सरकार अब तक 92864.5 करोड़ रुपये कर्ज में है और इस कारण कुल राजस्व के हिसाब से सात फीसद राशि ब्याज के तौर पर खर्च हो रही है। उदय योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में 5553.37 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया, जिस कारण कर्ज लेने की सीमा को सरकार पार कर गई थी। हालांकि अभी के हालात सीमा के अंदर ही हैं। 

श्वेतपत्र में नकारा, आर्थिक सर्वेक्षण में सराहा

झारखंड विधानसभा में सोमवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और श्वेत पत्र में स्पष्ट विरोधाभास देखा जा रहा है। श्वेतपत्र जहां पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार की नाकामियों को जगजाहिर कर रहा है वहीं आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पिछली सरकार की उपलब्धियों को सराह रही है। कई योजनाओं की तो जमकर तारीफ कर रही है। कई स्तरों पर श्वेतपत्र में रघुवर सरकार की खामियों की ओर इंगित किया गया है, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में ऐसा नहीं है।

हेमंत सरकार के कई मंत्री और नेता स्कूलों के मर्जर का खुलकर विरोध करते रहे हैं, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इसे उपलब्धि के तौर पर दिखाया गया है। इतना ही नहीं ग्रामीण विकास और नगर विकास विभागों की रिपोर्ट भी पिछली सरकार की वाहवाही करती दिख रही है। जोहार योजना की प्रशंसा करते हुए सर्वेक्षण रिपोर्ट में लिखा गया है कि यह परियोजना सुदृढ़ हो रही है और इसका प्रभाव अब दृष्टिगोचर हो रहा है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में मुद्रा योजना और जन-धन योजना की भी सराहना की गई है।


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