Jharkhand Budget 2020: किसानों की ऋण माफी के लिए 2000 करोड़, 10 प्वाइंट्स में जानें बजट
Jharkhand Budget 2020 News हेमंत सरकार ने अपना पहला बजट पेश कर दिया है। तमाम लोक लुभावन घोषणाओं के साथ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने किसानों और गरीबों के लिए खजाना खोल दिया।
रांची, जागरण स्पेशल। झारखंड की हेमंत सरकार ने अपना पहला बजट पेश कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कुल 86 हजार 370 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान किए गए हैं। इस बजट में तमाम लोक लुभावन घोषणाओं के साथ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने किसानों और गरीबों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। गरीबों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली के साथ ही 100 मोहल्ला क्लिनिक खोलने की घोषणा सरकार ने की है। किसानों की ऋण माफी योजना की शुरुआता करते हुए 2000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को 50 हजार रुपये अधिक दिए जाएंगे। यहां पढ़ें बजट की खास बातें, 10 आसान प्वाइंट्स में...
किसानों के ऋण होंगे माफ, 100 यूनिट बिजली फ्री, 86370 करोड़ का बजट पेश
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा पेश किए गए बजट में हाट बाजारों में चलंत क्लीनिक के माध्यम से ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा की घोषणा की गई है। सरकारी स्कूलों के कक्षा नौ से बारह की छात्राओं को पुस्तक और पोशाक की राशि में बढ़ोतरी की गई है। इस बजट में बेरोजगारों को सालाना भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। झारखंड के सभी स्नातक पास युवाओं को 5 हजार तथा स्नातकोत्तर को 7 हजार सालाना राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में 50 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी। 50 वर्ष से ऊपर के 10 लाख छूटे हुए लोगों को भी राशन मिलेगा। पहले चरण में किसानों का 50 हजार तक का ऋण माफ होगा। बजट के अनुसार सरकार नौकरियों में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देगी।
10 प्वाइंट्स में झारखंड बजट, जानें किसे क्या मिला
- झारखंड मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना शुरू होगी। शहरी क्षेत्रों के स्लम में 100 मोहल्ला क्लीनिक खुलेंगे। झारखंड में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना की शुरुआत की जाएगी।
- 300 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले परिवारों को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। राज्य के गरीबों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। 11000 सोलर स्ट्रीट लाइट लगेंगे।
- 57 लाख परिवारों को अनुदानित दर पर खाद्यान के अतिरिक्त लुंगी, धोती एवं साड़ी। 200 करोड़ के प्रावधान। एपीएल परिवारों को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा।
- किसानों के कर्ज माफ करने के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना। अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना के लिए 2000 करोड़ के प्रबंध किए गए हैं।
- धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता नामक नई योजना शुरू होगी।
- आदिवासी बहुल इलाकों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को 40 हज़ार रुपए अतिरिक्त प्रति माह दिए जाएंगे। अन्य डॉक्टरों को 25 हज़ार रुपये दिए जाएंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को 50 हज़ार रुपये अधिक दिए जाएंगे।
- मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृति योजना शुरू होगी। 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- मिड डे मील बनाने वाले रसोइये के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की गई है। अब प्रतिमाह उन्हें 2000 रुपये मानदेय मिलेगा।
- माध्यमिक स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल प्रोत्साहन योजना शुरू होगी। राज्य में जनजातीय विवि की स्थापना होगी। झारखंड एजुकेशन ग्रिड योजना के तहत झारखंड सेंटर फॉर डिजिटल लर्निंग की स्थापना होगी।
बजट की खास बातें
- किसानों की ऋण माफी के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान।
- 300 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले परिवारों के लिए 100 यूनिट बिजली मुफ्त।
- 57 लाख परिवारों को मुफ्त धोती, साड़ी और लुंगी।
- ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोले जाने पर मुहर।
- शहरी क्षेत्रों में 100 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने का प्रावधान।
- छात्राओं को मुफ्त तकनीकी शिक्षा देने के लिए 10 करोड़ रुपये।
- पर्यटन के क्षेत्र में 50 हजार युवकों को नौकरी देने का प्रावधान।
- रसोइये के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की।
हेमंत सरकार का बजट ऐतिहासिक : झामुमो
झामुमो ने हेमंत सरकार के बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इस बजट से समाज के हर तबके की इच्छा पूर्ण होगी। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टïाचार्य ने कहा है कि हेमंत सरकार ने रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, किसान, पेयजल के साथ आवास पर विशेष ध्यान दिया है। अब प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुक को पचास हजार रुपये अतिरिक्त दिए जा रहे हैैं। इससे उसे आवास बनाने में सहूलियत होगी।
रघुवर सरकार ने पांच सालों में बनाया सिर्फ ठेकेदारों के लिए बजट
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पिछली रघुवर सरकर पर तंज कसते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने पांच सालों में सिर्फ ठेकेदारों के लिए बजट बनाया था। लेकिन हेमंत सरकार ने आम लोगों को लिए बजट बनाया है। इससे ठेकेदार और बिचौलियों को निराशा हुई होगी। कहा कि विधानसभा को इतना भव्य बनाने की जरूरत नहीं थी। कम बजट में इसे बनाया जा सकता है, क्योंकि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए पिछली सरकार को ऐसा करना चाहिए था। इससे बची राशि को बेरोजगारों की दी जा सकती थी।
विधानसभा भवन पर ज्यादा खर्च करने की नहीं थी जरूरत
उन्होंने कहा कि बजट में बेरोजगारों को गुजारा भत्ता देने का प्रावधान किया जाना सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है। सभी को छात्रवृत्ति देना, वृद्धा व विधवा पेंशन सहित अन्य योजनाओं लाभ दिया जाना भी सरकार की मंशा को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने श्वेत पत्र लाया था। इससे पता चला कि झारखंड के प्रत्येक नागरिक पर 29 हजार रुपये का कर्ज है।