Jharkhand Budget 2020: झारखंड बजट की बड़ी बातें; जानें किसने क्या कहा
Jharkhand Budget 2020 86370 करोड़ के बजट के जरिये विकास दर 8% तय किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 50 हजार की अतिरिक्त राशि की बड़ी घोषणा की गई है।
रांची, [जागरण स्पेशल]। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मंगलवार को अपना बजट प्रस्तुत किया है। 86370 करोड़ के बजट के जरिये विकास दर 8% तय किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 50 हजार की अतिरिक्त राशि की बड़ी घोषणा की गई है। कृषि यंत्र के लिए किसानों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही कृषि ऋण माफी योजना पेश की गई है। जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने के साथ ही 100 माेहल्ला क्लिनिक, 100 यूनिट मुफ्त बिजली के अलावा 300 चैक डैम को पूरा करने तथा पारा शिक्षकों के लिए भी प्रावधान किया गया है। शिक्षा पर जोर देते हुए सरकार ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए छात्रवृति योजना की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के साथ ही लुंगी-साड़ी योजना भी नए बजट में ली गई है। झारखंड के बजट में झारखंड आवासीय विद्यालय और कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण देने की घोषणा भी की गई है।सभी APL परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के अनुरूप बीमा की श्रेणी में लाया गया। 1 लाख रुपये तक का खर्च बीमा कंपनी उठाएंगे और शेष राशि सरकार और लाभुक मिलकर उठाएंगे।
Jharkhand CM Hemant Soren presents Budget 2020-21 in the State Assembly, says, "I propose to waive farmers' loans up to Rs 50,000". (file pic) pic.twitter.com/khPzfuaT0j
— ANI (@ANI) March 3, 2020
हेमंत सरकार के पहले बजट पर किसने क्या कहा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बजट हमारी गरीबोन्मुखी सोच को दिखाती है। यह झारखंड के लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करेगा। कोई भूख से न मरे, कोई अशिक्षित न रहे, इलाज के अभाव में किसी की मौत न हो इसका पूरा ख्याल रखा गया है। राज्य के हर वर्ग के लिए बजट में कुछ न कुछ सौगात दी गई है। किसानों को सशक्त बनाने और युवाओं के सपने को पंख देने के लिए हमारी सरकार ने क्रांतिकारी बजट पेश किया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने कहा कि बजट में कुछ खास नहीं है। बजट में पूर्व की सरकार की योजनाओं को चलाने का कोई प्रबंध नहीं किया गया। नई योजनाओं के लिए कम पैसे दिए गए हैं। यह बजट नाकाफी है।
गरीब, महिला, किसान और युवाओं के उत्थान को कृतसंकल्पित इस बजट के लिए @HemantSorenJMM सरकार को अनेक-अनेक बधाई एवं शुभकामनाएं।
अपने इस पहले बजट में झारखण्ड सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि बिना जाति-वर्ग के भेदभाव लाया गया यह बजट जब गरीब का भला करेगा, तभी राज्य का भला होगा।— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) March 3, 2020
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बजट को झारखंड के विकास में मील का पत्थर बताया है। जनता के प्रति पूरी जिम्मेवारी से बजट लाया गया है। हर वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए बजट में तमाम प्रबंध किए गए हैं। हम हर नागरिक को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दे रहे हैं।
पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि बजट आम आदमी और महिला विरोधी है। बजट में किसानों के लिए चलाई गई कृषि आशीर्वाद योजना का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। यह बजट किसानों को निराश करने वाला है।
'बजट में दूरदर्शिता का अभाव है। उद्योग व व्यापार जगत में निराशा है। सरकार का पहला बजट नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है। इसमें विजन का सर्वथा अभाव दिख रहा है।' -महेश पोद्दार, सदस्य, राज्यसभा।
हेमंत सोरेन सरकार का पहला बजट किसान, महिला और गरीब विरोधी है। बजट को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार को राज्य की बड़ी आबादी की चिंता नहीं है। -अन्नपूर्णा देवी, सांसद।
हेमंत सरकार का बजट युवाओं को धोखा देने वाला है। युवाओं को 72,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की जगह 5000 रुपये सालाना दिया जा रहा है। -अमित कुमार, अध्यक्ष, भाजयुमो।
इस बजट में सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है। महागठबंधन ने जो घोषणा की थी। उसे इस बजट में पूरा किया गया। इससे राज्य का विकास होगा। -संजय पांडेय, महानगर अध्यक्ष, कांग्रेस।
बजट में गरीब, किसान सहित सभी वर्गों का विशेष ख्याल रखा गया है। उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक फ्री बिजली देने व 100 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने की घोषणा प्रशंसनीय है। -केशव महतो कमलेश, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस।
हेमंत सरकार का बजट पूर्णत: निराशाजनक व प्रदेश की जनता के साथ छलावा है। यह बजट गांव, गरीब, किसान, मजदूर, युवा व बेरोजगारों को निराश करने वाला है। राज्य की जनता का इससे भला नहीं होने वाला है। तकनीकी शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में नही है। छात्राओं की तकनीकी शिक्षा के लिए सिर्फ 10 करोड़ का प्रावधान कोई मायने नही रखता। यह केवल आंखों में धूल झोंकने जैसा है। आधारभूत संरचना पर भी सरकार गंभीर नहीं है। ग्रामीण सड़क, ग्राम सेतु योजना, उच्च पथ निर्माण की दिशा में किए गए प्रावधान भी निराशाजनक है। -बाबुलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री।
बजट में सरकार की अनुभवहीनता एवं विकास विरोधी सोच झलक रही है। इस बजट से विकास की रफ्तार धीमी होगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा। किसान, मजदूर, युवा व बेरोजगार सभी निराश हुए हैं। झामुमो की सरकार ने सिर्फ वोट के लिए घोषणाओं का जाल बिछाया, जिसकी पोल पूरी तरह खुल चुकी है। -दीपक प्रकाश, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष।
बजट चुनाव में किए गए वादों और जनादेश की अपेक्षा केअनुरूप नहीं है। इसमें राजस्व बढ़ाने का कोई रोडमैप निर्धारित किए बिना कुल आकार में हजार करोड़ से अधिक की वृद्धि की गई। पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। -सुदेश कुमार महतो, केंद्रीय अध्यक्ष, आजसू।
बजट लोगों को भ्रमजाल में रखनेवाला है। अनुबंध पर काम कर रहे कर्मियों को स्थायी करने की बात बजट प्रस्ताव में नहीं है। जब राज्य का प्रत्येक व्यक्ति कर्ज में डूबा है तो बजट में लोक लुभावन वादे जनता को धोखा देने के समान है। -लंबोदर महतो, गोमिया विधायक।