चाईबासा में 7 आदिवासियों की हत्या के विरोध में संसद भवन में झारखंड के भाजपा सांसदों का धरना
Jharkhand. संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष भाजपा के सांसद धरने पर बैठे हैं और हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। चाईबासा के गुदरी में सात आदिवासियों की नृशंस हत्या के विरोध में झारखंड भाजपा के सांसदों ने नई दिल्ली में संसद भवन परिसर में धरना दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष सांसद धरने पर बैठे और हेमंत सरकार, राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की। सभी सांसद बैनर लिए हुए हैं और आदिवासियों की हत्या बंद करो के नारे लगाए। धरने में भाजपा के सांसदों में रांची के सांसद संजय सेठ, चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह, जयंत सिन्हा, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, निशिकांत दुबे आदि नेता मौजूद रहे।
19 जनवरी को चाईबासा में 7 आदिवासी बंधुओं की हत्या हुई थी। इसके विरोध में अभी संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष झारखंड के सांसद साथियों के साथ धरना दिया। 7 बेगुनाह आदिवासियों की हत्या की दोषी हेमन्त सरकार है। इस मुद्दे पर राज्य सरकार की मंशा सही नहीं है। pic.twitter.com/A23TMlIrv8
— Sanjay Seth (@sanjaysethBJP) February 5, 2020
इस संबंध में रांची के सांसद संजय सेठ ने ट्वीट कर लिखा है कि 19 जनवरी को चाईबासा में 7 आदिवासी बंधुओं की हत्या हुई थी। इसके विरोध में संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष झारखंड के सांसद साथियों के साथ धरना दिया। 7 बेगुनाह आदिवासियों की हत्या की दोषी हेमंत सरकार है। इस मुद्दे पर राज्य सरकार की मंशा सही नहीं है।
झारखंड में हुई आदिवासियों की हत्या के विरोध में संसद भवन में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष भाजपा के झारखंड तथा आदिवासी क्षेत्रों के सांसदों द्वारा धरना प्रदर्शनकिया गया। pic.twitter.com/CPLk9U1AAb
— Sunil Kumar Singh सुनील कुमार सिंह (@SunilSingh_BJP) February 5, 2020
चतरा के सांसद सुनील सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि झारखंड में हुई आदिवासियों की हत्या के विरोध में संसद भवन में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष भाजपा के झारखंड तथा आदिवासी क्षेत्रों के सांसदों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया।
संसद भवन परिसर में गुदड़ी में 7 आदिवासियों के नरसंहार के खिलाफ @BJP4India सांसदों का धरना-प्रदर्शन| @INCIndia के खूनी हाथ का ईशारा पाकर @HemantSorenJMM सरकार ने अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज मुक़दमे वापस लिए, जो इस नरसंहार की वजह बना| @BJP4Jharkhand pic.twitter.com/kgXmUPUMZB
— Mahesh Poddar (@maheshpoddarjhr) February 5, 2020
राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार ने लिखा है कि संसद भवन परिसर में गुदड़ी में 7 आदिवासियों के नरसंहार के खिलाफ भाजपा सांसदों का धरना-प्रदर्शन। कांग्रेस के खूनी हाथ का ईशारा पाकर हेमंत सरकार ने अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज मुक़दमे वापस लिए, जो इस नरसंहार की वजह बना। उन्होंने कहा है कि पत्थलगड़ी बेशक एक आदिवासी परंपरा है लेकिन इसकी आड़ में अलगाववादी ताकतें भोले-भाले आदिवासियों को देश के संविधान-कानून के खिलाफ खड़ा करने की साजिश कर रही हैं। इस साजिश का दायरा
कई राज्यों में फैला हुआ है और हेमंत सरकार इस साजिश को बढ़ावा दे रही है।
पत्थलगड़ी की आड़ में भोले भाले आदिवासियों को अलगाववादी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश पर रघुवर सरकार ने अंकुश लगाया था। हेमंत सरकार ने मुकदमे वापस लेकर अलगाववादियों का मनोबल बढ़ाया है। पत्थलगड़ी के नाम पर अलगाववादी गतिविधियां एक सुनियोजित साजिश है, इसका दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है। राष्ट्रभक्त आदिवासियों को देश के संविधान के खिलाफ खड़ा करने की साजिश है। केंद्र सरकार अविलंब राज्य सरकारों को इस देशविरोधी साजिश को बढ़ावा देने से रोके।