वायरल फर्जी सूचना पर न दे ध्यान, बीएड कालेजों को हर हाल में इस दिन तक भरना होगा परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट
Jharkhand News शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों एवं संस्थानों के नियमन का अधिकार रखने वाली राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसे अनिवार्य करते हुए कहा है कि अब इसकी कोई तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी। सरकार ने भी सभी संस्थानों को इसकी जानकारी दे दी है।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand News : शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स करानेवाले सभी शैक्षणिक संस्थानों को हर हाल में 29 जनवरी तक अपना परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरना होगा। इसमें उन्हें अपने संस्थानों में उपलब्ध संरचनाओं, शिक्षकों एवं उसकी उपलब्धियों की जानकारी देनी होगी। शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों एवं संस्थानों के नियमन का अधिकार रखने वाली राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसे अनिवार्य करते हुए कहा है कि अब इसकी कोई तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी। इस आलोक में झारखंड सरकार ने भी सभी संस्थानों को इसकी जानकारी दे दी है।
परिषद ने पत्र भेजकर इसे सख्ती से अनुपालन कराने के लिए कहा
दरअसल, एनसीटीई के हवाले से एक फर्जी सूचना वायरल हो रही थी, कि संस्थानों के लिए परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरने की तिथि 29 जनवरी से बढ़ाकर 22 फरवरी कर दी गई है। इसपर अब एनसीटीई ने स्पष्ट कर दिया है कि उक्त सूचना फर्जी है तथा यह रिपोर्ट 29 जनवरी मध्य रात्रि तक भरना अनिवार्य है। परिषद ने झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भी पत्र भेजकर इसे सख्ती से अनुपालन कराने के लिए कहा है।
शुल्क निर्धारित किए जाने की दिल्ली हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
बता दें कि एनसीटीई ने दिल्ली हाई कोर्ट का देश आने के बाद शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को एनसीटीई के पोर्टल पर आनलाइन परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरने की समय सीमा 29 जनवरी 2022 तक तय की। इससे पहले, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के एसोसिएशन ने एनसीटीई द्वारा परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरना अनिवार्य किए जाने तथा इसके लिए निजी संस्थानों से 15 हजार रुपये शुल्क निर्धारित किए जाने की दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद एनसीटीई के आदेश को बरकरार रखा।
संस्थानों में आएगी पारदर्शिता
बीएड संस्थानों द्वारा परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरने से अध्यापन और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर निगरानी, पारदर्शिता और गुणवत्ता व सेवा में सुधार होगा। यह रिपोर्ट सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को भरनी होगी। इसमें संस्थानों को जमीन के निबंधन से लेकर भवन निर्माण की योजना, आमद और खर्च का ब्योरा भी भरना होगा।