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रांची व जमशेदपुर के BEd अभ्यर्थी परेशान, दाखिले के बाद कॉलेज कह रहे पैसा वापस ले जाओ

B Ed College in Jharkhand झारखंड में बीएड के अभ्‍यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। वे अब हाई कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्‍होंने मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय टीम गठित कर जांच कराने की मांग की है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 06:58 PM (IST)
रांची व जमशेदपुर के BEd अभ्यर्थी परेशान, दाखिले के बाद कॉलेज कह रहे पैसा वापस ले जाओ
अभ्‍यर्थियों ने मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय टीम गठित कर जांच कराने की मांग की है।

रांची, जासं। झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद द्वारा बीएड में दाखिले के लिए राज्यस्तर पर जारी औपबंधिक सीट आवंटन सूची पिछले 15 फरवरी को अचानक रद कर दी गई है। द्वितीय ऑनलाइन साक्षात्कार के माध्यम से अभ्यर्थियों की यह सूची तैयार की गई थी। उधर, जारी सूची के आधार पर अभ्यर्थियों ने आवंटित कॉलेजों में दाखिला ले लिया। दाखिले के एवज में काॅलेजों ने 40 हजार रुपये की रसीद भी काट कर थमा दी। यही नहीं, अभ्यर्थियों को क्रमांक नंबर आवंटित कर दिया गया।

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अभ्यर्थी दाखिले के बाद पढ़ाई की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अब संबंधित काॅलेजों की ओर से सूचना दी जा रही है कि दाखिला सूची रद कर दी गई है। अभ्यर्थी काॅलेज आकर अपना पैसा वापस ले जाएं। झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद व संबंधित काॅलेजों के रवैये से अभ्यर्थी अब हताश और परेशान नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि दाखिले व क्रमांक आवंटन के बाद पर्षद द्वारा उठाया गया यह कदम बेहद अशोभनीय है। साक्षात्कार के बाद चुने गए अभ्यर्थियों की सूची जब जिम्मेदार अफसरों की निगरानी में जारी होती है तो उन्हें दंडित क्यों नहीं किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने इसके लिए अब तक क्या कदम उठाया है। पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर की रहने वाली निशात फिरदौस इन पीड़‍ितों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि चयनित सूची में नाम होने के बाद करीम सिटी काॅलेज में जाकर उन्होंने दाखिला लिया। इस एवज में उन्होंने 40 हजार रुपये शुल्क जमा किया। उन्हें रसीद भी दी गई। अब काॅलेज की ओर से संदेश भेजा गया है कि आकर अपना पैसा वापस ले जाएं। उनका दाखिला रद कर दिया गया है। निशात का कहना है कि किसी साजिश के तहत यह सूची रद की गई है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चाहिए कि इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएं। इसके लिए दोषी अफसरों को दंडित करें। साथ ही जिन अभ्यर्थियों का दाखिला हो चुका है, उन्हें पढ़ाई करने का मौका दिया जाए। यदि राज्य सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। निशात फिरदौस के अनुसार, जब उन्होंने काॅलेज प्रबंधन से पैसा वापस नहीं लेने और हाई कोर्ट जाने की बात कही तो काॅलेज प्रबंधन ने कहा कि इस गलती के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद जिम्मेदार है। इसमें काॅलेज की कोई भूमिका नहीं है।

उधर, रांची के डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में ऐसे पांच मामले सामने आए हैं। इनमें दो अभ्यर्थियों ने दाखिला भी ले लिया था। इनमें अंजना कुमारी और कृति कुमारी शामिल हैं। दोनों अभ्यर्थियों को जमा शुल्क वापस ले जाने के लिए कहा गया है। इसी तरह रांची वीमेंस काॅलेज में भी दस ऐसे मामले सामने आए हैं। यहां भी अभ्यर्थी परेशान हैं। यहां भी काॅलेज प्रबंधन इसके लिए पर्षद को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बहरहाल, बताया जा रहा कि पूरे प्रदेश में ऐसे मामले सामने आए हैं। इससे बीएड के अभ्‍यर्थी परेशान हैं। उन्‍हें अपनी भविष्‍य की चिंता सता रही है।


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