Jharkhand Assembly Special Session: सरना धर्मकोड का प्रस्ताव पारित, लागू कराने को केंद्र को भेजी जाएगी अनुशंसा
Jharkhand Assembly Special Session सदन में आदिवासी सरना धर्मकोड का प्रस्ताव पारित कराने को लेकर आयाेजित आज के विशेष सत्र के दौरान भारी हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनगणना में सरना धर्म कोड लागू करने का सदन में प्रस्ताव रखा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में सरना आदिवासी धर्मकोड लागू होगा। इसे लेकर झारखंड विधानसभा में आयोजित विशेष सत्र में जनगणना में सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर केंद्र को अनुशंसा भेजने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। आज बुधवार को सदन में विपक्ष के भारी हंगामे और चर्चा के बाद यह प्रस्ताव पारित हुआ। अब कैबिनेट द्वारा जारी संकल्प में संशोधन होगा। मुख्यमंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है।
संकल्प में आदिवासी/सरना धर्म कोड का उल्लेख था। उसकी जगह पर अब सरना आदिवासी धर्म कोड होगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनगणना में सरना धर्म कोड लागू करने का सदन में प्रस्ताव रखा है। इस पर विपक्ष ने चर्चा के बिना इसे पारित करने का विरोध किया। सदन में भारी हंगामा होने लगा। झारखंड विधानसभा के सदन में मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों के बीच बहस होने लगी।
जनगणना में सरना धर्म कोड लागू करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने पर सदन में चर्चा नहीं होने पर विपक्ष ने विरोध किया। चर्चा के बिना प्रस्ताव पारित कराने के प्रयास का भाजपा विधायक सीपी सिंह औऱ नीलकंठ सिंह ने विरोध किया। इसके बाद सरकार चर्चा कराने के लिए तैयार हुई।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू करने के दूरगामी और अच्छे परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों का सही आबादी का आकलन हो सकेगा। आदिवासियों को कई संवैधानिक अधिकार और केंद्रीय लाभ मिल पाएंगे।
चर्चा के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि फ्री जियो बांटने से दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ीं हैं। हाथरस की घटना से आपलोगों ने देश की नाक कटवा दिया है। भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि भाजपा सरना धर्म कोड के समर्थन में है, लेकिन उन्होंने कैबिनेट से पारित संकल्प के अंतिम पैराग्राफ पर सवाल उठाया। इसमें आदिवासी/सरना धर्म कोड का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीति के तहत ऐसा किया गया है।
उन्होंने 1961 की जनगणना में सरना धर्म कोड को हटाने को लेकर कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया। कहा कि उस समय कांग्रेस की सरकार ने ही जनगणना से सरना धर्म कोड को अलग किया था। कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने भी आदिवासी/सरना धर्म कोड से आदिवासी शब्द हटाने की मांग सदन में की। कहा कि सरना धर्म कोड की ही अनुशंसा केंद्र को भेजी जाए। आजसू ने भी सरना धर्म कोड का समर्थन किया।
इससे पहले पंचम झारखंड विधानसभा के चतुर्थ (विशेष) सत्र में भाग लेने से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की। इसके अलावा आज सदन में नवनिर्वाचित दोनों विधायकों को शपथ दिलाई गई। बसंत सोरेन और कुमार जयमंगल ने शपथ ली। बता दें कि दोनों क्रमश: दुमका और बेरमो में हुए उपचुनाव में विजय हुए हैं। कल मंगलवार को दोनों सीटों पर हुए मतदान का परिणाम आया है।
सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित होने के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि 15 साल शासन में रहने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया। अब हेमंत सरकार ने जो कर दिखाया है, वह पूरे देश में मिसाल बनेगा।
रांची नगर निगम ने विधानसभा भवन को किया सैनिटाइज
विधानसभा के सत्र को लेकर रांची नगर निगम ने विधानसभा को सैनिटाइज किया है। आज सुबह-सुबह नगर निगम की टीम उप नगर आयुक्त शंकर यादव के नेतृत्व में विधानसभा पहुंची और विधानसभा को सैनिटाइज करने का काम शुरू किया। विधानसभा के सभी हाॅल, कमरों, गैलरी आदि को सैनिटाइज किया गया। एक-एक कोने को सैनिटाइज किया गया। उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने बताया कि विधानसभा को सैनिटाइज करने का काम सत्र चालू रहने तक लगातार चलता रहेगा।