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झारखंड में लागू नहीं होगा NPR-NRC, विधानसभा में प्रस्‍ताव पास; BJP बोली-देशविरोधी सरकार Jharkhand Budget Session

Jharkhand Budget Session. सोमवार को झारखंड विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद मात्र 5 मिनट चली। इसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 23 Mar 2020 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 08:41 PM (IST)
झारखंड में लागू नहीं होगा NPR-NRC, विधानसभा में प्रस्‍ताव पास; BJP बोली-देशविरोधी सरकार Jharkhand Budget Session
झारखंड में लागू नहीं होगा NPR-NRC, विधानसभा में प्रस्‍ताव पास; BJP बोली-देशविरोधी सरकार Jharkhand Budget Session

रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की आशंका को देखते हुए झारखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया, लेकिन सदन स्थगित होने के कुछ क्षण पूर्व सरकार की ओर से एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाकर सत्ता पक्ष ने अपने राजनीतिक एजेंडे को भी साफ कर दिया। भाजपा विधायकों ने सरकार के स्तर से लाए गए इस प्रस्ताव का वेल में उतरकर विरोध भी किया, लेकिन बहुमत के आधार पर प्रस्ताव ध्वनि मत से पास हो गया। विधानसभा में पारित प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा।

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विनियोग विधेयक स्वीकृत होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सरकारी प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि झारखंड राज्य में वर्ष 2010 के प्रपत्र में ही एनपीआर (नेशनल पापुलेशन रजिस्टर) तैयार करने और एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) को लागू नहीं करने का अनुरोध भारत सरकार से करती है। आलमगीर आलम के इस प्रस्ताव को पढ़ते ही भाजपा विधायक वेल में उतर गए और स्पीकर के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए और उस पर देशविरोधी होने का आरोप लगाया।। भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच ही स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने इस प्रस्ताव पर ध्वनि मत से वोटिंग कराई और प्रस्ताव पारित हो गया। भाजपा विधायक अपना विरोध दर्ज कराते रहे और विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

किसने क्या कहा

यह वोट की राजनीति है। एनपीआर और एनआरसी पर प्रधानमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इससे डरने की जरुरत नहीं है। झामुमो एक ओर 1932 के खतियान को लागू करने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर एनपीआर का विरोध करता है। 1932 के खतियान में भी यही है कि कौन कब आया। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह घुसपैठियों के पक्ष में है या नहीं। यदि नहीं है तो उनके चिह्नितीकरण का मैकेनिज्म क्या है। बाबूलाल मरांडी, भाजपा विधायक दल के नेता

बजट पास कराते-कराते एनआरसी पर प्रस्ताव ले आ आए और बिना डिबेट कराए इसे पास करा लिया। यह वोट बैंक की राजनीति है। संवेदनशील विषय पर आनन-फानन में प्रस्ताव लाकर पिछले दरवाजे से पास करा लिया गया। रणधीर सिंह, भाजपा विधायक

सुनियोजित तरीके से तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है। बांग्लादेशी घुसपैठ को पोषित करने के लिए एनआरसी का विरोध किया जा रहा है। यह वोट बैंक की राजनीति है। अनंत ओझा, भाजपा विधायक

सत्ता पक्ष के विधायकों ने सीएम को कहा धन्यवाद

झारखंड में एनआरसी और एनपीआर को लेकर विधानसभा में पारित प्रस्ताव का स्वागत करते हुए जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी, विधायक सरफराज आलम धन्यवाद देने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास पहुंचे। तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार की इस पहल से जनता में खुशी की लहर है। झारखंड में एनआरसी को लागू नहीं करना एक सकारात्मक कदम है वही एनपीआर के पुराने प्रारूप को कायम रखना भी एक सकारात्मक पहल है। इरफान अंसारी ने कहा कि प्रदेश में एनआरसी लागू करने का ना तो कोई मतलब है और ना ही जरूरत।

भाजपा के वरिष्ठ विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने खूंटी के मुरहू में पुलिस द्वारा मारे गए निर्दोष का मामला उठाया। कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में पुलिस द्वारा एक निर्दोष आदिवासी की हत्या हुई है। अब तक सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। शव को भी दफना दिया गया है। दोषी लोगों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।


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