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निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण वाला विधेयक लटका, प्रवर समिति के हवाले

राज्य ब्यूरो रांची विधानसभा में झारखंड राज्य के स्थानीय लोगों को नौकरी के लिए नियोजन विधेयक-2021 पास नहीं हो सका। यह विधेयक निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण लागू करने के लिए तैयार किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 10:27 PM (IST)
निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण वाला विधेयक लटका, प्रवर समिति के हवाले
निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण वाला विधेयक लटका, प्रवर समिति के हवाले

राज्य ब्यूरो, रांची : विधानसभा में झारखंड राज्य के स्थानीय लोगों को नौकरी के लिए नियोजन विधेयक-2021 पास नहीं हो सका। यह विधेयक निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण लागू करने के लिए तैयार किया गया था। इस विधेयक में कई बिदुओं पर संशोधन के पक्ष में विपक्ष व सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने बहुमत दिखाई। सबने कहा कि राज्य सरकार का यह विधेयक राज्य हित में है, लेकिन इसमें कई बिदुओं पर संशोधन इसलिए जरूरी है, ताकि कंपनियां कहीं से भी मुकरने की स्थिति में न रहें।

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सदन में मौजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह विधेयक स्थानीय लोगों से संबंधित है। पक्ष व विपक्ष ने करीब 22-23 बिदुओं पर संशोधन की मांग की है, इसलिए यह विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाएगा, ताकि कोई भी कमी न रह जाए। इस विधेयक में विधायक प्रदीप यादव ने कंपनी अधिनियम 1956 को जोड़ने पर जोर दिया था, ताकि कोई भी कंपनी राज्य के स्थानीय उम्मीदवार को छोड़ने न पाए। नौकरियों में जाति भेद व तकनीकी व गैर तकनीकी का तर्क देकर नौकरी नहीं देने का बहाना नहीं बना सके। विधायक अमित मंडल ने विधेयक में कंपनियों की प्रकृति लिखने का भी जिक्र किया कि वह लिमिटेड, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है या नहीं। विधायक अमर कुमार बाउरी ने इस विधेयक को राइट टू एजुकेशन की तरह नहीं बनाने का आग्रह किया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने प्रवर समिति को भेजने की अनुशंसा की।

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बिजली बिल कुछ महंगा होगा, 750 करोड़ कमाई बढ़ेगी सरकार की : विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के अंतिम दिन तीन विधेयक पास हो गए। इनमें झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक-2021, झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक-2021 व श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक-2021 शामिल हैं। पक्ष-विपक्ष के तर्क-वितर्क के बाद विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने यह घोषणा की। झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक-2021 पर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने आपत्ति जताई थी कि यह विधेयक गरीबों के हित में नहीं है। इसपर मंत्री रामेश्वर उरांव ने दूसरे राज्यों के कर का हवाला देते हुए बताया कि झारखंड का विधेयक बेहतर है। इससे राज्य सरकार को 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भी आएगा। दरअसल, पूर्व में 100 रुपये तक के बिल पर सरकार दो फीसद अतिरिक्त नेट शुल्क वसूलती थी। इस शुल्क को बढ़ाकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए छह प्रतिशत कर दिया गया, 10 एमवीए तक इस्तेमाल करने वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए आठ प्रतिशत तो 10 एमवीए से अधिक इस्तेमाल करनेवाले औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 15 प्रतिशत किया गया है। सिचाई एवं कृषि कार्यों के लिए बिजली पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।

झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक-2021 पर मंत्री चंपाई सोरेन ने बताया कि सीएनटी, एसपीटी एक्ट को ध्यान में रखकर ही, रैयतों को सुविधा देने आदि पर विचार के बाद ही यह विधेयक तैयार किया गया है। इसके अनुसार शहर से दो किमी एरिया अधिग्रहण पर सहमति लेने के बाद विकास कार्य किए जाएंगे। श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक 2021 के तहत एक नए प्राइवेट विश्वविद्यालय की स्थापना को अनुमति दी गई है। कुछ सदस्यों ने इससे संबंधित बिल को समय पर उपलब्ध कराने की बात कही।

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