9000 स्कूलों में टॉफी व टी-शर्ट बंटे नहीं, हो गया भुगतान, होगी जांच
राज्य ब्यूरो रांची राज्य स्थापना दिवस 2016 के दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच टॉफी व टी-शर्ट वितरण में बड़ा घोटाला सामने आया है। राज्य के 9000 स्कूलों में टॉफी व टी-शर्ट बंटे ही नहीं और कागज पर आपूर्ति भी दिखा दिया गया। सदन ने भी विधायक सरयू राय के आरोपों को सही माना है।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य स्थापना दिवस 2016 के दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच टॉफी व टी-शर्ट वितरण में बड़ा घोटाला सामने आया है। राज्य के 9000 स्कूलों में टॉफी व टी-शर्ट बंटे ही नहीं और कागज पर आपूर्ति भी दिखा दिया गया। सदन ने भी विधायक सरयू राय के आरोपों को सही माना है। विधायक सरयू राय के सवाल पर सरकार ने इस घोटाले के जांच का आदेश दे दिया है। घोटाला करोड़ों में बताया जा रहा है। सरकार की ओर से वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन को आश्वस्त किया कि इस घोटाले की जांच में तीन विभागों से समन्वय स्थापित किया जाएगा, जिसमें स्कूली शिक्षा विभाग, वाणिज्य कर विभाग और परिवहन विभाग शामिल हैं। तीनों विभाग के बीच आपसी बातचीत के बाद पूरे प्रकरण की शीघ्र जांच पूरी होगी और जो दोषी होंगे उनपर कार्रवाई होगी।
सरयू राय ने सवाल उठाया था कि राज्य स्थापना दिवस 2016 के दिन स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच वितरण के लिए टॉफी की आपूर्ति लाला इंटरप्राइजेज जमशेदपुर ने की थी। वहीं, पांच करोड़ रुपये के टी-शर्ट की आपूर्ति का काम कुड़ू फैब्रिक्स लुधियाना को दिया गया था। हकीकत यह है कि राज्य के 9000 स्कूलों तक न टॉफी पहुंचा, न ही टी-शर्ट, जबकि इसके एवज में भुगतान पूरा हो गया था। उन्होंने सदन में इस घोटाले किसी निष्पक्ष संस्था से जांच का आग्रह किया। विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि जिन स्कूलों में बंटे भी वहां टॉफी के बदले बिस्कुट बंटे। सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि कुड़ू फैब्रिक्स ने लुधियाना से रांची, धनबाद, जमशेदपुर में टी-शर्ट आपूर्ति करने के लिए झारखंड सहित अन्य राज्यों से रोड परमिट नहीं लिया। इनपर रोड टैक्स के एवज में 17 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
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दो महीने के भीतर होगी विशेष शाखा के दो दफ्तर की जांच पूरी, दोषियों पर होगी कार्रवाई :
विधायक सरयू राय के सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विशेष शाखा के दो दफ्तर मामले की जांच दो माह के भीतर पूरी हो जाएगी। जिस निजी व्यक्ति पर विशेष शाखा के दफ्तर के संचालन, गाड़ी व अंगरक्षक के उपयोग करने की पुष्टि हुई है, उसपर भी कानून सम्मत कार्रवाई होगी। इस जवाब से सरयू राय संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने सदन के सामने उस निजी व्यक्ति का नाम स्पष्ट करने को कहा तो मंत्री नहीं कर पाए, इसके बाद सरयू राय ने स्वयं आगे बढ़ते हुए बताया कि सबको पता है कि वह व्यक्ति बैजनाथ प्रसाद है। सहयोग में जो तीन डीएसपी थे, उनमें दीपक शर्मा, अनिल कुमार सिंह व केके साहू थे। इतनी जानकारी देने के बावजूद सरकार अब कौन सी जांच का इंतजार कर रही है, यह समझ से परे है।
विधायक सरयू राय ने कहा कि सरकार सीआइडी में अवैध फोन टैपिग मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने की जानकारी तो दे रही है, लेकिन विशेष शाखा वाले मामले में क्या कर रही है, यह स्पष्ट नहीं कर रही है। सीआइडी में फोन टैपिग वाले मामले में सिर्फ कनीय पदाधिकारियों को बलि का बकरा बनाया गया है, यह सर्वविदित है। यह राज्य पुलिस महकमा के लिए शर्म की बात है। इससे राज्य की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। इस सवाल-जवाब के बीच आसन ने हस्तक्षेप किया और कहा कि दो महीने में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का मंत्री ने आश्वासन दिया है। इसके बाद विधायक शांत हुए।
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जरूरतमंदों को ऋण देने में आनाकानी नहीं कर सकते हैं बैंक :
मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधायक विनोद कुमार सिंह के एक सवाल के जवाब में कहा कि बैंक जरूरतमंदों को ऋण देने में आनाकानी नहीं कर सकते हैं। इसके लिए सभी जिलों में उपायुक्त, बैंक व जनप्रतिनिधियों की बैठक होगी और जहां परेशानी सामने आई है उसका निदान होगा। दरअसल, विधायक विनोद कुमार सिंह ने सदन में सवाल उठाया कि राज्य में शिक्षा ऋण, कृषि ऋण, एमएसएमई को ऋण आदि देने में बैंकों का रवैया ठीक नहीं है। इसका असर बैंकों के सीडी रेशियो पर भी पड़ा है। इसके बाद ही मंत्री ने सदन में यह भरोसा दिलाया।
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महादलित आयोग के गठन पर विचार करेगी सरकार :
मंत्री चंपाई सोरेन ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार राज्य में दलित समाज के उत्थान के लिए पूरे मामले की समीक्षा होगी और महादलित आयोग के गठन पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी। मंत्री ने यह जवाब विधायक डा. कुशवाहा शशिभूषण मेहता के सवाल पर दिया। विधायक का सवाल था कि राज्य में अनुसूचित जाति के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। इस जाति के लोग आज भी आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ेपन का दंश झेल रहे हैं। इसलिए महादलित आयोग का गठन हो, ताकि उनका विकास हो सके।
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