विधायकों के निशाने पर पदाधिकारी, कहा- नहीं करते सम्मान
राज्य ब्यूरो रांची कार्मिक गृह मंत्रिमंडल निगरानी मंत्रिमंडल समन्वय आदि विभागों की अनुदान मांगों पर शुक्रवार को सदन में हुई चर्चा के दौरान सरकारी पदाधिकारी विधायकों के निशाने पर रहे।
राज्य ब्यूरो, रांची : कार्मिक, गृह, मंत्रिमंडल निगरानी, मंत्रिमंडल समन्वय आदि विभागों की अनुदान मांगों पर शुक्रवार को सदन में हुई चर्चा के दौरान सरकारी पदाधिकारी विधायकों के निशाने पर रहे। विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं देते। उनका फोन भी नहीं उठाते। विधायक बिरंची नारायण ने इसपर आसन से नियमन देने की मांग की। कहा कि विधायक विभागों को जो पत्र लिखते हैं, उनका जवाब आना चाहिए।
लंबोदर महतो ने कहा कि पदाधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास नहीं हो रहा है। चर्चा के दौरान विधायक विरंची नारायण ने अधिकारी दीर्घा में मुख्य सचिव तथा डीजीपी के उपस्थित नहीं होने का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो रही है, लेकिन पदाधिकारी उपस्थित नहीं हैं। इसपर स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को देखने को कहा। हालांकि, कुछ देर बाद दोनों पदाधिकारी अधिकारी दीर्घा में पहुंच गए।
इधर, झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को झारखंड विनियोग विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। इसी के साथ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को नए वित्तीय वर्ष में पहली अप्रैल से बजट की निर्धारित राशि खर्च करने का अधिकार मिल गया। इससे पहले चर्चा के दौरान विपक्ष ने विधि व्यवस्था सुनिश्चित करने में सरकार को पूरी तरह विफल बताया। राज्य में उग्रवादी घटनाएं बढ़ गई हैं। वहीं, पुलिस बालू ट्रैक्टर पकड़कर वसूली में लगी रहती है। उन्मादी भीड़ की हिंसा के मामले पर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। भाजपा विधायक अमर बाउरी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रद्रोहियों पर केस वापस लेकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम किया है।
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