स्वास्थ्य पर सदन में गंभीर दिखी सरकार, पीएचसी-सीएचसी को किया जाएगा सु²ढ़
राज्य ब्यूरो रांची राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रति अपनी जवाबदेही को स्वीकारते हुए इससे जुड़ी आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने का भरोसा सदन को दिलाया है।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रति अपनी जवाबदेही को स्वीकारते हुए इससे जुड़ी आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने का भरोसा सदन को दिलाया है। शुक्रवार को झारखंड विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों के जवाब के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस दिशा में सरकार के स्तर से किए जा प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने विशेष तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को मजबूत बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी सदन से साझा की।
बाघमारा के विधायक ढुलू महतो ने धनबाद के तरगा में दो वर्षों से बंद पड़े सीएचसी के निर्माण का मामला उठाया, तो मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार इससे आगे की सोच रही है। सरकार वहां सीएचसी नहीं, उसे अपग्रेड कर ट्रॉमा सेंटर बनाएगी, ताकि एनएच-32 पर जख्मी होने वालों का त्वरित उपचार हो सके। भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही ने सवाल उठाया कि भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के केतार, कांडी, खरौंधी, विशुनपुरा, सगमा व डंडई में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन बनकर तैयार है, वहां चिकित्सक, नर्स व जरूरी उपकरण कब लगेंगे। जवाब में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि चिकित्सक बहाल किए जा चुके हैं, जिसकी सूची विधायक भानु प्रताप शाही को उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य जो भी कमियां है, उसे दूर करते हुए सभी स्वास्थ्य उप केंद्र को व्यवस्थित तरीके से चलाया जाएगा।
देवघर के विधायक नारायण दास ने देवघर सदर अस्पताल, देवघर, देवीपुर व मोहनपुर प्रखंड में ट्रॉमा सेंटर नहीं रहने से मरीजों की परेशानी का सवाल उठाया। जवाब में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। केवल देवघर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सु²ढ़ करने पर सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। हेमंत की सरकार स्वास्थ्य की दिशा में बेहतर व्यवस्था करने जा रही है।
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कोरोना काल में केंद्र से मदद तो मिली, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा था : बन्ना गुप्ता
तारांकित प्रश्न काल के दौरान दलीय एजेंडे भी सामने आए। कोराना कल के दौरान केंद्र के स्तर से मुहैया कराई गई मदद को लेकर विधायक राज सिन्हा ने सवाल उठाया और सभी सवालों का संतोषजनक जवाब आने पर कहा कि एक ओर तो सरकार बोलती है कि केंद्र से सहयोग नहीं मिल रहा है, लेकिन जवाबों में यह स्पष्ट है कि केंद्र से मुश्किल वक्त में कितनी मदद मिली। सरकार को चाहिए कि विभिन्न माध्यमों, अखबारों के माध्यम से यह घोषणा करे कि केंद्र से अपेक्षित मदद मिली है। इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र से मदद तो मिली, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर थी। जितनी मदद मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिली।
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आदिवासी भूमि पर दखल-दिहानी के लिए अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करेगी सरकार :
विशुनपुर विधायक चमरा लिडा ने सदन में सवाल उठाया कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) पर हाई कोर्ट के आदेश का जिक्र किया, जिसपर वर्ष 2018 में सभी जिलों के राजस्व पदाधिकारियों को दखल दिहानी कराने का आदेश दिया गया था। आदेश के बावजूद दखल-दिहानी की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस सवाल के जवाब में मंत्री जोबा मांझी ने सदन को आश्वस्त किया कि सत्र की समाप्ति के बाद विभागीय पदाधिकारियों के साथ मिलकर इसपर विचार-विमर्श किया जाएगा और उसके बाद ठोस निर्णय लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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दिव्यांगों की समस्याओं का होगा समाधान, प्रत्येक माह में एक बार होगी बैठक :
राजमहल के विधायक अनंत कुमार ओझा के सवाल पर सरकार की ओर से मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि दिव्यांगों की समस्याओं को सरकार गंभीरता से ले रही है। उनके लिए राज्य में बेहतर व्यवस्था होगी। जिलों में प्रति माह दिव्यांग बोर्ड की बैठक होगी और उसमें दिव्यांगों की समस्याओं का निदान होगा। विधायक अनंत कुमार ओझा ने साहिबगंज में 18 वर्षों से संचालित दिव्यांगों के पालन केंद्र मूक बधिर स्कूल के सवाल उठाया था। उनका कहना था कि यहां 70 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन 22 मार्च 2020 के बाद दिव्यांग बोर्ड की कोई बैठक नहीं होने से जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के दिव्यांग को कठिनाइयां हो रही हैं। पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने भी अनंत कुमार ओझा के प्रश्न का समर्थन किया था, जिसके बाद मंत्री ने उन्हें बोर्ड की बैठक सहित अन्य आश्वासन दिया।
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राज्य विधि आयोग में डेढ़ माह के भीतर दूर होगी सभी कमियां :
जमुआ के विधायक केदार हाजरा ने तारांकित प्रश्न के दौरान राज्य विधि आयोग में पदाधिकारी से लेकर सदस्यों तक की रिक्तियों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उनके सवाल पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार इसपर गंभीर है। रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। डेढ़ महीने के भीतर इसका समाधान हो जाएगा।
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