सदन में नहीं थे मंत्री, विपक्ष ने कसा तंज
राज्य ब्यूरो रांची बजट सत्र के दौरान बुधवार को जवाब देने के समय पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने जमकर तंज कसा और इस दौरान शेम-शेम के नारे भी लगाए।
राज्य ब्यूरो, रांची : बजट सत्र के दौरान बुधवार को जवाब देने के समय पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने जमकर तंज कसा और इस दौरान शेम-शेम के नारे भी लगाए। इतना ही नहीं, एक बार जवाब देने के लिए दो-दो मंत्री खड़े हो गए, जिसपर विपक्ष को फिर से चुटकी लेने का मौका मिल गया। इसके बाद बावजूद मंत्रियों ने जवाब दिए और सदन का माहौल शांत ही रहा।
झारखंड विधानसभा में बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने विधायकों को उस वक्त बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया, जब पर्यटन नीति से संबंधित एक प्रश्न पर जवाब देने के लिए मंत्री हफीजुल अंसारी सदन में मौजूद नहीं थे। विपक्षी विधायकों ने शेम-शेम के नारे लगाए। दरअसल, भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने राज्य में पर्यटन नीति बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ने 131 जगहों को पर्यटन स्थल के रूप में चयनित किया है, लेकिन उसका विकास तभी हो सकता है जब पर्यटन नीति हो। पर्यटकों के लिए सुविधाएं हों और सुरक्षा का व्यापक प्रबंध हो। उन्होंने अफसोस जताया कि राज्य में पर्यटन नीति नहीं है और जवाब देने के लिए मंत्री मौजूद नहीं हैं। इसपर विपक्षी सदस्यों ने शेम-शेम के नारे लगाए और यहां तक कहा कि अभी मंत्री चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हैं। भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार जवाब देने को लेकर गंभीर नहीं है।
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राजस्व के लिए गलत काम कर रही सरकार : सरयू राय
विधायक सरयू राय ने बुधवार को सदन में कहा कि राज्य सरकार राजस्व उगाही के लिए गलत काम कर रही है। उन्होंने पूछा कि नियम है कि वैध जमीन पर ही शराब की दुकानें चलें, लेकिन जमशेदपुर में अवैध जमीन पर शराब की दुकानें चल रही हैं। सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जमशेदपुर में सारी जमीन लीज की है। वहां रैयत भूमि नहीं है। 130 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता हैं। उन्होंने सहायक उत्पाद आयुक्त के स्तर से दी गई रिपोर्ट की कॉपी भी सदन में रखी। इस पर सरयू राय ने कहा कि वर्मा माइंस की तरह वहां 38-39 दुकानें अवैध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो टाटा को लीज पर दी गई जमीन वापस ले ले। सरयू राय ने यह भी मांग रखी कि जमशेदपुर को इरेगुलैरिटी सिटी घोषित किया जाए। सरयू राय ने यह भी जानकारी मांगी कि समझौते के मुताबिक टाटा स्टील स्थानीय लोगों को सुविधा दे रही है या नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने खास तौर पर जलापूर्ति की सुविधाओं को लेकर सवाल किया। इस पर जवाब देते हुए मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि इसके लिए उपायुक्त अधिकृत हैं। सरयू राय इस पर चुप नहीं हुए और कहा कि उपायुक्त के अनुसार इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर समझौते का उल्लंघन हो रहा हो तो समझौता वापस लेने की पहल सरकार को करनी चाहिए। कई इलाकों में लोग पानी के अभाव में नारकीय जीवन जी रहे हैं। 1985 में टाटा से समझौता हुआ था और 2005 में इसका रिन्युअल भी कर दिया गया है। अब सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए।
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जेएसएलपीएस अब नहीं करेगी सोशल ऑडिट, जांच कर होगी कार्रवाई :
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सदन को जानकारी दी कि अब झारखंड में झारखंड राज्य लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) सोशल ऑडिट का काम नहीं करेगी। जिन अधिकारियों ने गलत तरीके से यह काम एक सरकारी संगठन को सौंपा था, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विधायक प्रदीप यादव के सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सोशल ऑडिट का काम मनरेगा गाइडलाइन के अनुरूप ही होगा। उन्होंने यह भी बताया कि लॉकडाउन के कारण उपजी स्थिति को देखते हुए उक्त एजेंसी से मदद ली गई थी।
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