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प्रत्येक प्रमंडलों में खुलेंगे ओबीसी व अल्पसंख्यकों के लिए अलग-अलग आवासीय स्कूल

रांची राज्य के पांचों प्रमंडलों में पिछड़ी जाति तथा अल्पसंख्यकों के लिए अलग-अलग आवासीय विद्यालय (कुल पांच-पांच) खोले जाएंगे। अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन ने सोमवार को इसकी घोषणा सदन में की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 08:05 PM (IST)
प्रत्येक प्रमंडलों में खुलेंगे ओबीसी व अल्पसंख्यकों के लिए अलग-अलग आवासीय स्कूल
प्रत्येक प्रमंडलों में खुलेंगे ओबीसी व अल्पसंख्यकों के लिए अलग-अलग आवासीय स्कूल

रांची : राज्य के पांचों प्रमंडलों में पिछड़ी जाति तथा अल्पसंख्यकों के लिए अलग-अलग आवासीय विद्यालय (कुल पांच-पांच) खोले जाएंगे। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन ने सोमवार को इसकी घोषणा सदन में की। वे इस विभाग के अलावा परिवहन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। राज्य में अभी तक कल्याण विभाग द्वारा पिछड़ी जाति के लिए चार आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जबकि अल्पसंख्यकों के लिए पहली बार आवासीय विद्यालय खुलेंगे।

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अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी कल्याण विभाग के छात्रावासों की बदहाली का मामला उठाया। विभागीय मंत्री ने भी इसे स्वीकार करते हुए छात्रावासों को सुविधा संपन्न बनाने का भरोसा सदन को दिलाया। उन्होंने सरना स्थलों की घेराबंदी के साथ-साथ उनका सौंदर्यीकरण करने तथा वहां सरना भवन भी बनाए जाने की घोषणा भी की। इससे पहले भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कटौती प्रस्ताव लाते हुए राज्य में लाभुकों को पांच माह से विधवा एवं वृद्धा पेंशन नहीं मिलने का मामला उठाया। साथ ही, मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृति योजना का लाभ एससी छात्रों को भी देने की मांग सरकार से की। विधायक लंबोदर महतो ने सरना स्थलों की घेराबंदी योजना विधायकों की अनुशंसा पर स्वीकृत करने का सुझाव दिया। इधर, सत्ता पक्ष के विधायकों में झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कल्याण विभाग के छात्रावासों की बदहाली के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। विधायक प्रदीप यादव ने भी इसपर सहमति जताते हुए कहा कि कल्याण विभाग द्वारा ही संचालित 16 अस्पतालों का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। कहा, एनजीओ को सिर्फ कमाने की चिता है, मरीजों की नहीं।

विधायक बंधु तिर्की ने पिछली सरकार पर जनजातीय उपयोजना के 16 हजार करोड़ रुपये का विचलन कर दूसरी योजनाओं पर खर्च करने का आरोप लगाया। कहा, इसी राशि से हाथी उड़ाया गया। इतनी राशि आदिवासी परिवारों को सरकार बांट देती तो सभी के खाते में एक-एक लाख रुपये चले आते। विधायक ममता देवी ने कुरमी को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग की।

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विपक्ष ने किया वॉकआउट :

सरकार के जवाब के दौरान भाजपा विधायकों ने सदन का वॉकआउट किया। उनकी अनुपस्थिति में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का 19 अरब, तीन करोड़, 26 लाख रुपये की अनुदान मांग स्वीकृत हो गई। झारखंड राज्य पथ परिवहन निगम व ट्रैफिक पार्क की होगी स्थापना राज्य में झारखंड राज्य पथ परिवहन निगम की स्थापना होगी। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में तीन करोड़ रुपये के प्रविधान किए गए हैं। दक्षिणी राज्यों की तरह झारखंड में भी लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी अद्यतन ग्राफिक्स तथा तकनीकी टूल्स के माध्यम से देने के लिए ट्रैफिक पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके लिए दस करोड़ रुपये के प्रविधान किए गए हैं। धनबाद में इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर के अलावा प्रमुख शहरों में ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा।

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