राजस्व संग्रह बता रहा बालू माफिया को कौन दे रहा था संरक्षण : बादल
रांची विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को बालू के अवैध खनन पर भी सदन गरमाया। सत्ता पक्ष तथा विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। भाजपा विधायकों ने जहां बालू के अवैध खनन का मामला उठाया वहीं सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री बादल ने कहा कि वर्तमान सरकार में पिछले वर्षों की अपेक्षा बालू खनन से कई गुना अधिक राजस्व संग्रह हुआ है।
रांची : विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को बालू के अवैध खनन पर भी सदन गरमाया। सत्ता पक्ष तथा विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। भाजपा विधायकों ने जहां बालू के अवैध खनन का मामला उठाया, वहीं सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री बादल ने कहा कि वर्तमान सरकार में पिछले वर्षों की अपेक्षा बालू खनन से कई गुना अधिक राजस्व संग्रह हुआ है। इससे पता चलता है कि बालू माफिया को कौन संरक्षण दे रहा था।
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2018-19 में 1.40 करोड़ तथा वर्ष 2019-20 में 1.76 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई थी। वर्ष 2020-21 में कोरोना संक्रमण के बावजूद 8.56 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण हुआ है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स काम कर रहा है। हालांकि, भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सवाल उठाया कि टास्क फोर्स इसमें सफल है, तो सत्ता पक्ष के ही विधायक लोबिन हेंब्रम, स्टीफन मरांडी तथा सीता सोरेन इसपर क्यों सवाल उठा रहे हैं। टास्क फोर्स ईमानदारी से काम करता, तो हजारों लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होता। उन्होंने विधानसभा की विशेष कमेटी बनाने की मांग की, ताकि अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके। इस बीच, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बालू के अवैध खनन को बड़ा गंभीर विषय बताते हुए मंत्री से पूछा कि राज्य में कितने बालू घाट हैं तथा कितने घाट की नीलामी हुई है। इसपर मंत्री ने कहा कि जो सवाल आया था, उसका जवाब दे दिया गया है। चलते सत्र में उनके सवाल का भी जवाब दे दिया जाएगा। भाजपा विधायकों द्वारा विरोध किए जाने पर कहा कि इधर उंगली दिखाएंगे, तो उधर भी उंगली जाएगी। जवाब सुनने की हिम्मत रखिए।
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