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Jharkhand: कांग्रेस की ट्रैक्‍टर रैली में शामिल हो सकते हैं राकेश टिकैत, बुलाने को दिल्‍ली गए कृषि मंत्री बादल

Jharkhand Congress Tractor Rally किसानों के समर्थन में चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में आगामी 20 फरवरी को हजारीबाग में कांग्रेस की ओर से राज्य स्तरीय महारैली आयोजित की गई है। इसमें कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह भी शामिल हो सकते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 07:35 PM (IST)
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख। फाइल फोटो

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Congress Tractor Rally झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख मंगलवार को अचानक दिल्ली रवाना हो गए। उनके कार्यक्रम की जानकारी करीबी लोगों को भी नहीं थी। बाद में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ आयोजित ट्रैक्टर रैली में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह और किसान नेता राकेश टिकैत को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड में अक्टूबर महीने से ही लगातार कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। किसानों के समर्थन में चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में आगामी 20 फरवरी को हजारीबाग में पार्टी की ओर से राज्य स्तरीय महारैली आयोजित की गई है। इस रैली में प्रभारी आरपीएन सिंह को आमंत्रित करने के लिए वे दिल्ली आए हैं। उन्होंने बताया कि किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य नेताओं को भी रैली में आमंत्रित करने के लिए उनसे मुलाकात करेंगे। पत्रलेख बुधवार को वापस लौट आएंगे।

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अटकलों का दौर शुरू

इधर, सूचना फैली कि बादल मुख्यालय तलब किए गए हैं और इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। दो दिन पहले ही प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव दिल्ली गए थे। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों की वजह से यात्रा की बात कही थी। आग्रह किया था कि इस यात्रा का कोई राजनीतिक अर्थ ना निकाला जाए लेकिन दो दिन बाद ही बादल के दिल्ली जाने से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई। वर्तमान कमेटी का विरोध कर रहे कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कैंप कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार उन्‍होंने  पार्टी के सीनियर नेताओं से भी मुलाकात की है और संगठन में बदलाव की मांग रखी है। ऐसे भी एक व्यक्ति, एक पद को लेकर संगठन में फेरबदल की लंबे समय से मांग चल रही है। माना जा रहा है कि रामेश्वर उरांव को बदला जाएगा। उनकी जगह पर किसी मंत्री को पद तो नहीं मिलेगा लेकिन नए चेहरे को आजमाने से पहले आलाकमान मंत्रियों से मशविरा जरूर कर रहा है। अभी हाल में ही सभी मंत्रियों को एक-एक कर दिल्ली तलब किया गया था। यहां उनसे पिछले एक साल के कार्यकाल की रिपोर्ट ली गई और बजट को लेकर तैयारियों की जानकारी मांगी गई।

बिहारी-मारवाड़ी के बयान पर हुई हैं शिकायतें

झारखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव के खिलाफ यूं तो कोई बड़ा मामला अभी तक आलाकमान तक नहीं पहुंचा है लेकिन हाल ही में बिहारी और मारवाड़ी पर बयान देकर वे राजनीतिक विरोधियों से घिरने लगे हैं। भाजपा ने उन्हें निशाने पर लिया है तो पार्टी के अंदर भी उनके बयान की आलोचना हो रही है। हाईकमान से भी शिकायत की गई है। उरांव के लिए राहत की बात यह है कि पार्टी में कोई भी उनके खिलाफ खुलकर विरोध नहीं कर रहा है। ज्ञात हो कि उन्होंने कहा था कि रांची में आदिवासियों की जमीन पर बिहारी और मारवाड़ी कब्जा कर चुके हैं। बाद में उन्होंने अपने बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने कहा था कि कोई आए तो दोना (भोजन) दो लेकिन कोना (जमीन) ना दो।


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