Move to Jagran APP

जीएसटी मामले पर झारखंड ने भी केंद्र को भेजा सहमति पत्र, टकराव खत्म, मिलेंगे 1689 करोड़

ऋण के पहले विकल्प पर राजी हुआ झारखंड कई महीने से केंद्र सरकार के साथ चल रही थी खींचतान

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 12:23 AM (IST)
जीएसटी मामले पर झारखंड ने भी केंद्र को भेजा सहमति पत्र, टकराव खत्म, मिलेंगे 1689 करोड़
जीएसटी मामले पर झारखंड ने भी केंद्र को भेजा सहमति पत्र, टकराव खत्म, मिलेंगे 1689 करोड़

राज्य ब्यूरो, रांची : जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि को लेकर केंद्र सरकार से टकराव का पटाक्षेप का पटाक्षेप हो गया है। झारखंड सरकार ने भी जीएसटी क्षतिपूर्ति के पहले विकल्प पर अपनी सहमति दे दी है। राज्य सरकार की ओर से अधिकृत रूप से इसकी जानकारी केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल को दे दी गई है। इस फैसले के बाद अब झारखंड को इस मद में 1689 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। एक दिन पहले ही दैनिक जागरण ने सबसे पहले यह खबर प्रकाशित की थी सरकार इस मुद्दे पर टकराव खत्म कर सहमति देने का मन बना चुकी है, जिसकी घोषणा होनी बाकी है।

loksabha election banner

इस संबंध में वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि एक-एक कर सभी राज्यों द्वारा इस मुद्दे पर सहमति दे दिए जाने के बाद झारखंड इकलौता राज्य बच गया था, जिसने केंद्र के सुझाए गए विकल्प को अब तक स्वीकार नहीं किया था।

झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने पूरी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए राज्य सरकारों के समक्ष दो विकल्प रखे गए थे। पहले ऑफर में यह कहा गया था कि केंद्र सरकार आरबीआइ के माध्यम से राज्य सरकारों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि कर्ज के रूप में उपलब्ध कराएगी और इसका मूलधन और सूद का वहन काउंसिल खुद करेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में विकास कार्यों को गति देने के लिए इस राशि की बहुत आवश्यकता है। इसलिए झारखंड सरकार ने भी इस विकल्प को स्वीकार करते हुए कर्ज लेने पर सहमति प्रदान कर दी है। इस बाबत जीएसटी काउंसिल और केंद्र सरकार को पत्र लिख दिया गया है। इस विकल्प को चुनने के बाद झारखंड सरकार को जीएसटी के शार्टफाल से निपटने के लिए रिजर्व बैंक के स्पेशल बोरोइंग विडों के माध्यम से 1689 करोड़ रुपये हासिल हो सकेंगे।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में दूसरे विकल्प पर कहा गया था कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि रिजर्व बैंक से कर्ज लेने पर मूलधन का भुगतान केंद्र सरकार करेगी और ब्याज का भुगतान राज्य सरकार को करना होगा। इस विकल्प से झारखंड सरकार को नुकसान उठाना पड़ता, इसलिए झारखंड सरकार ने इस दूसरे विकल्प पर आपत्ति दर्ज कराई है।

----------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.