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नदी से बरामद हुए चोरी के 55 लाख के गहने, चोर की भूमिका में नजर आई पुलिस; जानें पूरा मामला

Jharkhand Police News रायपुर के नवकार ज्वेलर्स से दो अक्टूबर को 80 लाख के गहने चुराए गए थे। सिमडेगा की बांसजोर पुलिस ने 55 लाख के गहने छिपाकर 25 लाख के आभूषण की बरामदगी दिखाई। रायपुर पुलिस की शिकायत के बाद एसआइटी ने जांच शुरू की थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:27 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:40 AM (IST)
नदी से बरामद हुए चोरी के 55 लाख के गहने, चोर की भूमिका में नजर आई पुलिस; जानें पूरा मामला
Jharkhand Police News रायपुर के नवकार ज्वेलर्स से दो अक्टूबर को 80 लाख के गहने चुराए गए थे।

सिमडेगा/रांची, जागरण टीम। रायपुर के एक आभूषण दुकान से 80 लाख रुपये के गहनों की चोरी मामले में सिमडेगा पुलिस ही चोर की भूमिका में नजर आ रही है। सिमडेगा की बांसजोर थाना पुलिस ने तीन अक्टूबर को वाहन जांच के दौरान स्कार्पियो से भाग रहे चोरों को चोरी के गहनों समेत पकड़ तो लिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपते वक्त 80 लाख के गहनों की बजाय 25 लाख के गहनों की बरामदगी दिखाई।

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छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा झारखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत के बाद गठित की गई जांच टीम ने अब छिपाए गए 55 लाख के गहने भी बरामद कर लिए हैं। ये गहने रायपुर के गुढ़‍ियारी स्थित नवकार ज्वेलर्स से चुराए गए थे। एसपी के आदेश पर गठित 11 सदस्यीय एसआइटी ने ये गहने सिमडेगा की लुड़गी नदी से बरामद किए। इस मामले में पहले ही बांसजोर थाना प्रभारी निलंबित किए जा चुके हैं।

रायपुर पुलिस ने आरोप लगाया था कि चोरों को पकड़ने के बाद भी सिमडेगा की बांसजोर थाना पुलिस ने दो दिनों तक मामले को छिपाए रखा। दो दिन बाद भी छत्तीसगढ़ पुलिस को आधी-अधूरी सूचना ही दी गई। वाहन जांच के दौरान स्कार्पियो से जा रहे दो आरोपितों की गिरफ्तारी और 25 लाख के जेवरों की रिकवरी की ही जानकारी दी गई, जबकि वाहन पर चार लोग सवार थे और गहनों की मात्रा भी ज्यादा थी। लुड़गी नदी से लाखों रुपये के जेवर बरामदगी के बाद बांसजोर थाना पुलिस की किरकिरी हो रही है।

पुलिस के आलाधिकारी भी अभी मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं। एसआइटी ने ही गोताखोरों की मदद से नदी से जेवर बरामद किया है। इससे पहले पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रांची के डीआइजी पंकज कंबोज ने 10 अक्टूबर को बांसजोर ओपी पहुंचकर प्रभारी आशीष कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मियों से गहन पूछताछ की और  ओपी प्रभारी के खिलाफ जांच बैठा दी। इसके बाद सिमडेगा के एसपी डा. शम्स तबरेज ने ओपी प्रभारी को सस्पेंड कर मामले की जांच के लिए 11 पुलिस पदाधिकारियों की एसआइटी का गठन किया था।

मामले में नया मोड़ तब आया, जब लुड़गी नदी से एसआइटी ने गोताखोरों की मदद से लाखों के जेवर बरामद कर लिए। चर्चा है कि निलंबित ओपी प्रभारी की निशानदेही पर ही गहने बरामद हुए। छापेमारी के भय से ओपी प्रभारी ने इसे नदी में फेंक दिया था। संदेह के घेरे में आए पुलिस चालक शाहिद ने भी एसआइटी को कई जानकारियां दी हैं। पूछताछ में शाहिद ने पांच किलो चांदी वीरमित्रापुर में छिपाकर रखने की बात बताई।


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