Janmashtami 2020: 27 वर्षों बाद जन्माष्टमी पर शुभ संयोग, भक्तों को मिलेगा दोगुना लाभ; जानें पूजा विधि
Happy Janmashtami 2020 कृष्ण की आराधना वैसे भी सभी काल में शुभ फल देने वाला होता है। लेकिन इस विशेष योग में की गई पूरे मन से आराधना सर्व सिद्धि दिलाने वाली होगी।
रांची, जासं। शहर में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने को लेकर लोगों उत्साह का माहौल है। हालांकि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर में बड़े कार्यक्रम नहीं होंगे। ऐसे में कृष्णभक्त अपने घरों में ही प्रभु के अवतरण को उत्साह के साथ मनाएंगे। ज्योतिषाचार्य पं अजित मिश्रा बताते हैं कि इस वर्ष का जन्माष्टमी भक्तों के लिए विशेष शुभ फल देने वाला है। करीब 27 वर्षों के बाद इस जन्माष्टमी पर बुधाष्टमी और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। ये दोनों योग बेहद शुभ योग हैं।
कृष्ण की आराधना वैसे भी सभी काल में शुभ फल देने वाला होता है। लेकिन इस विशेष योग में की गई पूरे मन से आराधना सर्व सिद्धि दिलाने वाली होगी। उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 से 2:06 बजे तक रहेगा। इस बार जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र के बाद रोहिणी नक्षत्र 13 अगस्त तक रहेगा। 11 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत है। रात्रि 12 बजे कृष्ण की पूजा होगी। पूजा का शुभ समय रात 12:05 से 12:47 बजे तक होगी।
जानें पूजा विधि
चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति एक पात्र में रखें। इसके बाद दीपक व धूप जलाएं। भगवान कृष्ण से प्रार्थना करें कि- हे कृष्ण! कृप्या पधारिए और पूजा ग्रहण कीजिए। कृष्ण को पहले पंचामृत से फिर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद अब श्रीकृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए। भगवान कृष्ण को पहले दीप फिर धूप दिखाएं। इसके बाद अष्टगंध चंदन या रोली का तिलक और उस पर अक्षत लगाएं। माखन मिश्री सहित अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए। तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण करें। साथ ही पीने के लिए गंगाजल रखें।
चुटिया राम मंदिर में मनेगी जन्माष्टमी
प्राचीन श्रीराम मंदिर चुटिया में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मंगलवार को सादगी से प्रशासन की निर्देश का पालन करते हुए मनाई जाएगी। इसके तहत मध्य रात्रि में कान्हा जी की अभिषेक आरती की जाएगी। पूर्व पार्षद विजय साहू ने कृष्णभक्तों से अनुरोध किया है कि वे अपने घरो में ही भगवान की पूजा-अर्चना करें।