JAC 12th Result 2019 Toppers: साइंस में राधेश्याम, कॉमर्स में अमीषा स्टेट टॉपर; Toppers List
JAC 12th Result 2019 Toppers. इंटर विज्ञान के परिणाम में 8.66 प्रतिशत और वाणिज्य में 2.95 फीसद की वृद्धि हुई है। इस बार फिर बेटियों ने बेटों से आगे निकलते हुए बाजी मार ली।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand JAC 12th Result 2019 - JAC 12th Result 2019 Toppers - झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की ओर से जारी किए गए झारखंड बोर्ड के इंटर रिजल्ट बता रहे हैं कि छात्रों में इस बार साइंस और कॉमर्स की समझ बढ़ी है। दोनों संकायों में रिजल्ट बेहतर हुआ है। नतीजों के आधार पर कहना सही होगा कि झारखंड के बच्चों को अब साइंस समझ में आ रहा है, कॉमर्स भी मजबूत हुआ है। साइंस में पाकुड़ के यूपीजी प्लस टू स्कूल, सहरग्राम का राधेश्याम साहा 449 अंक लाकर स्टेट टॉपर बना। वहीं, कॉमर्स की स्टेट टॉपर उर्सुलाइन इंटर कॉलेज रांची की अमीषा कुमारी रही। इसे कुल 465 अंक मिले।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा मंगलवार को इंटर साइंस और कॉमर्स का जारी परिणाम इसका गवाह है। इंटरमीडिएट साइंस में इस वर्ष 57 फीसद विद्यार्थी पास हुए हैं। पिछले साल इस संकाय का रिजल्ट 48.34 फीसद ही था। इसी तरह, इंटरमीडिएट कॉमर्स में 70.44 फीसद विद्यार्थी पास हुए हैं। पिछले वर्ष 67.49 फीसद रिजल्ट हुआ था। इंटर विज्ञान के परिणाम में 8.66 और वाणिज्य में 2.95 फीसद की वृद्धि हुई है। इंटरमीडिएट साइंस में वर्ष 2015 के बाद लगातार गिरावट आ रही थी, जिसपर इस बार न केवल रोक लगी, बल्कि पिछले दो साल से बेहतर परिणाम हुआ।
- साइंस में पाकुड़ के राधेश्याम साहा 449 अंक लाकर स्टेट टॉपर
- कॉमर्स में उर्सुलाइन रांची की अमीषा अव्वल, मिले 465 अंक
- साइंस में 55.01 फीसद छात्र, जबकि 61.68 फीसद छात्राएं पास
- कामर्स में 63.68 फीसद छात्र, जबकि 79.07 फीसद छात्राएं पास
बेटों को पीछे छोड़ बेटियों ने मारी बाजी
छात्राओं का रिजल्ट छात्रों के रिजल्ट से काफी बेहतर रहा है। दोनों संकायों के परीक्षा परिणाम में छात्राओं ने बाजी मारी है। लड़कियों की सफलता दर लड़कों से काफी अधिक रही है। इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा में इस बार 55.01 फीसद लड़के ही पास हुए, जबकि 61.68 फीसद लड़कियों ने सफलता हासिल की। कॉमर्स में भी 63.68 फीसद लड़के ही पास हुए, जबकि 79.07 फीसद लड़कियों ने अपना परचम लहराया।
स्टेट टॉप 10 : साइंस
- 1. राधेश्याम साहा-449- यूपीजी प्लस टू स्कूल सहरग्राम, पाकुड़
- 2. रवि रंजन कुमार प्रजापति- 448-संत जेवियर्स कॉलेज, रांची
- 2. सचिन कुमार- 448-इंटर साइंस कॉलेज हजारीबाग
- 3. हिमांशु कुमार-446-संत जेवियर्स कॉलेज, रांची
- 3. स्मिता राज- 446-मॉडल प्लस टू हाई स्कूल हीरापुर
- 4. लक्ष्मी कुमारी महतो- 445- उर्सलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 4. संस्कार कुमार- 445- इंटर कॉलेज डोमचांच
- 5. मनोज जायसवाल-444-संत जेवियर्स कॉलेज रांची
- 6. रवि कुमार- 443- देवघर कॉलेज देवघर
- 7. विशाल कुमार-442-संत जेवियर्स कॉलेज, रांची
- 7. आशीष कुमार- 442- संत जेवियर्स कॉलेज, रांची
- 7. कोमल कल्प- 442- संत जेवियर्स कॉलेज, रांची
- 7. अजय भौमिक- 442-आरपी सारंगी इंटर कॉलेज सीकेपी
- 8. आर्यन मधुर- 441-एसपी डीईओ इंटर कॉलेज नगर उंटारी
- 8. सोनू कुमार- 441- पाकुड़ राज प्लस टू हाई स्कूल पाकुड़
- 8. सुफियाना अहमद अंसारी-441- करीम सिटी कॉलेज जमशेदपुर-
- 9. शिखा कुमारी- 440-बसिया इंटर कॉलेज बसिया
- 10. बिशु कुमार-439-आरके सीता प्लस टू हाई स्कूल हरिहरगंज
- 10. राजू कुमार- 439- मानव देवी डेडिकेटेड इंटर कॉलेज सुडना, पलामू
साइंस में पलामू, कॉमर्स में सिमडेगा फिर अव्वल
पिछले वर्ष की तरह इंटरमीडिएट साइंस में पलामू तथा कॉमर्स में सिमडेगा जिला इस वर्ष भी अव्वल रहा। साइंस में पाकुड़ तथा कॉमर्स में साहेबगंज का रिजल्ट सबसे खराब रहा। इस बार भी साइंस में अव्वल रहनेवाले पलामू का कॉमर्स में रिजल्ट सबसे फिसड्डी साहिबगंज से ही बेहतर है। पिछले साल भी कॉमर्स में साहिबगंज व पलामू का रिजल्ट खराब रहा था।
रूम पार्टनर बने साइंस में संयुक्त रूप से थर्ड स्टेट टॉपर
संत जेवियर के छात्र हिमांशु कुमार एवं राणा रणधीर रौशन साइंस विषय में संयुक्त रूप से तीसरे टॉपर रहे। दोनों ने 89.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। औरंगाबाद के रहने वाले हिमांशु के पिता विशेश्वर नाथ मिश्रा सिविल कोर्ट में एडवोकेट हैं। उïनकी माता सावित्री मिश्रा निजी स्कूल की शिक्षक हैं।
वहीं रणधीर रौशन पलामू जिला के देवताही गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता राम बिहारी बैठा मुंबई में प्राईवेट इम्पलॉय हैं। उनकी माता सोना देवी गृहणी हैं। दोनों कॉलेज के अलावा रूम में भी साथ-साथ पढ़ाई करते हैं। दोनों ने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा कि वे नियमित चार से पांच घंटे की पढ़ाई करते थे। आगे की प्लानिंग के बारे में हिमांशु और रणधीर ने कहा कि आगे वे स्नातक के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करेंगे। दोनों का अगला लक्ष्य सिविल सर्विस में जाना है।
स्टेट टॉप 10 : कॉमर्स
- 1. - अमीषा कुमारी - 465 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 2. - सलोनी गुप्ता - 459 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 3. - साक्षी अनुराग - 439 - मारवाड़ी वीमेंस कॉलेज, रांची
- 4. - रूपा कुमारी - 437 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 5. - रितु राज - 436 - संत जेवियर कॉलेज, रांची
- 6. - मुबसिरीन जैलानी - 434 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 7. - रानी वर्मा - 433 - संत अन्ना इंटर कॉलेज, रांची
- 7. - अफसाना खातून - 433 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 8. - शशि शेखर - 431 - आनंदा कॉलेज, हजारीबाग
- 9. - अंशु कुमारी - 430 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
- 10. - शैल्या कुमारी - 429 - संत जेवियर कॉलेज, रांची
- 10. - आफरीन परवीन - 429 - उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, रांची
साइंस में दस जिले में आधे से अधिक फेल
इंटरमीडिएट साइंस के रिजल्ट में सुधार के बावजूद दस जिलों में आधे से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए हैं। इनमें पाकुड़, खूंटी, जामताड़ा, गुमला, चतरा, साहिबगंज, पूर्वी सिंहभूम, लातेहार, गोड्डा तथा पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं। वहीं, कॉमर्स में साहिबगंज और पलामू में आधे से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए हैं। पिछले साल छह जिले में कॉमर्स में आधे से अधिक विद्यार्थी फेल हुए थे।
राज्य के 73 स्कूल ऐसे, जहां केवल एक ही छात्र पास
जैक के परिणाम में राज्य में 73 प्लस टू विद्यालय या इंटर कॉलेज ऐसे हैं, जहां केवल एक छात्र ही पास कर सके। इनमें साइंस स्ट्रीम में 43 व कॉमर्स में 30 स्कूल हैं। इन स्कूल-कॉलेज का परिणाम बहुत ही खराब रहा। इतना ही नहीं 392 स्कूल-कॉलेज की स्थिति तो ऐसी है, जहां पास छात्रों की संख्या दहाई अंक में भी नहीं।
392 स्कूल-कॉलेज की स्थिति तो ऐसी है, जहां पास छात्रों की संख्या दहाई भी नहीं
राज्य में साइंस की स्थिति अधिक खराब है। इन 392 स्कूल- कॉलेजों में 234 साइंस स्ट्रीम में तो 158 कॉमर्स में है। 30 स्कूल ऐसे हैं जहां कॉमर्स में केवल 2 छात्र पास किए तो साइंस के ऐसे स्कूलों की संख्या 28 है। सरकार की नाक के नीचे भी ऐसे स्कूल चल रहे हैं। कॉमर्स में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मांडर और वाइबीएन इंटर कॉलेज मैक्लुस्कीगंज, रांची है तो साइंस में प्लस टू किसान स्कूल चान्हो, छोटानागपुर इंटर कॉलेज बूटी और कर्पूरी ठाकुर इंटर कॉलेज, रांची है।
रांची का यह रहा हाल
रांची में 39 स्कूल-कॉलेज ऐसे हैं जहां पास छात्रों की संख्या दहाई अंक भी नहीं पहुंच सकी। इन स्कूल-कॉलेज से 10 से कम छात्र-छात्राएं पास कर सके। साइंस में तीन ऐसे स्कूल रहे जहां एक बच्चे पास कर सके तो कॉमर्स में ऐसे स्कूलों की संख्या दो रही।
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