Move to Jagran APP

JAC 10th Result 2020: झारखंड में 35 स्कूल ऐसे जहां से केवल एक ही बच्चा पास, 1453 स्‍कूलों में 10 छात्र भी पास नहीं

JAC 10th Result 2020. 1453 हाई स्कूलों की स्थिति तो ऐसी है जहां पास छात्रों की संख्या दहाई अंक में भी नहीं पहुंच सकी। जबकि यहां के शिक्षकों के वेतन पर सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 05:33 AM (IST)
JAC 10th Result 2020: झारखंड में 35 स्कूल ऐसे जहां से केवल एक ही बच्चा पास, 1453 स्‍कूलों में 10 छात्र भी पास नहीं
JAC 10th Result 2020: झारखंड में 35 स्कूल ऐसे जहां से केवल एक ही बच्चा पास, 1453 स्‍कूलों में 10 छात्र भी पास नहीं

रांची, [शक्ति सिंह]। JAC 10th Result 2020 राज्य में 35 हाईस्कूल ऐसे हैं जहां से केवल एक बच्चा ही पास कर सका है। इन स्कूलों का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। इतना ही नहीं 1453 हाई स्कूलों की स्थिति तो ऐसी है जहां पास छात्रों की संख्या दहाई अंक में भी नहीं पहुंच सकी। जबकि इन स्कूलों में शिक्षकों के वेतन पर राज्य सरकार लाखों रुपये खर्च करती है। रांची जिले में भी सात ऐसे स्कूल हैं जहां केवल एक-एक विद्यार्थी ही परीक्षा पास कर सके हैं। गौरतलब है कि बीते वर्ष 34 ऐसे स्कूल थे जहां से केवल एक छात्र पास किए थे। साथ ही 301 ऐसे स्कूल थे जहां पास करने वाले छात्रों की संख्या दहाई अंक में नहीं पहुंची थी। यानी इस बार 1152 स्कूल बढ़ गए जहां पास करने वाले छात्र दहाई अंक में नहीं हैं।

loksabha election banner

ये एकलव्य, बिन गुरु पा रहे ज्ञान, बिना शिक्षक के बच्चों ने सौ-सौ नंबर प्राप्त किए

महाभारत में एकलव्य की कहानी सुनी होगी। बिना गुरु के कैसे एक शिष्य ने अद्भुत ज्ञान प्राप्त कर लिया। अतीत की यह कहानी वर्तमान में सार्थक होती दिख रही है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से संचालित मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में राजधानी रांची के कई स्कूलों के बच्चों ने उन विषयों में भी बेहतर किया, जिन विषयों में स्कूल में शिक्षक नहीं थे।

मैट्रिक के परिणाम में रांची के एसएस डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय, जिला स्कूल और राजकीय बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय बरियातू सहित अन्य विद्यालयों में गणित, संस्कृत, सोशल साइंस और विज्ञान के शिक्षक नहीं थे। इसके बावजूद इन विषयों में छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है। यह बानगी भले रांची के कुछ स्कूलों की है लेकिन वास्तविकता पूरे राज्य की है।

पांच बच्चों ने गणित में पाए शत-प्रतिशत अंक

एसएस डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय में गणित के शिक्षक नहीं रहने के बावजूद, 5 छात्राओं ने गणित विषय में सौ में सौ अंक प्राप्त किए हैं। अन्य छात्राओं का भी रिजल्ट बेहतर रहा। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्लस टू के शिक्षक का यहां सहारा लिया जा रहा है। लेकिन वह भी मेडिकल कारणों से छुट्टी पर थे। इसी तरह राजकीय बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय बरियातू में सोशल साइंस के शिक्षक नहीं है। उसके बाद भी रिजल्ट बेहतर रहा।

बिना शिक्षक ज्यादातर को 90 फीसद अंक

जिला स्कूल का भी हाल यही है। यहां 40 शिक्षकों का पद सृजित है, जहां महज 6 शिक्षक कार्यरत हैं। वह भी सभी विषयों के नहीं हैं। गणित, हिंदी, संस्कृत और साइंस के शिक्षक नहीं होने के बाद भी यहां के छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। ज्यादातर छात्रों को 90 फीसद से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं।

स्कूल भी मजबूर

स्कूल भी मजबूर हैं, उनके यहां भी शिक्षक हैं ही नहीं। बच्चों की पढ़ाई खराब न हो, इसके लिए दूसरे विषय के शिक्षकों को प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, ताकि बच्चों का विषय खराब ना हो।

स्कूल में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इसके बावजूद छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरे विषय के शिक्षकों का सहारा लिया जा रहा है। एके सिंह, प्राचार्य, जिला स्कूल, रांची।

यह बात सही है कि कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद स्कूलों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। शिक्षकों की कमी को लेकर विभाग गंभीर है। मिथिलेश कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, रांची।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.