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BAU: केवीके के मौसम पूर्वानुमान जारी करने से किसानों को खेती में मिलेगी मदद

BAU बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि मौसम व पर्यावरण विभाग के द्वारा मौसम आधारित एग्रोमेट परामर्श सेवा विषयक प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इसमेंबोकारो चतरा गढ़वा गिरिडीह लातेहार लोहरदगा सिमडेगा पाकुड़ साहेबगंज पलामू एवं पश्चिमी सिंहभूम जिले के केवीके वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 03:36 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 03:36 PM (IST)
BAU: केवीके के मौसम पूर्वानुमान जारी करने से किसानों को खेती में मिलेगी मदद
बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने मौसम आधारित एग्रोमेट परामर्श सेवा विषयक प्रशिक्षण का आयोजन किया।

जासं, रांची I बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि मौसम व पर्यावरण विभाग के द्वारा मौसम आधारित एग्रोमेट परामर्श सेवा विषयक दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इसका समापन बुधवार को होगा। आइसीएआर, नई दिल्ली की प्रोजेक्ट ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (दामू) परियोजना के सुचारू रूप से संचालन एवं कार्यान्वयन के लिए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दामू परियोजना से जुड़े बोकारो, चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, लातेहार, लोहरदगा, सिमडेगा, पाकुड़, साहेबगंज, पलामू एवं पश्चिमी सिंहभूम जिले के केवीके वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं।

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मौके पर अधीन कृषि मौसम व पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष एवं डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डा ए वदूद ने एग्रोमेट परामर्श सेवा की तैयारी एवं प्रखंड स्तर पर तकनीकी हंस्तान्तरण के बारीकियों की जानकारी दी। किसानों हेतु प्रखंड स्तर पर ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के मापदंड एवं दृष्टिकोण से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत से ज्यादा किसान वर्षा आधारित खेती करते हैं। ऐसे में अगर हर केवीके अगर मौसम पूर्वानुमान जारी करें तो प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक किसानों की बड़ी मदद होगी। इससे फसल की रोपाई, कटाई और भंडारण में मौसम की वजह से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा।

प्रशिक्षण के दौरान बीएयू ग्रामीण कृषि मौसम सेवा से जुड़े शोधार्थी संजीव कुमार, विनोद कुमार एवं दीपक तिर्की ने भारतीय मौसम विभाग को स्थानीय मौसम सबंधी डाटा का सम्प्रेषण तथा मौसम विभाग के वेबसाइट से एग्रोमेट सबंधी डाटा को डाउनलोड कर जिला एवं प्रखंड स्तरीय एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन के निर्माण के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण के संचालन में डा प्रज्ञा कुमारी, स्मिता श्वेता, डा पंकज सेठ, राजेश कुमार एवं निर्मल कुमार ने योगदान दिया।

डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डा जगरनाथ उरांव ने वैज्ञानिकों को एग्रोमेट परामर्श सेवा अधीन नियमित बुलेटिन को तैयार कर जिला एवं प्रखंड स्तर पर नियमित तरीके से प्रसारित करने का निर्देश दिया। एडिशनल डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डा एस कर्मकार ने स्थानीय किसानों के हित में इस सेवा को प्राथमिकता देने की बात कही। ताकि इस सेवा का फायदा किसानों को मिले और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी को बढ़ावा दिया जा सके।


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