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Jharkhand Assembly Election 2019: इस बार आपका वोट झारखंड के लिए...जानें आखिर क्‍यों मौजूं है यह सवाल

सोचिए क्या हम हर चुनाव में अपने राज्य के संपूर्ण विकास के मद्देनजर वोट करते आए हैं? क्या राज्य गठन के बाद मानव विकास के जो तमाम सूचकांक हैं उन्हें ध्यान में रखकर हमने सरकारें चुन

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:21 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: इस बार आपका वोट झारखंड के लिए...जानें आखिर क्‍यों मौजूं है यह सवाल
Jharkhand Assembly Election 2019: इस बार आपका वोट झारखंड के लिए...जानें आखिर क्‍यों मौजूं है यह सवाल

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Jharkhand Assembly Election 2019 इस बार वोट अपने राज्य झारखंड के लिए करें। यदि कोई आकर आपसे  ऐसा कहे तो हो सकता है एकबारगी आपको थोड़ा अजीब लगे। स्वाभाविक भी है, क्योंकि झारखंड गठन के बाद से अबतक विधानसभा चुनाव में आप अपने राज्य के लिए ही वोट करते आ रहे हैं। फिर यह सवाल उठा क्यों? आखिर चूक कहां रह गई, जो हमें झारखंड के लिए वोट करने के लिए अपील करने की जरूरत आन पड़ी? सोचिए, क्या हम हर चुनाव में अपने राज्य के संपूर्ण विकास के मद्देनजर वोट करते आए हैं? क्या राज्य गठन के बाद मानव विकास के जो तमाम सूचकांक हैं, उन्हें ध्यान में रखकर हमने सरकारें चुनी हैं ? जब इन सब पहलुओं पर गौर फरमाएंगे तो हो सकता है यह सवाल बहुत मौजूं लगे..।

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प्राकृतिक खूबसूरती और खनिजों से यहां की धरती धनधान्य है। प्रकृति के उपासक आदिवासियों, मूलवासियों का जल, जंगल, जमीन से लगाव जगजाहिर है। मानवजनित प्राकृतिक समस्याओं से अब असमय ही लोगों की सांसें थम रही हैं। उधर देश की राजधानी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। ऐसे ही अन्य दर्जनों शहरों में प्रदूषण से मनुष्य की आयु कम हो रही है। अपार वन संपदा के बावजूद झारखंड के भी कई जिले इसकी चपेट में आ गए हैं।

स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल, खनिजों के खनन से बीमार हो रहे मजदूर, पानी के अभाव में बंजर पड़ी रहने वाली धरती, मानव तस्करी, रोजगार के लिए पलायन को मजबूर बड़ी आबादी, वन आधारित उत्पादों के सहारे जीवन जीने की कम होती प्रत्याशा, समृद्ध कला-संस्कृति, दूरदृष्टि और मजबूत इच्छाशक्ति के अभाव में असीम संभावनाओं के बाद भी पर्यटन का सही विकास न होना, प्रतिभा से भरे युवाओं के लिए खेल सहित तमाम क्षेत्रों में नए विकल्प न खुलना समेत कई मुद्दे हैं जिन पर मंथन होना चाहिए।

मंथन यह भी करना चाहिए कि क्या हमने कभी इस संपूर्णता से राज्य के विकास के मद्देनजर वोट किया है? मंथन यह भी करना चाहिए कि क्या हम हिस्सों में, जातियों में, क्षेत्रों में, बोली-भाषा के आधार पर तो वोट करते नहीं आ रहे हैं। क्या हमने स्थायी और सशक्त सरकार चुनने के लिए झारखंडी बनकर वोट किया है।

दैनिक जागरण अपनी जन सरोकारीय पत्रकारिता के तहत ऐसे मुद्दे लगातार उठाता रहता है। कुछ महीने पहले ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में अभियान पहला मुद्दा, पहला वोट के जरिए ऐसे युवाओं को प्रेरित किया गया था जो पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने वाले थे। पूरे राज्य में एक साथ 24 जिलों में एक ही दिन 250 किमी मानव शृंखला का रिकार्ड भी बना।

अब विधानसभा चुनाव में युवा से लेकर बुजुर्ग तक, शहरी से लेकर ग्रामीण तक सभी को वोट करना है सुंदर, समृद्ध और सशक्त झारखंड के लिए। आपको मुद्दों से रु-ब-रू करवाएंगे, बताएंगे मौजूदा स्थायी सरकार ने कितना किया है और आगे क्या होना चाहिए? विभिन्न कार्यक्रमों-माध्यमों के जरिए आप तक पहुंचेंगे, बस इस बार मतदान करना है झारखंडी बनकर अपने झारखंड के लिए...।

प्रदीप शुक्ल, स्थानीय संपादक, झारखंड।


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