Indian Railways: अब ट्रेन से दो घंटे पहले पहुंच सकेंगे दिल्ली, यात्रियों को मिलेगा एलएचबी कोच का लाभ
Indian Railways News ग्रैंड कार्ड सेक्शन में ट्रेनों की रफ्तार 110 की जगह 130 कर दी गई है। यात्री अब 17 की जगह 15 घंटे में 1066 किमी का सफर पूरा करेंगे।
झुमरीतिलैया (कोडरमा), [अरविंद चौधरी]। Indian Railways News नई दिल्ली हावड़ा ग्रैंडकार्ड सेक्शन में अब यात्री नियमित ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार का आनंद ले सकेंगे। इससे अब रेल यात्री कोडरमा से नई दिल्ली दो घंटे पहले पहुंच सकेंगे। नई टाइम टेबल में आने वाले दिनों में कोडरमा से नई दिल्ली की 1066 किमी की दूरी मात्र 15 घंटे में पूरा कर सकेंगे। इसके अलावा यात्री कम किराया देकर राजधानी की रफ्तार का आनंद ले सकेंगे।
रेलवे ने गत अगस्त माह से प्रधानखंता से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच गति सीमा 110 की जगह 130 कर दी है, जो राजधानी एक्सप्रेस की गतिसीमा है। वर्तमान में कोडरमा स्टेशन पर मात्र एक ट्रेन 02801 पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस प्रतिदिन 30 मिनट से एक घंटे पहले पहुंच जा रही है। अन्य स्टेशनों पर भी यही हाल है। ऐसे में ट्रेन तो पहले पहुंच जा रही है, लेकिन खुलने के निर्धारित समय पर ही ट्रेनों को रवाना किया जा रहा है।
मालूम हो कि हावड़ा, कोलकता, सियालदाह से खुलने वाली और धनबाद गोमो जंक्शन कोडरमा के रास्ते होकर चलने वाली 98 साधारण मेल एक्सप्रेस को एलएचबी कोच की सुविधा से युक्त किया गया है और राजधानी एक्सप्रेस की गतिसीमा 130 किमी रफ्तार को इन ट्रेनों में लागू कर दिया गया।
इसमें मुख्य रूप से वर्तमान समय में हावड़ा, नई दिल्ली, पूर्वा एक्सप्रेस, सहित कई ट्रेनें शामिल हैं। वर्तमान में कोडरमा के रास्ते तीन राजधानी व दुरंतो एक्सप्रेस, दिल्ली 14 घंटे में पहुंच रही है। आने वाले डेढ़ से दो वर्ष में राजधानी एक्सप्रेस की गतिसीमा 160 करने की योजना है।
गिरिडीह कोडरमा होते हुए पटना के लिए ट्रेन का परिचालन होगा
लॉकडाउन के बाद नियमित परिचालन शुरू होने के साथ ही कोलकाता पटना एक्सप्रेस अप और डाउन को हावड़ा से भाया मधुपुर , गिरिडीह, कोडरमा, गया होते हुए पटना तक परिचालन कराने की कवायद शुरू हो गई। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो सितंबर माह से कोडरमा के यात्रियों को एक ट्रेन की सौगात मिलेगी। वर्तमान में कोडरमा से कावरपुरी तक से विद्युतीकरण हो गया और मधुपुर से गिरिडीह रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम तकरीबन पूरा हो चुका है।