मोमेंटम झारखंड का प्रचार करने वाली एजेंसी की होगी जांच, मैनहर्ट मामले में जांच के आधार पर कार्रवाई
Jharkhand. विधानसभा में बजट सत्र के दौरान प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने सरकार की ओर से दिया आश्वासन। नगर निकायों के अधिसूचित क्षेत्रों में विस्तार की होगी समीक्षा।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार रांची सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम के लिए मैनहर्ट के कंसलटेंट के रूप में नियुक्ति में हुई गड़बड़ी की पूर्व में हुई जांच की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी। प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को विधानसभा में विधायक सरयू राय की मांग पर इसका आश्वासन दिया। मंत्री नगर विकास, परिवहन तथा सूचना जनसंपर्क विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। प्रभारी मंत्री ने मोमेंटम झारखंड में पीआर का काम देखनेवाली कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग एवं अन्य एजेंसियों की नियुक्ति में भी हुई गड़बड़ी की भी जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया।
साथ ही, नगर निकायों के अधिसूचित क्षेत्रों में विस्तार की समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लेने की बात कही। विधायक सरयू राय ने कहा कि वर्ष 2005 में रांची में सीवरेज सिस्टम विकसित करने के लिए डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति सही ढंग से नहीं हुई थी। बताया कि उन्होंने इसकी जांच की थी। बाद में विधानसभा की समिति भी जांच की, जिसने उस कंपनी (मैनहर्ट, हालांकि विधायक ने एजेंसी का नाम नहीं लिया) को अयोग्य करार दे दिया था।
उनके अनुसार, बाद में निगरानी सेल ने भी वर्ष 2010 में इसकी जांच की, जिसने स्वीकार किया कि न केवल एजेंसी की गलत नियुक्ति हुई, बल्कि टेंडर में भी हस्तक्षेप हुआ। उन्होंने तीनों जांच रिपोर्ट सदन में रखते हुए उसपर कार्रवाई की मांग की। सरयू ने मोमेंटम झारखंड के लिए अर्नेस्ट एंड यंग तथा सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए इंडिया रिपोर्ट के चयन पर भी सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। कहा कि जिस एजेंसी को पीआर का अनुभव नहीं है, उसे भी काम दिया गया।
हाल ही में बनी कंपनी को करोड़ों का काम दिया गया, जबकि उसके पास अपना कार्यालय भी नहीं था। उन्होंने मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम के लिए माइका लिमिटेड की नियुक्ति में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया। कहा कि इसके द्वारा अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं देने तथा महिला कर्मियों के साथ दुव्र्यवहार की बातें सामने आई हैं। इसपर मंत्री ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मंत्री के आश्वासन के बाद सरयू राय ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया।
इसी के साथ ध्वनिमत से नगर विकास विभाग की 25 अरब 42 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें स्वीकृत हो गईं। इससे पहले, झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम सहित कुछ अन्य विधायकों ने पिछली सरकार में नगर निकायों का विस्तार अधिसूचित क्षेत्रों में भी होने पर सवाल उठाते हुए उक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की। इसपर मंत्री चंपई सोरेन ने समीक्षा का आवश्यक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। कहा कि अधिसूचित क्षेत्रों का किसी प्रकार का अतिक्रमण होने नहीं दिया जाएगा।