सांसदों, विधायकों की शिकायत पर स्कूलों के मर्जर का होगा भौतिक सत्यापन
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार ने 20 से कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को पास के स्कूलों में वि
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार ने 20 से कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को पास के स्कूलों में विलय कराने का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक उमाशंकर सिंह तथा प्राथमिक शिक्षा निदेशक आकांक्षा रंजन ने बुधवार को वीडियो-कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस संबंध में निर्देश जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिए। पदाधिकारियों ने कहा कि स्कूलों के विलय के विरुद्ध सांसदों, विधायकों या अन्य लोगों से जो भी शिकायतें मिल रही हैं उनकी जांच के लिए भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। स्पष्ट रूप से कहा गया कि सिर्फ लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्कूलों का विलय नहीं होना चाहिए। जो स्कूल विलय के पैमाने पर खरा उतरते हैं, उनका ही विलय होना चाहिए।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने प्राथमिक शिक्षकों के आवश्यकता के अनुरूप पदस्थापन (रेशनलाइजेशन) के संबंध में किसी जिले से रिपोर्ट नहीं मिलने की बात उठाई। इसपर निर्णय लिया गया कि राज्य स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर शिक्षकों के पदस्थापन को लेकर स्ट्रेटजी तैयार की जाएगी। 30 जून तक हर हाल में शिक्षकों को आवश्यकता के अनुरूप पदस्थापन कर लिया जाएगा। पदाधिकारियों ने 18 से 30 जून तक चलनेवाले स्कूल चलें अभियान को गाइडलाइन के अनुसार सफल बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि एक भी बच्चा स्कूल से बाहर नहीं रहना चाहिए। अधिकारियों ने शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी बेहतर ढंग से संचालित करने का निर्देश दिया। जिला स्तर पर शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है, जबकि प्रखंड स्तर पर यह 18 जून से शुरू होगा।
अधिकारियों ने नीति आयोग से 62 स्कूलों में स्वीकृत अटल टिंक¨रग लैब की जानकारी भी जिला शिक्षा अधीक्षकों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दी। इसके लिए प्रत्येक स्कूल 20-20 लाख रुपये मिलेंगे। बता दें कि बच्चों में नए आइडिया विकसित करने के लिए टिंक¨रग लैब स्थापित की जानी हैं।
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