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घूस के लिए थानेदार ने 21 दिनों तक ट्रैक्टर को थाने में रखा, कार्रवाई का आदेश Ranchi News

पलामू के डीआइजी की जांच रिपोर्ट में सामने आया तथ्‍य। पीडि़त ने लोकायुक्त को इसकी शिकायत की थी। अब लोकायुक्‍त ने दोषी लोकसेवकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का आदेश दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 05:44 PM (IST)
घूस के लिए थानेदार ने 21 दिनों तक ट्रैक्टर को थाने में रखा, कार्रवाई का आदेश Ranchi News
घूस के लिए थानेदार ने 21 दिनों तक ट्रैक्टर को थाने में रखा, कार्रवाई का आदेश Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। बिना जुर्म ट्रैक्टर पकड़ा और 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। जिला खनन पदाधिकारी के आदेश के बावजूद 21 दिनों तक ट्रैक्टर को थाने से नहीं छोड़ा। पलामू के चैनपुर थानेदार सुनीत कुमार पर लगे इस आरोप की पुष्टि हो चुकी है। थानेदार पर ट्रैक्टर छोड़े जाने के एवज में 20 हजार रुपये रिश्वत मांगने के आरोप प्रमाणित हुए हैं। यह कहना है कि पलामू के डीआइजी का। उन्होंने लोकायुक्त कार्यालय में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। पूरे मामले की जांच लोकायुक्त के आदेश पर कराई गई थी।

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डीआइजी पलामू की रिपोर्ट मिलने के बाद लोकायुक्त ने डीजीपी कमल नयन चौबे को यह निर्देश दिया है कि वे दोषी लोकसेवकों पर विधि-सम्मत दंडात्मक कार्रवाई करें, जिनके चलते शिकायतकर्ता को मानसिक व आर्थिक क्षति हुई। यह जांच रिपोर्ट से भी स्पष्ट है। लोकायुक्त कार्यालय में पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के पूर्वडिहा निवासी अनिल कुमार दुबे ने 27 मई को लिखित शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके ट्रैक्टर को चैनपुर के दारोगा जयप्रकाश पासवान ने बेवजह पकड़ लिया था।

न तो जब्ती सूची बनाई, न पकडऩे का कारण बताया और ट्रैक्टर छोडऩे के एवज में 20 हजार रुपये की मांग की। जब उन्होंने चैनपुर थानेदार सुनीत कुमार से मुलाकात कर ट्रैक्टर पकडऩे का कारण जानना चाहा तो उन्होंने भी कहा कि 20 हजार रुपये देने पर गाड़ी छूटेगी, नहीं तो वे उक्त गाड़ी को जिला खनन पदाधिकारी मेदिनीनगर के यहां भेज देंगे।

इसके बाद पीडि़त जब जिला खनन पदाधिकारी से मिले तो उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर पर बालू लोड है एवं दो हजार रुपये दंड देने के बाद ही ट्रैक्टर छूटेगा। बिना टे्रलर के बालू लोड का दो हजार रुपये रिश्वत ली और थाना प्रभारी को ट्रैक्टर छोडऩे का आदेश दिया। जिला खनन पदाधिकारी के आदेश को फेंकते हुए थानेदार ने 10 हजार रुपये रिश्वत देने की मांग की। जब शिकायत वरीय अधिकारियों को की तब एक महीने के बाद ट्रैक्टर छोड़ा गया।


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