झारखंड में शिशु मृत्यु दर में वृद्धि, तीन साल से लगातार बढ़ रही बेटियों के मरने की दर
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राज्य में 29 शिशुओं की मौत जन्म के एक साल के भीतर होती थी अब 30 शिशुओं की मौत हो रही है।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। झारखंड में जन्म के पहले साल के भीतर शिशुओं की होनेवाली मौत की दर बढ़ गई है। पिछले दो सालों से यह दर 29 बनी हुई थी, लेकिन इस वर्ष यह दर बढ़कर 30 हो गई। झारखंड में एक हजार जन्म पर जहां 29 शिशुओं की मौत जन्म के एक साल के भीतर होती थी, अब इतने ही जन्म पर 30 शिशुओं की मौत हो रही है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की इसी माह जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
यह रिपोर्ट वर्ष 2018 के आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है। झारखंड में शिशु मृत्यु दर (एक हजार जन्म पर शिशुओं की एक साल के भीतर होनेवाली मौत) लगातार घट रही थी। लेकिन पिछले दो वर्षों तक जहां यह दर स्थिर बनी हुई थी, वहीं इस वर्ष यह बढ़ गई है। इस वर्ष ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में यह दर बढ़ी है। साथ ही मेल व फीमेल दोनों शिशुओं में यह दर बढ़ी है।
ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो यहां पिछले साल शिशु मृत्यु दर 31 से घटकर 30 हो गई थी। लेकिन इस वर्ष यह बढ़कर 31 हो गई है। शहरी क्षेत्रों में तो यह दर लगातार बढ़ रही है। पिछले साल भी यह 21 से बढ़कर 24 हो गई थी। इस साल तो यह दर बढ़कर 26 हो गई है।
शहरी क्षेत्र में मृत्यु दर राष्ट्रीय दर से अधिक
वैसे तो झारखंड में शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय दर से कुछ कम है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इससे उलट स्थिति है। झारखंड के शहरी क्षेत्रों में एक हजार में 26 शिशुओं की मौत जन्म के पहले साल हो जाती है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 23 ही है। बेटियों की बात करें तो इस मामले में भी झारखंड की स्थति राष्टीय औसत से खराब ही है। देश में 33 बेटियों की मौत जन्म के एक साल के भीतर हो जाती है, लेकिन झारखंड में ऐसी बेटियों की संख्या 34 है।
टीकाकरण व संस्थागत प्रसव पर सवाल
राज्य में शिशु मृत्यु दर बढ़ने पर टीकाकरण व संस्थागत प्रसव पर सवाल उठता है। पिछले कई वर्षों में शिशु मृत्यु दर लगातार घटने पर कहा जा रहा था कि राज्य में टीकाकरण व संस्थागत प्रसव की दर बढ़ने से ही शिश मृत्यु दर में आई है। अब इस दर के बढ़ने से राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के कार्यक्रमों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
किस वर्ष की सर्वे रिपोर्ट में कितनी दर
वर्ष शिशु मृत्यु दर
2016 32
2017 29
2019 29
2020 30
ऐसे बढ़ी शिशु मृत्यु दर
वर्ष कुल ग्रामीण शहरी पुरुष महिला
2019 29 30 24 25 33
2020 30 31 26 27 34