रोजगार सृजन के लिए निवेश पर फोकस कर रही सरकार
राज्य ब्यूरो रांची वस्त्र और परिधान खाद्य और मांस प्रसंस्करण फार्मा सेक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स मोटरवाहन और इलेक्ट्रिक व्हीकल को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चिह्नित कर राज्य सरकार ने झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के व्यापक विस्तार के लिए रोड मैप तैयार किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची : वस्त्र और परिधान, खाद्य और मांस प्रसंस्करण, फार्मा सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटरवाहन और इलेक्ट्रिक व्हीकल को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चिह्नित कर राज्य सरकार ने झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के व्यापक विस्तार के लिए रोड मैप तैयार किया है। इस कड़ी को और सशक्त करने के उद्देश्य से हाल ही में दिल्ली और रांची में स्टेकहोल्डर्स से राज्य सरकार रूबरू हुई। सरकार ने अपने उद्देश्य से देश भर के उद्योगपतियों को अवगत कराया। स्वयं मुख्यमंत्री ने झारखंड में निवेश के लिए सभी को आमंत्रित किया है। कहा, हम आपके साथ हर कदम पर खड़े रहकर उद्योग स्थापना में हर संभव सहयोग करेंगे।
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निवेशकों के विचार से नीतिगत निर्णय :
झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 का प्रारूप जारी किया जा चुका है और स्टेकहोल्डर की बैठक के माध्यम से औद्योगिक नीति में जोड़े गए नए प्रविधानों पर निवेशकों की राय जानने का प्रयास किया गया। ताकि, उनके विचार को जानने के उपरांत नीतिगत निर्णय लिया जा सके। इस नीति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य राज्य के पिछड़े स्थानों में औद्योगीकरण का विस्तार करना है। पूर्व में लागू औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के कार्यान्वयन में जो भी बाधाएं आई हैं, उन्हें इस नीति के तहत दूर करने में तेजी से काम किया जा रहा है।
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खास वर्ग के निवेशकों के लिए रखा ध्यान :
झारखंड के लिए एक नई पहचान विकसित करने के विजन के साथ सरकार खाद्य पदार्थ और मांस प्रोसेसिग पार्क का निर्माण कर रही है। बरही औद्योगिक क्षेत्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के हब में तब्दील होगा। खाद्य और मांस प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 36 एकड़ से अधिक भूमि आरक्षित की गई है। 13 प्रस्तावित भूखंड खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के इच्छुक निवेशकों के लिए हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के निवेशकों के लिए 11.85 एकड़ भूमि का प्रावधान किया गया है। इनमें से 50 प्रतिशत भूखंड पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य इस पहल के जरिए प्रदेश में 250 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना। इससे छह हजार प्रत्यक्ष और बीस हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए सरकार की योजना एसजीएसटी में 5 साल तक के लिए 100 प्रतिशत छूट के साथ नए उद्यमियों, स्टार्टअप, लघु उद्योगों की मदद करने की भी है। जबकि, बड़े उद्योगों के लिए यह प्रविधान क्रमश: सात और नौ साल के लिए लागू होगा।
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सुविधाओं से लैस होगा फार्मा पार्क :
राजधानी रांची के चान्हो प्रखंड में फार्मा पार्क और फूड प्रोसेसिग पार्क बनाने की दिशा में उद्योग विभाग काम कर रहा है। विभाग ने फार्मा पार्क बनाने के लिए 35 एकड़ का ओपन एरिया आरक्षित किया है। योजना के अनुसार सरकार सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े पैमाने पर फार्मा उद्योगों को आवंटन के लिए 55 भूखंड प्रस्तावित की है। कुल 55 भूखंड में 30 भूखंड माइक्रो फार्मा उद्योग के लिए आरक्षित हैं, छोटी इकाइयों के लिए 14 भूखंड, मध्यम इकाइयों के लिए सात भूखंड और चार भूखंड बड़े पैमाने पर इकाइयों के लिए आरक्षित हैं। फार्मा पार्क प्रशासनिक भवन, कैंटीन, यूटिलिटी बिल्डिंग, ईटीपी, सड़क, ड्रेनेज सिस्टम, पुल, स्ट्रीट लाइट सहित बुनियादी ढांचागत सुविधाओं से लैस होगा।
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कई छूट को प्रविधान :
नई नीति के इस प्रारूप में पूर्व की नेट, वैट एवं जीएसटी प्रोत्साहन को बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही, पिछड़े क्षेत्रों में अतिरिक्त एक प्रतिशत ब्याज सब्सिडी का प्रस्ताव दिया है। ताकि, इस प्रोत्साहन से राज्य में निवेश को आ रहे औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय राहत मिल सके। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है कि कोविड-19 महामारी ने औद्योगिक उत्पादन पर संकट पैदा किया और अब लोगों के रोजगार उपलब्ध कराना है। सरकार का मानना है कि जिस झारखंड में उद्योग स्थापित कर उद्योगपतियों ने पूरे विश्व में अपनी पहचान स्थापित की, उस झारखंड की पहचान औद्योगिक क्षेत्र में फिर से स्थापित हो।
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