Indian Railways: जानें- उनके बारे में जिनकी वजह से आप ट्रेन में लेते हैं चैन की नींद... छोटा पद और बड़ी जिम्मेदारी
Indian Railways Latest News रेलवे ट्रैकमैन व गैंगमैन दिन-रात हजारों यात्रियों की सुरक्षा में लगे रहते हैं। हाड़ कंपकंपाती ठंड में भी पटरियों की सुरक्षा में ये योद्धा लगे रहते हैं। छोटे पद व कम तनख्वाह हाेने के बाद भी ये बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं।
झुमरीतिलैया (कोडरमा), [अरविंद चौधरी]। Indian Railways Latest News शीतलहर व हाड़ कंपकंपाती ठंड में भी खुले आसमां के नीचे जंगल व सुनसान जगहों में रहकर हमारी यात्रा को सुखद बनाते हैं रेलवे ट्रैकमैन व गैंगमैन। रेलवे में इनका पद भले ही छोटा हो, तनख्वाह भी काफी कम है, लेकिन जिम्मेदारी काफी बड़ी निभाते हैं। हम ट्रेनों में चैन की नींद लेते हैं, लेकिन ये खुले आसमान के नीचे रेल पटरियों की निगरानी करते हैं। इन्हीं के बदौलत हमारी यात्रा सुरक्षित होती है। इनका जीवन जितना कष्टप्रद होता है, उतना ही जोखिम भरा।
बारिश, गर्मी, ठंड व कोहरे की परवाह किए बगैर रेल पटरियों की सुरक्षा और संरक्षा में सुबह से रात तक डटे रहते हैं। धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत कोडरमा रेलवे के अंतर्गत लाराबाद से लालबाग तक 18 किमी में खासकर रात्रि में हर दो किलोमीटर अप और डाउन में एक-एक ट्रैकमैन और गैंगमैन पटरियों की देखभाल करते हैं। पटरियों या रेल में किसी तरह की समस्या होने पर तत्काल इसकी सूचना ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर को देते हैं।
रेल सेक्शन में ठंड के दौरान गैंगमैन और ट्रैकमैन की जवाबदेही और बढ़ जाती है। सुबह से रात तक सतर्कता के साथ सभी पटरियों की देखरेख और रखरखाव करते हैं। धनबाद रेल मंडल मुख्यालय की ओर से इनके कार्यों की मॉनीटरिंग की जाती है। गंझडी के सहायक मंडल अभियंता गझंडी एनएन दिवाकर, स्थायी पथ निरीक्षक पीडब्लूआइ आनंद मोहन भी समय-समय पर ट्रॉली से इनके साथ पटरियों का निरीक्षण करते हैं। 15 दिन पहले गझंडी के पास पीस प्लेट खुला था।
रात्रि एक बजे से ट्रैकथैन ने इसे देखा और तत्काल इसे ठीक कराया गया। दरअसल, ज्यादा ठंड और कोहरा लगने पर रेल पटरियों में सिकुड़ने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में ट्रेन के पहिए के दबाव से पटरियां टूटती भी है। गर्मी, बरसात और ठंड के मौसम में रेल पटरियों की सुरक्षा को लेकर पेट्रोलिंग टीम को तैनात किया जाता है। ठंड में सभी रेल सेक्शन पर पेट्रोलिंग टीम पटरियों की संरक्षा में लगी है। इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। इन्हीं के बूते हम सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच पाते हैं।