Indian Railways: बोर्डिंग स्टेशन पर नहीं पकड़े ट्रेन तो दूसरे को मिल जाएगी आपकी बर्थ, चलती गाड़ी में यात्रियों को सीट के लिए टीटीई से नहीं करनी पड़ेगी मिन्नत
Indian Railways News अगर आप बोर्डिंग टिकट बुक करवाये हैं और संबंधित स्टेशन पर सवार नहीं होंगे तो आपकी कंफर्म सीट दूसरे यात्री को आवंटित हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत बर्थ खाली होते ही आरएसी और वेटिंग टिकट वाले को स्वतः ही सीट आवंटित हो जाएगा।
झुमरीतिलैया (कोडरमा), संस। Indian Railways News भारतीय रेल ट्रेनों में अब टीटीई की मनमानी पर ब्रेक लगेगा। चलती ट्रेन में यात्रियों को बर्थ के लिए न तो टीटीई के सामने गिड़गिड़ाने और न ही मिन्नतें करने की जरूरत पड़ेगी। नई व्यवस्था के तहत बर्थ खाली होते ही आरएसी और वेटिंग टिकट वाले को स्वतः ही यह आवंटित हो जाएगा। यह नई व्यवस्था धनबाद रेल मंडल की 16 ट्रेनों में लागू हो गई है। अक्टूबर माह तक धनबाद, कोडरमा, गया जंक्शन के रास्ते होकर चलने वाली अन्य ट्रेनों में भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए रेलवे द्वारा नई व्यवस्था शुरू की है। ट्रेनों में मैनुअल चार्ट की जगह टीटीई आधुनिक हैंड हेल्ड टर्मिनल लेकर चलने लगे है। धनबाद रेल मंडल में 68 टीटीई को यह व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई है और लगभग 150 अन्य टीटीईं को भी आने वाले दिनों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। इससे यात्रा के दौरान टीटीई मनमाने ढंग से बर्थ आवंटित नहीं कर सकेंगे।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, टिकट चेक करने वाले टीटीई हाथ में मैनुअल चार्ट के बजाय अब आधुनिक हैंड हेल्ड टर्मिनल से लैस होंगे। नई व्यवस्था लागू होने से बर्थ खाली होते ही आरएसी और वेटिंग टिकट कंफर्म होंगे। ट्रेन में यात्रियों के नेट टर्न-अप के कारण खाली हुई बर्थ को एचएचटी में फीड किया जाएगा। खाली बर्थ फीड होते ही आरएसी बर्थ की पुष्टि हो जाएगी। टिकट कन्फर्मेशन की जानकारी यात्री के मोबाइल पर पहुंच जाएगी। आरएसी क्लियर होने पर बर्थ खाली होने के बाद वेटिंग लिस्ट के यात्रियों के टिकट भी कंफर्म हो जाएंगे। इसकी जानकारी यात्रियों के मोबाइल तक भी पहुंच जाएगी। एचएचटी के उपयोग से अनाधिकृत बर्थ आवंटन पर अंकुश लगेगा।वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को राहत के साथ-साथ पारदर्शिता के साथ रियल टाइम बर्थ की उपलब्धता भी मिलेगी।
वहीं दूसरी ओर धनबाद से खुलने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस, धनबाद गंगा लुधियाना सतलज एक्सप्रेस व अन्य ट्रेनों में बोर्डिंग टिकट बुक करवाये हैं तो संबंधित स्टेशन पर सवार नहीं होंगे तो यात्री की परेशानी बढ़ जाएगी और बोर्डिंग स्टेशन के बाद कंफर्म सीट दूसरे यात्री को आवंटित हो जाएगी। ज्यादातर ट्रेनों में हेल्ड टर्मिनल टैब की जरिये ऑनलाइन व्यवस्था कर दी गई है।
बतातें चले कि पहले टीटीई आरक्षण चार्ट लेकर चलते थे। इस वजह से यात्रियों को थोड़ी रियायत मिल जाती थी। अगर किसी कारण से बोर्डिंग स्टेशन पर सवार न हो सके तो टीटीई एक दो स्टेशन इंजतार करते थे। उसके बाद ही दूसरे यात्री को सीट दी जाती थी। लेकिन अब टैब जैसे गैजेट डिजिटल डीवाइस है। जिसमें अलग-अलग आरक्षण चार्ट फीड रहता है और टैब जीपीआरएस के जरिये यात्री आरक्षण प्रणाली से जुड़ा रहता है। ऐसे में बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन के आखिरी स्टेशन तक जहां भी ट्रेन ठहरती है, टिकटों में विवरण अपटेट हो जाता है। तो ऐसे में टीटीई को पता चल जाएगा कि आप अपने बोर्डिंग स्टेशन पर सवार नहीं हुए है, तो आपकी सीट दूसरे यात्री को आवंटित कर दी जाएगी।