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Indian Army News: बेच दी सेना के कब्‍जे वाली जमीन... फर्जीवाड़े में बड़े चेहरे शामिल... 2 रजिस्‍ट्रार, सीओ समेत 10 पर प्राथमिकी का आदेश

Ranchi Army land Fraud आरोपितों में जगतबंधु टी-इस्टेट का निदेशक दिलीप कमार घोष भी शामिल। मामला सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी रैयत बनकर सात करोड़ रुपये में बेचने का। प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने दिलीप कुमार घोष को बेची थी जमीन।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 06:28 AM (IST)
Indian Army News: बेच दी सेना के कब्‍जे वाली जमीन... फर्जीवाड़े में बड़े चेहरे शामिल... 2 रजिस्‍ट्रार, सीओ समेत 10 पर प्राथमिकी का आदेश
Ranchi News: रांची में बेच दी गई सेना की जमीन... अफसरों सहित 10 लोगों पर प्राथमिकी का आदेश

रांची, [दिलीप कुमार]। Jharkhand News, Ranchi News रांची के बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की 4.55 एकड़ सेना की कब्जे वाली रैयती जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री करने के मामले में रांची के बरियातू थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार की अदालत ने दिया है। जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी है, उनमें रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिगुआ व वैभव मनी त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद शामिल हैं। इनपर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी। सूत्रों की मानें तो दिलीप कुमार घोष पहले मिहिजाम वनस्पति लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे। मिहिजाम वनस्पति लिमिटेड के निदेशक अमित अग्रवाल के ठिकाने पर दो साल पहले आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। अमित अग्रवाल के करीबी रवि केजरीवाल से ईडी ने दो दिन पहले ही पूछताछ की है।

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कमिश्नर की रिपोर्ट में जमीन का असली मालिक जयंत करनाड

सेना के कब्जे वाली जमीन पर विवाद होने के बाद पूरे मामले की जांच दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त उप निदेशक कल्याण से कराई थी। उन्होंने गत वर्ष 20 दिसंबर 2021 को जांच रिपोर्ट आयुक्त को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त जमीन से संबंधित खतियान प्रमोद नाथ दास गुप्ता वल्द बाबु प्रताप नाथ दास गुप्ता के नाम पर है। वर्तमान में उक्त भूमि पर सेना का दखल-कब्जा है। खतियानी रैयद प्रमोद नाथ दास गुप्ता की एकमात्र पुत्री सरस्वती दास गुप्ता थी, जिनके पति मुंजेश्वर लक्ष्मण राव थे। उनके एक पुत्र बी. मुंजेश्वर मुकुंद राव व पुत्री मालती करनाड हुईं। पुत्र बी. मुंजेश्वर मुकुंद राव को कोई संतान नहीं था। जबकि, मालती करनाड को एक बेटा जयंत करनाड हुए। मालती करनाड की मृत्यु के बाद वही उस भुखंड 4.55 एकड़ के एक मात्र उत्तराधिकारी हुए। अदालत में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि सेना के कब्जे वाली जमीन के असली मालिक जयंत करनाड हैं। आयुक्त की रिपोर्ट में इसका जिक्र है कि वर्ष 1967 से 2017 तक विभिन्न न्यायालयों ने खतियानी रैयत के वंशजों को उक्त भूमि का मालिक स्वीकार किया है।

आयुक्त ने प्रदीप बागची के दावे को ठहराया गलत, फर्जीवाड़े की पुष्टि

आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार सेना के कब्जे वाली जयंत करनाड की जमीन पर प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने दावा ठोका और गलत तरीके से दिलीप कुमार घोष को गलत दस्तावेज पर रजिस्ट्री कर दी। इस फर्जीवाड़े में सरकारी अधिकारियो की भी मिलीभगत है। आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट में पंजी-टू के रैयत जयंत करनाड ने वर्ष 2019 में 13 रैयतों को निबंधित दस्तावेज से बिक्री की थी, जिनके दाखिल खारिज को बड़गाइ अंचल ने यह कहते हुए अस्वीकृत किया कि उक्त जमीन पर उनका कब्जा नहीं, सेना का कब्जा है। दूसरे कथित रैयत प्रदीप बागची ने वर्ष 2021 में आनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पोजेशन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, बिजली बिल देकर रांची नगर निगम से होल्डिंग करवा लिया गया। नगर निगम ने भी बिना भौतिक सत्यापन के होल्डिंग कायम किया। आयुक्त कार्यालय ने अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाया था और अपने निष्कर्ष में प्रदीप बागची के निबंधित दस्तावेज पर सवाल उठाते हुए कपटपूर्ण निबंधित कराने के आरोपों को सही पाया था।


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