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भारतीय-अमेरिकी दंपती ने दान किए एक करोड़, जानें झारखंड-बिहार में किन्‍हें मिलेगा लाभ

Ranchi Samachar Jharkhand News प्राण संस्था भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों की पहल है। इसकी शुरुआत रांची के प्रेस क्‍लब में 24 फरवरी 2020 को हुई थी। यह संस्‍था बिहार-झारखंड में स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए काम कर रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 02:00 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 08:45 AM (IST)
भारतीय-अमेरिकी दंपती ने दान किए एक करोड़, जानें झारखंड-बिहार में किन्‍हें मिलेगा लाभ
भारतीय अमेरिकी दंपत्ति रमेश और कल्पना भाटिया।

रांची, जेएनएन। एक भारतीय-अमेरिकी दंपती ने बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (BJANA) नामक संस्‍था को एक करोड़ रुपये दान दिए हैं। इन पैसों का इस्‍तेमाल झारखंड और बिहार में प्राण नामक संस्‍था के जरिये स्‍वास्‍थ्‍य सेवा को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका ने बताया कि रमेश और कल्पना भाटिया फैमिली फाउंडेशन ने डेढ़ लाख डॉलर दिए हैं। इन रुपयों का उपयोग दोनों राज्यों के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।

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'प्राण' संस्था भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों की पहल है। इसकी शुरुआत रांची के प्रेस क्‍लब में 24 फरवरी 2020 को हुई थी। यह संस्‍था बिहार-झारखंड में स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए काम कर रही है। इस संस्‍था के डॉक्टरों ने रांची में 'प्राण' नाम से क्लीनिक खोला है। यहां जरूरतमंदों मरीजों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती है। बजाना यानि BJANA के अध्यक्ष डॉ. अविनाश गुप्ता ने एक करोड़ रुपये दान करने के लिए रमेश और कल्पना भाटिया को धन्यवाद दिया है।

डॉ. अविनाश गुप्ता बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष हैं और न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। वे अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाते भी हैं। प्राण क्लीनिक को बिहार-झारखंड में सफल बनाने के लिए वे हमेशा प्रयासरत हैं। प्राण संस्‍था क्लीनिक सर्विस बियॉन्ड बॉर्डर्स से जुड़ी हुई है। यह एक अमेरिका की संस्था है। डॉ. तंजिल सिन्हा ने झारखंड में इसकी शुरुआत की थी। तंजिल फिलहाल अमेरिका के वर्जीनिया में टॉप गायनेकोलॉजिस्ट में शुमार हैं। दानवीर रमेश भाटिया ने पटना के एनआइटी से पढ़ाई की है। वे टेक्‍सॉस में अपना कारोबार करते हैं। वे लगातार अमेरिका में रह रहे झारखंड-बिहार के लोगों से संपर्क में रहते हैं।


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