Independence Day 2020: झारखंड में 5 हजार स्कूल बनेंगे आदर्श विद्यालय, पढ़ें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रमुख घोषणाएं
Jharkhand Independence Day 2020 रांची के मोरहाबादी मैदान में पहली बार अपनी नई बीएमडब्ल्यू कार से पहुंचे हेमंत सोरेन ने कोरोना वारियर्स को सम्मानित भी किया।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस पर राज्य को कई सौगात दी है। उन्होंने इस मौके पर कई घोषणाएं की। रांची के मोरहाबादी मैदान में पहली बार अपनी नई बीएमडब्ल्यू कार से पहुंचे हेमंत सोरेन ने कोरोना वारियर्स को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में बड़ी संख्या में विद्यालय भवन बनाए गए, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। सरकार ने 5000 विद्यालयों को शिक्षक-छात्र अनुपात, प्रशिक्षक सहित खेल मैदान, पुस्तकालय आदि सभी सुविधाओं से युक्त करते हुए सोबरन मांझी आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हो, कुडुख और मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है। वांछित प्रस्ताव ठोस अनुशंसा के साथ भारत सरकार को भेजने की कार्यवाही की जा रही है।
राज्य के मेडिकल कॉलेजों का नाम बदला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों का नाम बदलने की घोषणा स्वतंत्रता दिवस समारोह में की। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों की भावनाओं के अनुरूप पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज का नाम शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, दुमका मेडिकल कॉलेज का नाम फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का नाम परिवर्तित करते हुए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कर दिया गया है।
शहीद निर्मल महतो श्रमिक महासंघ का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न स्थिति ने पूरे देश में विस्थापन और श्रमिकों की स्थिति को उजागर कर दिया है। पहली बार मजदूरों की विकराल समस्या और उनकी संख्या की ओर लोगों का ध्यान गया। दूसरे राज्यों में काम करने के लिए मजबूर हमारे श्रमिक भाइयों को अपने राज्य में ही काम उपलब्ध करवाने के दीर्घकालीन लक्ष्य के साथ साथ हम उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम कर रहे हैं।
श्रमिक साथियों को लगातार काम नहीं मिल पाता जिसके कारण उनके सामने आर्थिक समस्या आती रहती है। शहीद निर्मल महतो श्रमिक महासंघ नामक संस्था का गठन करने का निर्णय लिया गया है जो श्रमिकों को लगातार रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए काम करेगी।