दुष्कर्म के भयावह आंकड़े: झारखंड में हर माह 150 लड़कियों के साथ होती है दरिंदगी
राज्य में लगातार दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है। सख्त कानून गिरफ्तारी सजा व स्पीडी ट्रायल के बावजूद ऐसे घटनाओं को अंजाम देनेवाले लोगों में कानून का डर नहीं है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में प्रतिमाह औसतन 150 महिलाओं, लड़कियों के साथ ज्यादती होती है। दुष्कर्म के ये आंकड़े एक सभ्य समाज के लिए चिंता की बात है। दुखद स्थिति यह है कि दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सख्त कानून, गिरफ्तारी, सजा व स्पीडी ट्रायल के बावजूद ऐसे घटनाओं को अंजाम देनेवाले लोगों में कानून का डर नहीं है।
राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में जहां 1,171 महिलाओं-लड़कियों के साथ ज्यादती हुई थी, वहीं 2017 में यह संख्या बढ़कर 1,338 हो गई। वर्ष 2018 में पूरे राज्य में 1,478 दुष्कर्म की घटनाएं हुर्ईं। इस वर्ष का तो आंकड़ा काफी भयावह है। वर्ष 2019 में सिर्फ नौ महीने के भीतर दुष्कर्म की 1,350 घटनाएं घटी हैं।
ये आंकड़े पुलिस की निष्क्रियता को भी बयां करती है। यह बात दूसरी है कि इस तरह के अधिकतर कांडों में आरोपित सलाखों के भीतर पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद कई मामले में पुलिस आरोपितों को पकड़ नहीं पाई है। अलबत्ता, पुलिस 97 फीसद मामलों का खुलासा करने व आरोपित को जेल भेजने का दावा करती है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार दुष्कर्म व पोक्सो अधिनियम में स्पीडी ट्रायल करवाया जा रहा है। स्पीडी ट्रायल का ही नतीजा है कि ऐसी घटनाओं के आधा दर्जन आरोपितों को लोअर कोर्ट ने उम्र कैद से लेकर फांसी की सजा तक सुना दी है।
राज्य में किस माह दुष्कर्म की कितनी घटनाएं
माह 2016 2017 2018 2019
जनवरी 70 87 97 102
फरवरी 92 96 111 125
मार्च 126 99 142 114
अप्रैल 108 120 137 176
मई 113 141 152 179
जून 90 122 130 196
जुलाई 105 138 139 151
अगस्त 98 103 136 173
सितंबर 104 112 140 134
अक्टूबर 94 106 94 --
नवंबर 85 98 95 --
दिसंबर 86 116 105 --
कुल 1171 1338 1478 1350
झारखंड में 45 दिनों के भीतर चार्जशीट का है आदेश
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को पूर्व में ही यह आदेश दे दिया है कि दुष्कर्म व यौन शोषण के मामले में जिलों के एसएसपी-एसपी 30 दिनों में जांच पूरी कराएंगे। इसके बाद मामले का पर्यवेक्षण होगा और आरोपितों के विरुद्ध 45 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दिया जाएगा। इसके बाद पुलिस ऐसे कांडों के स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट से आग्रह करेगी, ताकि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई हो सके।
कुछ प्रमुख मामले
केस 01
झारखंड पुलिस हुई फेल, सीबीआइ ने खोज निकाला
रांची के बूटी बस्ती में बीटेक की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या हो गई थी। इस केस में पहले रांची पुलिस, बाद में सीआइडी भी पड़ताल की, लेकिन आरोपित तक नहीं पहुंच सकी। बाद में सीबीआइ ने केस को टेकओवर किया। सीबीआइ एक साल की मशक्कत के बाद अंतत: आरोपित को तकनीकी व मेडिकल साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। आरोपित जेल में बंद है।
केस 02
सात साल में भी नहीं पकड़ा जा सका मासूम से दरिंदगी करने वाला
रांची के डोरंडा में वर्ष 2013 में एक सात साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोटकर हत्या कर दी गई थी। बच्ची का हत्यारोपी सात साल बाद भी आजाद है। पुलिस अबतक आरोपित को पकड़ नहीं सकी है।
केस 03
कांके में लॉ छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, 12 गिरफ्तार
रांची के कांके में लॉ छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना पुलिस तक जैसे ही पहुंची, महज सात घंटे के भीतर पुलिस ने 12 आरोपितों को दबोच लिया। सभी आरोपित जेल में हैं। मेडिकल जांच के अलावा पर्याप्त साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं। फॉरेंसिक रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके बाद पुलिस इनपर चार्जशीट दाखिल कर स्पीडी ट्रायल कराएगी।
केस 04
मासूम को टॉफी के बहाने ले जाकर किया दुष्कर्म, कर दी हत्या
रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र से एक मासूम को टॉफी के बहाने ले जाकर मार्बल मिस्त्री ने सुखदेवनगर क्षेत्र में गला घोटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपित संजय महतो को दबोच लिया था। वह जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।