Move to Jagran APP

रांची में देश की सबसे ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण आज

Ranchi में शनिवार को विवेकानंद की देश की सबसे ऊंची प्रतिमा (33 फीट) स्थापित की जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 12:10 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 12:10 AM (IST)
रांची में देश की सबसे ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण आज
रांची में देश की सबसे ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण आज

संजय कृष्ण, रांची। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर पूरे देश को एक अनूठी सौगात मिलेगी। रांची के बड़ा तालाब में शनिवार को विवेकानंद की देश की सबसे ऊंची प्रतिमा (33 फीट) स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास के कर कमलों से इसका अनावरण होगा। अब डेढ़ सौ साल पुराना बड़ा तालाब भी विवेकानंद सरोवर के नाम से जाना जाएगा।

loksabha election banner

विवेकानंद की यह प्रतिमा एक साल में बनकर तैयार हुई है। इसमें छह टन कांसा व दो टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। यानी कुल आठ टन की यह प्रतिमा है। मूर्तिकार अनिल राम सुतार ने बताया कि यह प्रतिमा देश की सबसे ऊंची प्रतिमा है।

हालांकि विश्व में भी इतनी बड़ी प्रतिमा विवेकानंद की नहीं लगी है। सो, इसे विश्व की भी सबसे ऊंची प्रतिमा मान सकते हैं। नोएडा से यह प्रतिमा तीन खंडों में रांची आई और यहां तीनों खंडों को जोड़कर खड़ा किया गया। जानकारी के अनुसार नागपुर में 21 फीट ऊंची प्रतिमा देश की अब तक सबसे ऊंची प्रतिमा है।

पचास कारीगरों का सहयोग

इस 33 फीट की प्रतिमा निर्माण में करीब पचास कारीगरों ने भी हाथ बंटाया। मुख्य मूर्तिकार 93 वर्षीय राम वनजी सुतार, उनके बेटे अनिल राम सुतार की देखरेख में इसका निर्माण हुआ। कांसे ही यह प्रतिमा काफी खूबसूरत है। अनिल राम सुतार ने बताया कि इस प्रतिमा से रांची की एक अलग छवि भी बनेगी। इसकी लागत करीब दो करोड़ चालीस लाख है। उन्होंने बताया कि रांची के पुराना जेल में लगने वाली बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा भी राम सुतार ही बना रहे हैं।

कौन हैं राम सुतार

राम वनजी सुतार भारत के एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। महाराष्ट्र में इनका जन्म हुआ। नोएडा में इनका विशाल स्टूडियो है। अभी गुजरात में विश्व की सबसे ऊंची पटेल की प्रतिमा का निर्माण भी इन्होंने ही किया है। यही नहीं, कई महापुरुषों की बहुत विशाल मूर्तियों का निर्माण किया है। 1999 में पद्मश्री से अलंकृत किया। इन्हें पद्म भूषण पुरस्कार भी मिला। 2018 में टैगोर कल्चरल अवॉर्ड भी मिला। अभी मुंबई के लिए 250 फीट की भीमराव अंबेडर की प्रतिमा बना रहे हैं। इसके अलावा मुंबई के समुद्र में लगने वाली शिवाजी की 400 फीट की प्रतिमा भी वे बना रहे हैं।

154 वीं जयंती पर हुआ था प्रारूप का उद्घाटन

विवेकानंद की 154 वीं जयंती पर 12 जनवरी 2017 को आडे्र हाउस में इसके प्रारूप का उद्घाटन पर्यटन, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री अमर बाउरी ने किया था। इस मौके पर रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भवेशानंद मूर्तिकार अनिल रामसुतार भी थे। तय था कि 150 वीं जयंती पर यह प्रतिमा अनावृत्त होगी, लेकिन समय से तालाब का काम नहीं हो सका। हालांकि प्रतिमा एक साल से बनकर तैयार थी। हालांकि अभी तक तालाब के सुंदरीकरण का काम पूरा नहीं हो सका है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.