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झारखंड में लोगों के पास होगा बिजली कंपनी चुनने का विकल्प

रांची, जागरण संवाददाता : सोमवार को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा तीन महत्वपूर्ण विनियमनों को अंतिम रूप देने से पूर्व जन-सुनवाई का आयोजन किया गया। नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में सात जिलों हजारीबाग, कोडरमा, गिरीडीह, धनबाद, बोकारो, रामगढ़ व चतरा में दो बिजली कंपनियां मौजूद हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 01:28 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 01:28 PM (IST)
झारखंड में लोगों के पास होगा बिजली कंपनी चुनने का विकल्प
झारखंड में लोगों के पास होगा बिजली कंपनी चुनने का विकल्प

रांची, जागरण संवाददाता : सोमवार को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा तीन महत्वपूर्ण विनियमनों को अंतिम रूप देने से पूर्व जन-सुनवाई का आयोजन किया गया। नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में सात जिलों हजारीबाग, कोडरमा, गिरीडीह, धनबाद, बोकारो, रामगढ़ व चतरा में दो बिजली कंपनियां मौजूद हैं। इसके अलावा सरायकेला-खरसावां में जुसको व जेवीएनएल दोनों मौजूद हैं। जैसे टेलीकॉम सेक्टर में सुधार हुआ है वैसे ही बिजली क्षेत्र में भी लोगों के पास एक कंपनी से दूसरी में स्विच करने का विकल्प मौजूद रहेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिजली नेटवर्क किसी एक कंपनी का रहे इस पर भी राष्ट्रीय स्तर पर विचार चल रहा है। इस सुनवाई में नियामक आयोग के अध्यक्ष के अलावा आयोग के सदस्य आरएन सिंह, सचिव एके झा, वरीय अधिकारी आरपी नायक, चीफ इंजीनियर एसके ठाकुर, टाटा पॉवर व जुसको के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे। आयोग द्वारा कंपनशेसन टू विक्टिम ऑफ इलेक्ट्रिकल एक्सीडेंट्स रेगुलेशन 2018, ऑपरेशन ऑफ पेरलल लाइसेंस रेगुलेशन 2018 व इलेक्ट्रिक सप्लाई कोड 2015 में संशोधन रेगुलेशन पर बदलाव के लिए सुझाव मांगे गए।

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बिजली दुर्घटना में जान-माल की क्षतिपूर्ति के लिए क्या है प्रावधान

बिजली नियामक आयोग द्वारा लाए कंपनशेसन टू विक्टिम्स ऑफ इलेक्ट्रिकल एक्सीडेंट रेगुलेशन में दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत में 4 लाख रुपये, 60 प्रतिशत से अधिक की विकलांगता पर 2 लाख, 40 से अधिक व 60 प्रतिशत या उससे कम पर 60 हजार रूपये देने का प्रावधान है। वहीं एक सप्ताह अस्पताल में एडमिट रहने पर 5 हजार व एक से अधिक सप्ताह होने पर 15 हजार रुपये देने का प्रवधान हैं। इसके अतिरिक्त दुर्घटना राशि पाने के लिए पीड़ित को जूनियर इंजीनियर के पास एक रिपोर्ट सौंपनी पड़ेगी। - कोट -

इन रेगुलेशन के जरिए जहां पैरलल कंपनियां उपलब्ध हैं। वहां लोगों के पास कंपनी स्विच करने का विकल्प होगा। दूसरा बिजली कंपनियों को आम आदमी व बिजली कर्मियों की क्षतिपूर्ति के लिए कानूनी निर्धारण किया जाएगा। तीसरे रेगुलेशन में जहां पहले बिजली लेने के लिए कई कागजात देने पड़ते थे। वहीं अब आवेदन में अंकित आईडी प्रूफ में एक पर्याप्त होगा।

-डॉ अरविंद प्रसाद, अध्यक्ष, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग।


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