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Private Schools: निजी स्‍कूलों के बारे में यह खबर आप भी जानिए... सरकार ने लिया बड़ा फैसला...

Private Schools Jharkhand News निजी स्कूलों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब 45 दिनों में सीबीएसई सीआइएससीई संबद्धता के लिए एनओसी मिल जाएगा। इसे सेवा देने की गारंटी अधिनियम में शामिल किया है। अब सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी की जाएंगी अधिसचूना जारी कर दिया गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 06:37 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 06:45 AM (IST)
Private Schools: निजी स्‍कूलों के बारे में यह खबर आप भी जानिए... सरकार ने लिया बड़ा फैसला...
Private Schools, Jharkhand News: निजी स्कूलों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Private Schools, Jharkhand News निजी स्कूलों के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार निजी स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) तथा काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) से संबद्धता प्राप्त करने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र 45 दिनों में अनिवार्य रूप से प्रदान करेगी। बशर्ते स्कूल इसके लिए आवश्यक अर्हता रखते हों। राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करते हुए इसे झारखंड राज्य सेवा देने की गारंटी अधिनियम, 2011 के दायरे में लाया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।

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राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, निजी स्कूलों को सीबीएसई या सीआइएससीई से संबद्धता प्राप्त करने हेतु एनओसी प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी की जाएगी। निजी स्कूलों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन विभागीय वेबसाइट की ऑनलाइन सर्विस में ऑनलाइन भरे जाएंगे। इसके बाद संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सीबीएसई या आइएससीई द्वारा मान्यता प्रदान करने हेतु निर्धारित अर्हता के आलोक में तथा विभागीय चेकलिस्ट के आधार पर जांच कर प्रतिवेदन अपनी अनुशंसा सहित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को ऑनलाइन प्रेषित किया जाएगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस कार्य को 20 दिनों के अंदर पूरा करना अनिवार्य होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी। निदेशालय द्वारा जांच में स्कूल में कोई कमी या आवेदन में त्रुटि पाई जाती है तो उक्त आवेदन को संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को संशोधित प्रस्ताव उपलब्ध कराने हेतु ऑनलाइन पोर्टल पर ही वापस किया जाएगा।

इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा त्रुटि का निराकरण करते हुए आवेदन दोबारा निदेशालय को ऑनलाइन प्रेषित किया जाएगा। यह प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी की जाएगी। यदि 15 दिनों के अंदर स्कूल द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर वांछित अभिलेख या संशोधन समर्पित नहीं किया जाएगा तो जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कारण स्पष्ट करते हुए आवेदन को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को अग्रसारित किया जाएगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन आवेदन या संशोधित आवेदन की जांच के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा उसे विभागीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति द्वारा जांच में कोई त्रुटि या कमी पाई जाती है तो समिति ऑनलाइन आवेदन अस्वीकृत करने का कारण स्पष्ट करते हुए उसे निरस्त करेगी। आवेदन सही पाए जाने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र समिति के अध्यक्ष द्वारा ऑनलाइन निर्गत किया जाएगा। ये तीनों कार्य 10 दिनों में पूरे किए जाएंगे। अनापत्ति प्रमाणपत्र के आवेदन अस्वीकृत किए जाने पर किसी स्कूल को अपील का अधिकार भी होगा जो कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार लागू होगा।

विभागीय समिति लेगी अंतिम निर्णय

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय स्तर पर प्राप्त सभी ऑनलाइन आवेदनों की विधिवत जांच कर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने हेतु एक समिति भी गठित की है। इस समिति में शिक्षा सचिव द्वारा मनोनीत संयुक्त सचिव स्तर के एक पदाधिकारी अध्यक्ष होंगे जबकि माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक या अवर सचिव तथा दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के सदस्य होंगे।


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