सरकार सख्त, हड़ताली मनरेगाकर्मियों पर लागू होगा 'नो वर्क नो पे'
राज्य के सभी जिलों के डीसी और डीडीसी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे हड़ताल पर गए मनरेगा कर्मियों पर नो वर्क नो पे का सिद्धांत लागू करें।
राज्य ब्यूरो, रांची : कोरोना महामारी के समय हड़ताल पर गए मनरेगा कर्मियों के व्यवहार को अमानवीय बताते हुए ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने इनसे सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य के सभी जिलों के डीसी और डीडीसी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे हड़ताल पर गए मनरेगा कर्मियों पर 'नो वर्क नो पे' का सिद्धांत लागू करें। इतना ही नहीं उन्होंने मौजूदा समय में मनरेगा की महत्ता को देखते हुए मनरेगा कार्यों का क्रियान्वयन प्रखंड विकास पदाधिकारी की देखरेख में कराने का निर्देश दिया है। कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी का कार्य करेंगे और जनसेवक व पंचायत सचिव रोजगार सेवक के कार्य को देखेंगे। साथ ही स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जोड़ने का निर्देश दिया गया है।
ग्रामीण विकास सचिव ने कहा कि मनरेगा द्वारा संचालित योजनाओं के तहत काम शुरू कर श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अफसरों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि रोजगार के अभाव में श्रमिकों का पलायन न हो। उन्होंने हड़ताल के बावजूद काम कर रहे लगभग 60 फीसद मनरेगाकर्मियों की सराहना की। कहा, मौजूदा समय में मनरेगा ही एकमात्र ऐसी योजना है, जिसके द्वारा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में मनरेगा कर्मियों का अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही अत्यंत खेदजनक है।
सचिव ने मुख्यमंत्री द्वारा आरंभ की गई बिरसा हरित ग्राम योजना, जल समृद्धि एवं वीर शहीद पोटो हो खेल योजना के तहत सभी चयनित योजना में कार्य आरंभ करवा कर रोजगार सृजन का निर्देश दिया। स्पष्ट कहा कि सरकार के स्तर से चयनित सभी योजनाओं का कार्य समय पर पूरा हो।
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