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प्राइवेट हॉस्पिटल और लैब में सरकारी जांच किट की अवैध बिक्री की आशंका

रांची प्राइवेट हॉस्पिटल एवं लैब के संचालकों की नजर अब कोरोना वायरस के संक्रमण जांच करने के सरकारी टेस्ट किट पर है। इनके द्वारा गलत ढंग से रैपिड एंटीजन किट से कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है जबकि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इनके द्वारा गलत ढंग से सरकारी जांच किट हासिल कर ऐसा किया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी उपायुक्तों को पत्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 01:35 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 01:35 AM (IST)
प्राइवेट हॉस्पिटल और लैब में सरकारी जांच किट की अवैध बिक्री की आशंका
प्राइवेट हॉस्पिटल और लैब में सरकारी जांच किट की अवैध बिक्री की आशंका

रांची : प्राइवेट हॉस्पिटल एवं लैब के संचालकों की नजर अब कोरोना वायरस के संक्रमण जांच करने के सरकारी टेस्ट किट पर है। इनके द्वारा गलत ढंग से रैपिड एंटीजन किट से कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है, जबकि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इनके द्वारा गलत ढंग से सरकारी जांच किट हासिल कर ऐसा किया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर इसे लेकर आगाह किया है।

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स्वास्थ्य सचिव ने उपायुक्तों से कहा है कि यह नोटिस में आया है कि कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोरोना की जांच बिना राज्य सरकार की स्वीकृति के कर रहे हैं। उन्होंने यह आशंका जताई है कि इनके द्वारा गलत तरीके से रैपिड एंटीजन टेस्ट किट खरीदे जा रहे हैं। ऐसे हॉस्पिटल, लैब के संचालक या कोई अन्य व्यक्ति जिला स्वास्थ्य प्रशासन या सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मियों साथ मिलीभगत कर रैपिड एंटीजन टेस्ट किट खरीद रहा है। उन्होंने ऐसे लोगों की करतूत सामने लाने तथा उनपर कानूनी कार्रवाई करने के लिए उड़नदस्ता गठित करने के निर्देश उपायुक्तों को दिए हैं। उड़नदस्ता में जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने को कहा है। उन्होंने ऐसे लोगों से जुड़ी शिकायतें प्राप्त करने के लिए शिकायत सेल गठित करने तथा प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा है। उन्होंने प्राइवेट हॉस्पिटल एवं लैब में नियमित रूप से छापेमारी करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सैंपल लेने समय आरटी-पीसीआर एप के माध्यम से रैपिड एंटीजन जांच किट के लॉट / सीरियल नंबर दर्ज करना अनिवार्य करने के भी निर्देश सभी उपायुक्तों को दिए हैं। कहा है कि जिस तरह स्टेट वेयरहाउस में जांच किट के रिकॉर्ड रखे जाते हैं, उसी तरह जिला व प्रखंड स्तर पर भी इसकी व्यवस्था हो।

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आरटी-पीसीआर का पैसा लेकर कर सकते हैं रैपिड एंटीजन टेस्ट :

स्वास्थ्य सचिव ने यह भी आशंका जताई है कि आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन - पालीमरेज चेन रिएक्शन) मशीन से कोरोना की जांच महंगी तथा रैपिड एंटीजन किट से जांच सस्ती होने के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल या लैब मरीजों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हों। मरीजों से जांच के लिए आरटी-पीसीआर के लिए पैसे लिए जा रहे हों, जबकि जांच गलत ढंग से रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा हो। उन्होंने ऐसे प्राइवेट हॉस्पिटल एवं लैब में छापेमारी कर ऐसी धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने तथा लोगों के बीच जागरूकता लाने के निर्देश दिए हैं।

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